Poll

क्या खडिया के खान उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रो मे रोज़गार पैदा कर सकते है ?

Yes
19 (67.9%)
No
9 (32.1%)

Total Members Voted: 28

Voting closes: February 07, 2106, 11:58:15 AM

Author Topic: Khadia Mines In Uttarakhand - खडिया के खान  (Read 37937 times)

पंकज सिंह महर

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इस खनन कार्य से जहां एक ओर सीमित वर्ग का फायदा हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा नुकसान वहां की आम जनता को होता है। भारी-भरकम ट्रकों से टूटी सड़कें, सड़क के किनारे पड़े खड़िया के बोरों से गिरी खड़िया से सनी हुई सड़कों पर आम जनता का पैदल चलना भी मुहाल हो गया है। आये दिन बच्चे-बूढ़ों के साथ दुर्घटना होती रहती हैं। शासन-प्रशासन इस बारे में खामोश है, प्रशासनिक लोगों का कहना है कि "कायदा तो यह है कि खड़िया की लोडि़ग के लिये ठेकेदारों को सड़क का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये, उन्हें सड़क के किनारे जमीन लेकर लोडि़ग ट्रेक बनाना चाहिये"। लेकिन किसी ने देखा, ऎसा होते हुये, खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते इन बाहरी लीजधारकों को हमारी आम जनता के सुख-दुःख की परवाह कहां है?

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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I would strongly say there is absolute possiblity of setting up small industry of khadia product in Hill area.

Govt must look into this issue and some industerialist can be given concession to set-up factories in hill areas of this product.

इस खनन कार्य से जहां एक ओर सीमित वर्ग का फायदा हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा नुकसान वहां की आम जनता को होता है। भारी-भरकम ट्रकों से टूटी सड़कें, सड़क के किनारे पड़े खड़िया के बोरों से गिरी खड़िया से सनी हुई सड़कों पर आम जनता का पैदल चलना भी मुहाल हो गया है। आये दिन बच्चे-बूढ़ों के साथ दुर्घटना होती रहती हैं। शासन-प्रशासन इस बारे में खामोश है, प्रशासनिक लोगों का कहना है कि "कायदा तो यह है कि खड़िया की लोडि़ग के लिये ठेकेदारों को सड़क का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये, उन्हें सड़क के किनारे जमीन लेकर लोडि़ग ट्रेक बनाना चाहिये"। लेकिन किसी ने देखा, ऎसा होते हुये, खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते इन बाहरी लीजधारकों को हमारी आम जनता के सुख-दुःख की परवाह कहां है?

पंकज सिंह महर

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सरकार को लीज देने से समय कुछ बातों का ध्यान रखना ही चाहिये, यथा : स्थानीय लोगों की एक समिति बने (सहकारिता के माध्यम से) जो लीज की मांग करे और सरकार इन सहकारी समितियों को प्राथमिकता दे।
२- जो कम्पनी लीजधारक है, उसकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिये कि जिस गांव से वह खडिया का खनन कर रहा है, उस गांव के प्राथमिक विकास में वह ५० प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करे।
३- कम्पनी को लीज देने से पहले खडि़या के मार्केट रेट सरकार तय करे और हर तीन महीने में उसका पुनरीक्षण किया जाय।
४- कम्पनी को लीज इसी शर्त पर दी जाय कि वह कम से कम ग्राइन्डिंग (पीसने वाली मशीन) इकाई उसी क्षेत्र में स्थापित करे और १०० % स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार दे।
५- खड़िया खनन से अगर किसी प्रकार का भू-स्खलन होता है तो उसकी १०० % क्षतिपूर्ति लीजधारक कम्पनी ही करेगी।

हेम पन्त

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Uchit vichar hain Pankaj Da.... iske alawa majdooro ke swasth sambandhi maamlo ke liye bhi Khadan Malik ko jimmedar banana hoga... medical insurance compulsary hoga tabh ye ho payega...

सरकार को लीज देने से समय कुछ बातों का ध्यान रखना ही चाहिये, यथा : स्थानीय लोगों की एक समिति बने (सहकारिता के माध्यम से) जो लीज की मांग करे और सरकार इन सहकारी समितियों को प्राथमिकता दे।
२- जो कम्पनी लीजधारक है, उसकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिये कि जिस गांव से वह खडिया का खनन कर रहा है, उस गांव के प्राथमिक विकास में वह ५० प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करे।
३- कम्पनी को लीज देने से पहले खडि़या के मार्केट रेट सरकार तय करे और हर तीन महीने में उसका पुनरीक्षण किया जाय।
४- कम्पनी को लीज इसी शर्त पर दी जाय कि वह कम से कम ग्राइन्डिंग (पीसने वाली मशीन) इकाई उसी क्षेत्र में स्थापित करे और १०० % स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार दे।
५- खड़िया खनन से अगर किसी प्रकार का भू-स्खलन होता है तो उसकी १०० % क्षतिपूर्ति लीजधारक कम्पनी ही करेगी।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Exactly Pankaj Da,

By doing so a lot of people will get job there. This is that need of the hour in Uttarakhand. If 1000 or 2000 people get job at different place where Khaida is being dugged at present, this will be good initiative.

सरकार को लीज देने से समय कुछ बातों का ध्यान रखना ही चाहिये, यथा : स्थानीय लोगों की एक समिति बने (सहकारिता के माध्यम से) जो लीज की मांग करे और सरकार इन सहकारी समितियों को प्राथमिकता दे।
२- जो कम्पनी लीजधारक है, उसकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिये कि जिस गांव से वह खडिया का खनन कर रहा है, उस गांव के प्राथमिक विकास में वह ५० प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करे।
३- कम्पनी को लीज देने से पहले खडि़या के मार्केट रेट सरकार तय करे और हर तीन महीने में उसका पुनरीक्षण किया जाय।
४- कम्पनी को लीज इसी शर्त पर दी जाय कि वह कम से कम ग्राइन्डिंग (पीसने वाली मशीन) इकाई उसी क्षेत्र में स्थापित करे और १०० % स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार दे।
५- खड़िया खनन से अगर किसी प्रकार का भू-स्खलन होता है तो उसकी १०० % क्षतिपूर्ति लीजधारक कम्पनी ही करेगी।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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See some enlarge photos of Khadia Mines in Reema Area of Bageshwar Distt..



Photo provided by :  Keshav Bhatt Ji (Journalist)




पंकज सिंह महर

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मेरे गांव देवलथल का भी कुछ ऎसा ही हाल है स्टिल फोटो तो नहीं है, कुछ सेटेलाइट तस्वीरें विकिमेपिया से ली हैं,



 

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