Author Topic: Major Development News Of Uttarakhand - उत्तराखंड के विकास की प्रमुख खबरे  (Read 101130 times)

Rajen

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बिजली और पानी के लिए॒किसान सभा भड़की (Amar Ujala)

अल्मोड़ा। राज्य में पानी और बिजली का संकट दूर करने, बिजली की कटौती पर रोक लगाने और पानी को बचाने के लिए॒दूरगामी नीति बनाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर उत्तराखंड किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में धरना दिया। इस मौके पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकारों की अदूरदर्शिता के कारण राज्य में बिजली और पानी का भीषण संकट चल रहा है। वक्ताओं ने कहा कि पानी की कमी के कारण कई जल विद्युत परियोजनाएं निर्धारित क्षमता से कम बिजली उत्पादन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा की कोसी सहित राज्य की अनेक नदियों का जल स्तर लगातार कम हो रहा है। पेयजल संकट के कारण अनेक गांवों से लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने सरकार पर उत्तराखंड की नदियों और अन्य प्राकृतिक जल संसाधनों को औने पौने दामों में बेचने का आरोप लगाया। वक्ताओं ने कहा कि भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड क्षेत्र में खासकर सुरंग पर आधारित जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण रोका जाना

Rajen

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राज्य के विकास में सहयोग करे विपक्ष ः सीएम (Amar Ujala)


कोटद्वार। मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित मालन और सुखरो पुलों का समारोहपूर्वक लोकार्पण किया। इस मौके पर हुई जनसभा में निशंक ने विपक्ष से राज्य के विकास में सकारात्मक सुझाव देने की अपील करते हुए कहा कि टांग खिंचाई की राजनीति प्रदेश के विकास में अवरोध पैदा करेगी।
मोटाढाक में आयोजित समारोह में मालन और सुखरो पुलों के साथ ही लोनिवि गेस्ट हाउस का मुख्यमंत्री ने पूजा-अर्चना के साथ उद्घाटन किया। अपने संबोधन में निशंक ने तमाम संघर्षों और बलिदानों के बाद मिले उत्तराखंड राज्य को दुनिया में अलग पहचान दिलाने के लिए सभी से सकारात्मक सहयोग की अपील की। कहा कि राज्य के विकास के लिए मिलने वाले सुझावों पर अमल किया जाएगा। कांग्रेस पर व्यक्तिगत आपेक्ष लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हजार चूहे खाकर बिल्ली हज को चली कहावत कांग्रेस पर सटीक बैठती है। उन्होंने कोटद्वार क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक सड़कों के हॉटमिक्स डामरीकरण कराने, इंटर कालेज मोटाढाक को इंटर में विज्ञान की मान्यता और पुस्तकालय के लिए पांच लाख रुपये सहित कुछ लोगों को इलाज के लिए विवेकाधीन कोष से धन देने की घोषणा की। विधायक शैलेंद्र रावत, पूर्व विधायक भारत सिंह रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश ध्यानी, मंडल अध्यक्ष हर्षवर्द्धन बिंजोला, महामंत्री मुन्नालाल मिश्रा, डॉ. गोविंद सिंह बिष्ट सहित कई वक्ताओं ने क्षेत्र की समस्याएं उठाईं। संचालन जगमोहन रावत ने किया। इस दौरान बसपा नेता डॉ. डीसी बुड़ाकोटी, कांतिप्रसाद आर्य, जगदीश मेहरा, आशा डबराल, गीता बुड़ाकोटी और गोदा रावत ने अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया। समारोह में मोहनलाल बौंठियाल, दर्शनी रावत, शशि नैनवाल, मीरा रतूड़ी, उमेश त्रिपाठी, राजेंद्र अणथ्वाल, अमीर अहमद कादरी, आदि पार्टी नेता भी मौजूद थे।

lpsemwal

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I would like to inform the members about selection of development project from uttrakhand in e-agriculture award:
Pl. open link:

http://www.eindia.net.in/2010/awards/

kindly support through voting for apple service project implemented by Shri jagdamba samiti:

सत्यदेव सिंह नेगी

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    खेत छोड़, नदियों में उतरे ट्रैक्टर  कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल)। कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में ट्रैक्टर खेती में कम, नदियों में अधिक नजर आ रहे हैं। दरअसल, क्षेत्र में लोग ट्रैक्टर खेती के बजाए नदियों से खनन के लिए ही खरीद रहे हैं। कहना गलत न होगा कि आज खनन कोटद्वार-भाबर में मुख्य व्यवसाय बन चुका है।
एक समय था जब कोटद्वार-भाबर में खेती काफी अच्छी होती थी। जैसे-जैसे क्षेत्र में बसागत बढ़ती गई, खेती कम होती चली गई और हालात यह है कि पूरे क्षेत्र में कृषि भूमि नाममात्र की रह गई है। हालांकि, सरकारी आंकड़ों में आज भी कोटद्वार-भाबर में उतनी ही कृषि भूमि है, जितनी साठ के दशक में हुआ करती थी। दरअसल, क्षेत्र में पिछले 40 वर्षो से भूमि बंदोबस्त नहीं हुआ है, जबकि नियमानुसार प्रत्येक 20 वर्ष बाद भूमि बंदोबस्त होना अनिवार्य है। क्षेत्र में अस्सी-नब्बे के दशक में गिने-चुने ट्रैक्टर होने के कारण काश्तकार किराए पर ट्रैक्टर लेकर अपने खेतों में जुताई करते थे, लेकिन आज स्थितियां पूरी तरह उलट हैं। क्षेत्र में खेती की जमीन नाममात्र की रह गई है, लेकिन ट्रैक्टरों की तादाद बेहिसाब है। दरअसल, जब से क्षेत्र की मालन, सुखरो व खोह नदियों में चुगान के नाम पर खनन शुरू हुआ, क्षेत्र में ट्रैक्टरों की बाढ़ आ गई है। आज हालात यह हैं कि क्षेत्र के करीब नब्बे फीसदी ट्रैक्टर खनन में जुटे हुए हैं व स्थानीय बेरोजगारों के लिए रोजगार का सटीक माध्यम बने हुए हैं। ट्रैक्टर फाइसेंस कर उसे सीधे नदियों में ही डाला जा रहा है।

सत्यदेव सिंह नेगी

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एटीएम: सुविधा कम, मुसीबत ज्यादा 
   गढ़वाल। ग्राहकों को त्वरित सेवा उपलब्ध कराने के लिए लगाई गई एटीएम सेवा दगा दे रही हैं। इससे लोगों को मायूस हो कर फिर बैंकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जो एटीएम ठीक भी हैं उन पर ग्राहकों की भारी भीड़ लग रही है। खराब मशीनों को ठीक करने के लिए बैंक अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
इस समय गढ़वाल में चारधाम यात्रा चल रही है। इसलिए प्रतिदिन हजारों की तादाद में तीर्थयात्री यात्रा पर आ रहे हैं। इनमें कुछ यात्री ऐसे भी हैं जो एटीएम के भरोसे सफर पर निकले हैं, लेकिन एटीएम खराब होने से उन्हें भी मायूस होना पड़ रहा है।
उत्तरकाशी। सीमांत जनपद उत्तरकाशी मुख्यालय में बीते छह माह से एटीएम सुविधा ढर्रे पर नहीं है। नगर क्षेत्र में पीएनबी की एक व एसबीआई की दो एटीएम हैं। इनमें पीएनबी की मशीन तो शुरुआत के कुछ दिनों तक चलने के बाद आज तक दुरुस्त नहीं हो सकी है। एसबीआई की दो मशीनों में से एक ही मशीन काम कर रही है। इससे उस पर अत्यधिक दबाव बढ़ रहा है। यात्रा सीजन में तो इस मशीन के बाहर लंबी कतारें लगना आम बात है। लिहाजा यह मशीन भी पूरे दिन काम नहीं कर पाती। इस समस्या के चलते गंगोत्री व यमुनोत्री धाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव उत्तरकाशी में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं स्थानीय लोग भी परेशान हैं। उत्तराखंड कर्मचारी शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष बिशन सिंह राणा ने बताया कि इससे कर्मचारियों में काफी रोष है और इस संबंध में जिलाधिकारी को भी अवगत कराया गया है। सेना के जवान राजेश रमोला, दिग्विजय व मुकेश ने बताया कि वे इन दिनों छुट्टी पर घर आए हैं, लेकिन पिछले कई दिनों से यहां एटीएम से उनके वेतन के पैसे नहीं निकल पा रहे हैं।
रुद्रप्रयाग। मुख्यालय के केदारनाथ तिराहे पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक का एटीएम ग्राहकों के लिए सुविधा से ज्यादा मुसीबत का सबब बना हुआ है। एटीएम सेवा का बाधित रहने से स्थिति ओर विकट हो गई है। बैंक के वर्तमान समय में तीस हजार से अधिक ग्राहक है, लेकिन ग्राहकों के खडे़ होने के लिए बैंक में जगह नहीं है। लेन-देन के लिए ग्राहकों की भारी भीड़ लगी रहती है। एटीएम खराब होने से चार धाम यात्रा पर आने यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं स्टेट बैंक की मुख्य शाखा रुद्रप्रयाग में तैनात बैक अधिकारी अशोक गोयल का कहना है कि इंजीनियरों को बुलाया है, तथा वे एटीएम को ठीक करने में जुटे है।

सत्यदेव सिंह नेगी

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राजमार्ग चौड़ीकरण की भेंट चढ़ा मेटाकुंड स्कूल भवन    पौड़ी गढ़वाल। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 119 के चौड़ीकरण के दौरान राजकीय इंटर कालेज मैटाकुंड ध्वस्त कर दिया गया। उस समय लोनिवि ने भरोसा दिलाया कि सड़क चौड़ीकरण होते ही स्कूल भवन का निर्माण कर दिया जाएगा किन्तु स्कूल अभी तक नहीं बना और बच्चे खुले आकाश के नीचे पढ़ने के लिए विवश हैं।
मुख्यालय से करीब 25 किमी. दूर पौड़ी कोटद्वार मोटर मार्ग पर स्थित राजकीय इंटर कालेज मेटाकुंड का स्कूल भवन सड़क चौड़ीकरण के दौरान सन 2008 में ध्वस्त हो गया। स्कूल भवन टूटने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अनिरुद्ध रावत ने विश्वास दिया कि स्कूल की नई इमारत शीघ्र निर्मित की जाएगी। प्रधानाचार्य शशि मोहन उनियाल ने इसकी सूचना विधिवत जिला शिक्षा अधिकारी को भी प्रेषित की किन्तु स्कूल भवन का निर्माण अब तक नहीं हुआ है और इस स्कूल में अध्ययनरत 325 विद्यार्थी खुले आकाश के नीचे पढ़ने को मजबूर है। बारिश के दिनों में स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है। विद्यालय के प्रधानाचार्य शशि मोहन उनियाल ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान पुश्ता ढहने से स्कूल क्षतिग्रस्त हो गई। तब लोक निर्माण विभाग ने भवन निर्मित करने का विश्वास दिया किन्तु अभी तक स्कूल भवन का निर्माण नहीं किया गया है। अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि अनिरुद्ध भंडारी ने बताया की पत्रावलियां शासन को भेजी गई है किन्तु अभी तक भवन निर्माण की संस्तुति नहीं मिली है। संस्तुति मिलते ही भवन निर्मित किया जाएगा।

सत्यदेव सिंह नेगी

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NEW DELHI: The National Commission for Backward Classes has stepped in to remove a major anomaly by which no backward caste from Uttarakhand has been able to avail reservation in central employment and education since the state came into being eight years ago. The reason: Uttarakhand had not notified its central list of OBCs after it was carved out of Uttar Pradesh in 2002.

   Govt to correct Uttarakhand quota errorSubodh Ghildiyal, TNN, Aug 2, 2010, 01.16am IST  In a key ruling, NCBC said the central list of OBCs for UP would be treated as the central list for Uttarakhand. The commission has asked Union social justice ministry to ask the state to implement the decision.

Uttarakhand’s failure to notify its list of OBCs for 27% quota for central jobs and education for eight years led to a major anomaly in backward reservation. It meant while OBCs were eligible for quota in state jobs and educational bodies, they were ineligible for central reservation.

As a result, OBCs from the hill state were not able to tap quota benefits for elite jobs of UPSC as well as the various middle rung and lower rung jobs in central ministries and PSUs. At the same time, central educational institutions offering professional courses were out of the ambit of backwards from the state.

Abdul Azizi. member, NCBC, said, “The state’s failure to notify the list has deprived OBCs living in Uttarakhand of their legitimate rights to have the advantage and facilities in central government jobs and admissions in institutions under the control of central government. The delay in notifying the central list of OBCs should not affect the public interest adversely. So, we have stepped in.”

Newly-appointed NCBC chairman M N Rao, after taking over last month, moved to plug this gap. In a meeting on July 6, the commission decided to adopt the central list of the parent state for Uttarakhand.       

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Corbett Leela Vilas Announces Special Luxury Accommodation Packages for Independence Day
 
Ramnagar Nainital, Uttarakhand -- (SBWIRE) -- 08/02/2010 -- Corbett Leela Vilas http://www.corbettleelavilas.com/ , one of the best luxury accommodation in Corbett, has announced a special wildlife luxury package with heavy discounts (valid from 13th to 16th August 2010 only), to celebrate India’s Independence Day. So take advantage of this occasion and book your cottage at the earliest for just Rs 9000 per night per couple.

Located very close to the Corbett National Park, the resort is away from the hues and cries of the outside world. It proves to be a magnificent place where you can feel at ease with yourself and at the same time experience some of the true beauties of nature.

So why to choose Corbett Leela Vilas from amongst the rest? Well, simply owing to its magnanimity, hospitality and an eye for precision. This luxury resort of Corbett is equipped with all modern amenities like swiming pool, wi-fi connectivity, mini bar and a tea/coffee maker, hair dyer, 32” LCD TV at each cottage, which let you have a highly comfortable holiday within the wilderness of Corbett National Park. The resort also organizes Corbett safari tours which are specially designed keeping in mind the true spirit and adventure of a wildlife safari tour. These tours to Corbett make sure that they add even more enthusiasm and fervor to each of your wildlife expedition.

“Our spacious and well decorated rooms of independent villas are embellished with classy yet modern furnishings to offer a real treat to your eyes. The private sit out area attached to these cottages open out to vast garden outside, which is filled with multi-colored flowering plants that lets you relax in the lap of nature. Use our indoor & outdoor recreational centers and at the same time enjoy the bonfire nights in the evenings. Even after all this we keep trying to improve our services and control the prices of our packages so that you get full value of your money,” said the GM of Corbett Leela Vilas.

Continuing further he said, “We welcome you all at our state-of-the-art resort which we can proudly claim to be one of its kind. Visit us and feel the difference yourself.

We can assure you that there will be a number of sweet memories that you will be carrying back with yourself.”

http://www.sbwire.com/press-releases/sbwire-52181.htm

सत्यदेव सिंह नेगी

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स्कूलों में कंप्यूटर शट डाउन 
 
   पौड़ी गढ़वाल। कंप्यूटर क्रांति के नाम पर शिक्षा विभाग ने वर्ष 2002 में करीब 14 करोड़ की लागत से जनपद के स्कूलों में 7 हजार से अधिक कंप्यूटर उपलब्ध कराए, लेकिन बहुत कम विद्यालय ऐसे हैं जहां कंप्यूटर ऑन हो रहे हैं। अन्य विद्यालयों में कंप्यूटर शट डाउन ही रहे।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को कंप्यूटर शिक्षा से जोड़ने का उद्देश्य गांव के बच्चे बच्चे को इंटरनेट से जोड़ना था परंतु सरकार का यह ख्वाब पूरा न हो सका और इसके लिए शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार उत्तरदायी है। उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलों में स्थित 1709 विद्यालयों में से 1602 विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू की गई। इसके लिए 8899 कंप्यूटर इन विद्यालयों को उपलब्ध करवाए गए। इन विद्यालयों में जनरेटर की भी व्यवस्था की गई किन्तु जनरेटर चालू करने को मिट्टी तेल की व्यवस्था नहीं की गई। इसके अलावा इन विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों की तैनाती आज भी नहीं की गई है। विद्यालय के अध्यापकों को ही बेसिक ज्ञान देकर विभाग ने दायित्वों की इतिश्री कर दी।
इंटर कालेजों में वर्ष 2002 से अब तक की कंप्यूटर शिक्षा यात्रा पर नजर दौड़ाएं तो कुल 3688 कंप्यूटर बंद पड़े हैं। स्कूलों में निरीक्षण के दौरान पंजिका में कंप्यूटर शिक्षा का कॉलम तक विभाग ने दर्ज नहीं किया है। राइंका चाकीसैंण, तिरपालीसैंण, गुलियारी, नौठा, सांकरसैंण, पैठाणी, दमदेवल, पोखड़ा, नैनीडांडा, चौरीखाल समेत अन्य इंटर कालेजों से कंप्यूटर खराब होने संबंधी शिकायतें विभाग के रजिस्टर में भी दर्ज होती रहीं, लेकिन विभाग कंप्यूटर दुरुस्त नहीं करा पा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी एसएस नेगी से जब इस संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने इस संबंध में बात करने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर कक्षाएं कुछ स्कूलों में प्रभावित हुई लेकिन ऐसे कितनी स्कूल हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। शिक्षा विभाग के इस अधिकारी के बयान से भी साफ झलकता है कि विभाग इस पूरे मामले में जवाब देने से बच रहा है।

सत्यदेव सिंह नेगी

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गढ़वाल में पेयजल निगम ने नहीं खर्च किए 122 करोड़
    पौड़ी गढ़वाल। गढ़वाल मंडल में पेयजल की कमी से जूझ रहा है। जल निगम व जल संस्थान के हाल यह है कि ये दोनों विभाग शासन से अवमुक्त धनराशि का उपयोग नहीं कर पा रहा है। इन विभागों के खाते में 122 करोड़ की धनराशि अवशेष चल रही है। आयुक्त इन विभागों को प्रतिकूल प्रविष्टि तक की चेतावनी दे चुके हैं, किन्तु इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है। गढ़वाल में देहरादून के पास से अधिक 60 करोड़ की धनराशि अवशेष है।
पेयजल की किल्लत से जूझ रहे गढ़वाल मंडल को सरकार ने गर्मियों में पेयजल की कमी को आपदा भी घोषित किया। ऐसे में जल निगम व जल संस्थान को शासन ने धनराशि भी खूब अवमुक्त की किन्तु विभाग खर्च के लिए योजना ही नहीं बना पाया लिहाजा यह धनराशि विभागों के खातों में जमा ही रही। वित्तीय वर्ष 2009-10 की अवशेष धनराशि 122 करोड़ की धनराशि में देहरादून 60 करोड़ की धनराशि खर्च नहीं कर पाया। इसके अलावा पौड़ी 2 करोड़, रुद्रप्रयाग एक करोड़, चमोली आठ, टिहरी 11 व उत्तरकाशी 13 करोड़ की धनराशि खर्च नहीं कर पाया है। विभाग के खातों में अवशेष इस धनराशि पर गढ़वाल मंडल के आयुक्त अजय सिंह नबियाल गुस्से में हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि अवमुक्त धनराशि का उपयोग नहीं होता तो अधिकारियों की प्रतिकूल प्रविष्टि की जाएगी किन्तु अभी तक भी विभाग इस धनराशि खर्च करने की योजना नहीं बना पाए हैं। आयुक्त गढ़वाल मंडल ने अब शासन को रिपोर्ट भेजी है। कमिश्नर गढ़वाल ने कहा कि यदि इस संबंध में जिलाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि बैठक कर धनराशि का उपयोग सुनिश्चित करें।

 

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