Poll

Do you think traveling in hill buses are safe & comfort ?

Yes
3 (12%)
No
17 (68%)
Not at all
3 (12%)
Can't say
2 (8%)

Total Members Voted: 25

Author Topic: Increasing Road Accidents In Uttarakhand - उत्तराखंड मे बढ़ती सड़क दुर्घटनायें  (Read 35479 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Road accidents taking heavy toll in Uttarakhand
« Reply #100 on: January 11, 2009, 11:50:25 AM »
 Road accidents taking heavy toll in Uttarakhand

Dehradun (PTI): Road accidents are taking a heavy toll in Uttarakhand as large number of tourists and pilgrims were killed during the past two years in the state which is known as 'Devbhumi' (abode of God).

At least 543 people, mostly tourists, were killed during 2008 in road mishaps and most of them occurred during the pilgrimage season, according to a latest official data.

Besides this, another 1,164 were injured during the same period, says the data available with the Disaster Management and Mitigation Centre (DMMC), a state government nodal agency set up for dealing with disasters in the state.

In 2007, 400 people were killed and 1,143 others injured in various accidents.

In some of these accidents, landslides are stated to be the culprit. But lax driving and poor infrastructure contribute to the fatalities. Tehri district bore the brunt of the accidents where 131 people were killed in different accidents last year.

In a way, these road accidents affect tourism. "When such accidents occur, people are scared of travelling by buses," said Giridhar Sharma, a travel agent.

The state which has four religious shrines -- Badrinath, Kedarnath, Yamunotri and Gangotri -- attracts lakhs of pilgrims every year. They do come, but there is no surety that they will return safe.

Take the case of Lambagar, a total of 50 road accidents occurred in this obscure place in Chamoli district leading to Badrinath shrine in the past three years.

"The government should improve the connectivity to these shrines and try to minimise the risk in travelling," said an official of the Tourism Department.


हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
Pithoragarh: Two SSB personnel killed in accident
« Reply #101 on: January 20, 2009, 10:23:20 AM »
Two Sashastra Seema Bal (SSB) personnel were killed while another injured seriously when a truck, in which they were travelling, fell into a gorge in Pithoragarh district, police said here.

The incident occurred late last night at Bicholikhal area in the district when the vehicle, which was going to Jhulaghat from Pithoragarh, fell into the gorge.

The driver of the truck, an SSB man, died on the spot while another succumbed to his injuries in Pithoragarh district hospital, the police said.

The injured is also struggling for life in the hospital, they added.

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
देहरादून, जागरण संवाददाता: पहाड़ी मार्गो पर अगर वाहनों को खाई में गिरने से बचाया जाए तो हर साल यहां होने वाले हादसों में होने वाली मौतें काफी कम हो जाएंगी। बलखाती सड़कों के तीखे मोड़ ही अधिकतर हादसों के कारण होते हैं। यहां 257 स्थान ऐसे हैं, जहां पैराफिट बनाकर हादसे की आशंका खत्म की जा सकती है। पुलिस ने इन जगहों की सूची संबंधित विभागों को दे दी है। डीजीपी के मुताबिक अगले यात्री सीजन के दौरान हादसों को कम करने के लिए विभाग की ओर से कवायद की जा रही है। पहाड़ की बलखाती सड़कें यात्रियों की मौत का सबब बनती रही हैं। यात्रा सीजन के समय तो यहां हादसों की बाढ़ सी आ जाती है। राज्य में बीते साल ही 1200 के लगभग सड़क हादसे हुए। इनमें लगभग हजार लोगों ने जान गंवाई, जबकि गंभीर रूप से घायल होने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। चार धाम यात्रा के समय मैदानी इलाकों से काफी संख्या में वाहन आते हैं। इसी दौरान हेमकुंड साहब की यात्रा भी होती है। इसके चलते पहाड़ी सड़कों पर यातायात बेहद ज्यादा होता है। इन सड़कों पर हादसों को कम करने के लिए पुलिस लगातार कवायद कर रही है। हालांकि बीते तीन साल के आंकड़े हादसों में लगातार इजाफा होने की तरफ ही संकेत कर रहे हैं। इसलिए इस बार यात्रा सीजन शुरू होने से पहले पुलिस ने हादसों की रोकथाम की कवायद शुरू कर दी है। पुलिस ने 257 ऐसे स्थान चिह्नित किए हैं, जहां बेहद खतरनाक मोड़ हैं। पिछले दिनों हुए हादसों का विश्लेषण करने से पता चला कि हादसों की भयंकरता इसलिए ज्यादा रही कि वाहन खाई में गिर गए। वाहनों को अगर खाई में गिरने से बचाया जा सके तो मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है। इसलिए इन खतरनाक मोड़ों पर वाहनों को हादसों से बचाने के लिए पैराफिट बनाने का सुझाव दिया गया है। डीजीपी सुभाष जोशी के मुताबिक पैराफिट वाहनों को खाई में गिरने से बचाएंगे। इससे मौतों की संख्या में कमी आएगी। उनके मुताबिक ऐसे स्थानों की सूची संबंधित विभागों को सौंपी जा चुकी है। इन पर निर्माण कर यात्रा को निरापद बनाया जा सकता है।
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
22 injured in accident : New Tehri (Uttarakhand)
« Reply #103 on: April 21, 2009, 12:06:46 PM »


See this tragic news.

================

New Tehri (Uttarakhand), Apr 20 : At least 22 people were injured when a bus in which they were travelling fell into a deep khud in Bhagipuram area near here today, police said.

The accident occurred when the driver took a sharp turn and lost control over the vehicle, they said.

The bus was plying from Guttu area of Tehri to New Tehri.

All the injured have been rushed to nearby hospitals where condition of four of them was stated to be critical, they said.

http://www.samaylive.com/news/22-injured-in-accident/619360.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

in rainy reasons the accidents cases always rise in Uttarakhand hill areas. Govt must ensure some kind of safety measures in this regard.


Rajen

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,345
  • Karma: +26/-0
तीस किमी के दायरे में तीस दुर्घटनास्थल   Jagran News Nov 20

देहरादून। देहरादून के तीस किमी के दायरे में तीस से अधिक ऐसे स्थान हैं जहां हमेशा ही दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यातायात पुलिस भी इन स्थानों को खतरनाक मानती है। पुलिस की ओर से यह स्थान वेबसाइट पर भी डाले गए हैं। बावजूद इसके इन स्थानों पर निगरानी में हमेशा ही कंजूसी बरती जाती है।

राजधानी में सड़क दुर्घटना कोई नई बात नहीं है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इसका ग्राफ प्रतिवर्ष बढ़ रहा है। तेज रफ्तार वाहन, यातायात के नियमों का उल्लंघन करते चालक और लोगों की जल्दबाजी, इन दुर्घटनाओं का सबब बन रही है। देहरादून शहर पर नजर डालें तो यह तीस किमी के दायरे में सिमटा हुआ है। इस तीस किमी के दायरे में ही तीस से अधिक ऐसे स्थान हैं जहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे स्थान या तो चौक हैं या फिर मोड़, जहां यातायात पुलिस की गैर मौजूदगी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए यातायात पुलिस ने इन स्थानों को अपनी वेबसाइट पर भी डाला हुआ है। वैसे तो वेबसाइट पर 49 ऐसे स्थानों का जिक्र हैं, जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। घंटाघर को केंद्र मानते हुए यदि तीस किमी का दायरा खींचा जाए तो तीस से अधिक स्थान इसी दायरे में आते हैं। इन स्थानों पर नजर डालें तो कई स्थान ऐसे हैं जहां गाहे-बगाहे ही यातायात पुलिस ड्यूटी देती है। इनमें कौलागढ़ चौक, जीएमएस रोड, वाडिया इंस्टीट्यूट के पास, लच्छीवाला से पहले मणि माई मंदिर, लक्ष्मण सिद्ध मोड़ से कुंआवाला के बीच, प्रभात डेरी चकराता रोड, शिमला बाइपास तिराहा, डायवर्जन से मैगी प्वाइंट, सहस्त्रधारा क्रासिंग, सुद्धोवाला, डीआईटी कालेज के पास, होटल पैसेफिक के सामने व झाझरा आदि शामिल हैं, जबकि इन मार्गो पर दुर्घटनाएं दोपहर व रात को भी हुई हैं। इस संबंध में एसएसपी अभिनव कुमार का कहना है कि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधार के लिए पुलिस अन्य विभागों से भी सामंजस्य बिठा कर काम कर रही है। कुछ जगहों पर कार्य प्रगति पर भी है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में डिवाइडर बनाने की कार्यवाही भी की जा रही है।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
उत्तराखंड मैं दुर्घटनाएं तब तक होती रहेंगीं जब तक की यहाँ की सडकों के हालत ठीक नहीं की जाती हैं,और ये कोई नयी बात नहीं की उत्तराखंड मैं ये घटनाएँ तो होती रहती हैं !ये ख़ास कर पहाड़ी इलाकों मैं तो सड़कों की हालत खस्ता हैं यहाँ  पहाड़ी भाई सड़कों का ठेका लेकर पैसे तो खा जाते हैं है और चालु काम करवाते है,

ये पहाड़ी ठेकेदार एक कट्टा सीमेंट मैं २० कट्टे बाजारी मिलाते है हैं और सब अपने गोदामों जमा कर देते है कुछ दिनों के पता चल्या है की ठेकेदार साहब की अपनी बिल्डिंग बन रही है, जब तक हमारे पहाड़ मैं ये दो नंबर के कामों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है!

 तब तक ये गह्त्नाएं तो होती रहेगी और दूसरी बात है हमारे पहाड़ी ड्राईवर भी दारु पिने के बाद मस्त होकर गाडी चलाने मैं अपनिआप को बहुत ही बहादुर समझते है !

Rajen

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,345
  • Karma: +26/-0
लाखों खर्च, फिर भी जान जोखिम में   

पुरोला (उत्तरकाशी)। मोरी प्रखंड के गोविन्द पशु विहार क्षेत्र में लोनिवि व वन्य जन्तु विहार ने तीन वर्षो से लाखों रुपये खर्च कर दिए, लेकिन मोटरमार्ग आज भी दयनीय हाल में है।

क्षेत्र के सांकरी तालुका हल्का वाहन मोटरमार्ग खस्ताहाल में है। इससे जीमगाड़, पूर्ती खड्ड पर ग्रामीण जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर है। हालात इस कदर है कि गदेरों में तीन वर्ष पूर्व आये मलबे के चलते छोटे वाहनों को सामान लाने ले जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण ढ़ाटमीर, औसला, गंगाड, पंवाणी के ग्रामीणों को खाद्यान्न सामग्री और अपनी नगदी फसलें लाने ले जाने में खच्चरों का तिगुना भाड़ा देना पड़ रहा है।

दूसरी ओर सरकारी महकमे के हाल इस कदर है कि हर वर्ष मिलने वाले विभागीय बजट के अतिरिक्त शासन वन्य जन्तु विहार को सांकरी से तालुका तक हलारा पूर्ति गाड़, जीम गाड़ स्लीप जोन का मलवा हटाने और तालुका तक हल्का वाहन मोटर मार्ग खोलने के लिए गत वर्ष 34 लाख रुपये स्वीकृत किए। वन्य जन्तु विहार ने 11 लाख रुपये लोनिवि को दिए, लेकिन लोनिवि ने धन राशि में मात्र 360 मीटर मलवा हटाने में ही खर्च कर दी। शेष 23 लाख रुपये शासन के द्वारा आज तक भी अवमुक्त नहीं किए।

इतना ही नहीं गोविन्द पशु विहार के निदेशक गिरजा शकंर पाण्डेय ने भी वर्ष क्षेत्र के मार्गो की स्थिति व ग्रामीणों की दिक्कतों को देख कर 36 लाख रुपये की शासन से मांग की, लेकिन यह राशि भी आज दिन तक नहीं मिल पायी। इस कारण क्षेत्र के हलका वाहन मार्गो की स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
क्या कभी सुधर सकती हैं उत्तराखंड में हिने वाली सड़क दुर्घटनाएं,क्यों नहीं अगर सडको को चौड़ा और मजबूत बनाया जाय, लेकिन ये सब करगा कौन सभी तो अपने मतलब के लिए काम करते हैं और काम पोर होने के बाद ये प्तालागते हैं की किसने कितना कमी है,बजाए ये देखने की सड़कों का काम कैसा हुवा और कितना अच्छा हो सकता है, कहीं भी जब सड़कों का काम पूरा होने के बाद सायद ही कोई पर्यटन मंत्री या कोई अधिकारी उन सड़कों का मुयाना करता होगा जिसका की काम पूरा हो जाता है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
15 killed as bus falls into gorge in Uttarakhand - Ranikhet-Haldwani
« Reply #109 on: November 15, 2010, 02:29:33 PM »
            Dehradun: At least 15 persons were killed and 18 others injured when a state-owned bus  skidded off Ranikhet-Haldwani state highway and fell into a gorge. 
     
The bus, which was on its way to Delhi from Ranikhet, fell into the gorge at Bhajon area after its driver allegedly lost control over the wheels.     

Eleven bodies were recovered in the first few hours. The toll increased later on. 
     
The injured were rushed to nearby hospitals and rescue operations began soon after.
    Chief  Minister Ramesh Pokhiryal has ordered an inquiry and announced an ex- gratia payment of  [font=4e60208b5715068d04eabb98#0c0100]R[/font]s. 50 thousand to the family of dead.

With PTI inputs


Read more at: http://www.ndtv.com/article/india/15-killed-as-bus-falls-into-gorge-in-uttarakhand-66259?cp

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22