Author Topic: Natural Disaster:Cloud Burst in Uttarkashi Chamoli & Other parts of Uttarakhand  (Read 18678 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0



राहत कार्यों की धीमी चाल पर फूटा गुस्सा
Story Update : Friday, August 24, 2012    12:01 AM
[/t][/t] उत्तरकाशी। आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में बेहद धीमी गति से चले रहे राहत कार्यों के मुद्दे पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। उन्होंने तिलोथ पुल पर हुए हादसे के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठाई।
बृहस्पतिवार को भाजपा कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय से जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक व्यवस्थाएं बहाल नहीं हो पाई हैं। गंगोरी पुल, गंगोत्री राजमार्ग सहित तमाम सड़कें व संपर्क मार्ग बहाल नहीं हो पाए हैं। आपदा मद से किए जा रहे कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। तमाम मांगों को लेकर उन्होंने डीएम को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर भाजपा जिला संयोजक जगमोहन रावत, गंगोत्री के पूर्व विधायक गोपाल रावत, सुरेंद्र चौहान, सुभाष नौटियाल, सुधा गुप्ता, नवीन पैन्यूली, परमेश्वर नौटियाल, सत्ये सिंह राणा आदि मौजूद थे।
Source - Amar Ujala

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
“धै” बेजुबान पहाड़े
 http://www.balbirrana.blogspot.in/
 ------------xx----------------------

 सुण ले रे मनखी टक लगे कन्दुडा लगावा, 
 धै मी बेजुबान पहाड़े सुणी ल्यावा,
 कभी रूडी न सुखायी, कभी बरखा न बगायी
 मेरी देली मा अब किले त्रासदी आयी ?
 
 क्वी बिजली का बाना मैमा ताल बडेदिन,
 क्वी सुरंगों ल मेरु पेट फाडदन,
 अब इत्गा पीड़ा सौण, म्यार बस मा नि रायी
 मेरी देली मा अब किले त्रासदी आयी ?
 
 कैन, डाला-बोट काटी कैन, जंगल जलायी,
 रेता बजरी का बाना मेरा नशों मा बेलचा चलायी   
 मेरु गात नंगु कैरी, तुमतें शर्म नि आयी ?
 कागजों मा डाली रोपी, चकडेम बणे,
 प्रयावरण की रक्षा का बाना, तुमुल खूब रुपयां कमाई
 मेरी देली मा अब किले त्रासदी आयी ?
 
 आज विकाश की गंगा मा गरीब बगणा छन,
 जेन मी पहाडू को शोषण करी,
 वों बंगलों मा चैन की नींद स्योणा छन,
 यूँ भू माफिया, जंगल माफियों का जाल मा
 तुमुल मी अडिग हिमालय किले हिलाई ?
 मेरी देली मा अब किले त्रासदी आयी ?
 
 सुण ले रे मनखी टक लगे कन्दुडा लगावा, 
 धै मी बेजुबान पहाड़े सुणी ल्यावा,
 अपणा विकाश का दगडी, मेरु गात भी ढके जावा
 तभी मैमा इन्द्र का बाण, सोणे की शक्ति रैली
 कैकी  कुड़ी-पुन्गडी, पाणी मा नि बगेली
 तब ना मेरी, और ना तुमारी देली मा त्रासदी ह्वेली...
 त्रासदी ह्वेली..........
 
 १७ जून २०१३ (उत्तराखंड में मानसून त्रासदी पर)
 ...........बलबीर राणा “भैजी” 
 रचना मेरे ब्लॉग “अडिग शब्दों का पहरा” में पूर्व प्रकाशित
 और सर्वाध  © सुरक्षित

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Prem Chand Gandhi
अब कहां है वह पुरुष, भीगे नयनों से जो देखता था प्रलय प्रवाह...
...
हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर,
बैठ शिला की शीतल छाँह
एक पुरुष, भीगे नयनों से
देख रहा था प्रलय प्रवाह |

नीचे जल था ऊपर हिम था,
एक तरल था एक सघन,
एक तत्व की ही प्रधानता
कहो उसे जड़ या चेतन |

दूर दूर तक विस्तृत था हिम
स्तब्ध उसी के हृदय समान,
नीरवता-सी शिला-चरण से
टकराता फिरता पवमान |

तरूण तपस्वी-सा वह बैठा
साधन करता सुर-श्मशान,
नीचे प्रलय सिंधु लहरों का
होता था सकरूण अवसान।

:: जयशंकर प्रसाद ::

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
 घनसाली में भिंलगना व बालगंगा नदी का कहर सबसे अधिक नुकसान भिलंगना प्रखंड में हुआ है।
 घनसाली बाजार में तीन मकान, घुत्तू में10 दुकानें, बूढ़ाकेदार में छह दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई है। कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। भिलंगना व नैनबाग के कई गांवों में विद्युत आपूर्ति व संचार सेवा भी ठप पड़ी है।
 --------
 गांव हुए खाली
 घनसाली: दैवीय आपदा की दृष्टि से सबसे संवेदनशील पिंसवाड़ गांव के ऊपर भारी दरार आने से लोगों ने गांव खाली कर दिया गया। इस गांव में 130 परिवार निवास करते हैं। इसके अलावा मेड, मरवाड़ी के ग्रामीणों छानियों की ओर रुख कर रहे हैं।
 ----------
 चार सौ लोगों ने छोड़े घर
 खतरे को देखकर जिले में करीब चार सौ लोगों ने अपने घर छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है।
 कुंडी में भूस्खलन से भागदेई पत्नी जमन सिंह व ममता पत्नी विक्रम सिंह मलबे व पानी के तेज बहाव के साथ में बह गए, ग्रामीणों ने किसी तरहउन्हें बचाया गया

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
(1 ) कंचनगंगा (चमोली) में बदरीनाथ राजमार्ग का तीस मीटर हिस्सा बहने से धाम में दस हजार से अधिक तीर्थयात्री फंस गए हैं। हेमकुंड साहिब तीर्थयात्रा मार्ग पर घांघरिया के पास पैदल मार्ग पर हिमखंड टूटने से तीर्थयात्रा ठप पड़ गई है।

(2 ) घांघरिया से आधा किमी की दूरी पर लक्ष्मण नदी पर निर्मित पैदल पुल बह गया है। इससे हेमकुंड में दो हजार और घांघरियां में छह हजार से भी अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने बदरीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले वाहनों को सुरक्षित जगहों पर रोक दिया है। बदरीनाथ हाईवे पर कंचन गंगा, लामबगड़, रडांग बैंड और हनुमान चट्टी में भारी मलबा आ गया है।

(3 )रुद्रप्रयाग जिले में भी बदरीनाथ और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह मलबा आने और पुश्ता ध्वस्त होने से बाधित हो गए। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी बरसाती गदेरों के उफान में आने से आवाजाही ठप हो गई।

(4 )केदारनाथ में लगभग 700 यात्री फंसे हुए हैं। वहीं मोटर मार्ग पर स्थित पड़ावों पर चार हजार यात्री रुके हुए हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगा दी है। ऋषिकेश पुलिस बैरियर को यात्रा रोकने को कहा गया है।

(5 ) पौड़ी जिले में भी कई स्थानों पर ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद रहने से हजारों यात्री मार्गों पर फंसे रहे। उफान केबाद मंदाकिनी नदी में पेड़ और अन्य सामान के साथ जानवर भी बहते देखे गए। मंदाकिनी में कई छोटे और खाली वाहन भी बह गए हैं।

(6 )हरिद्वार में रविवार शाम गंगा खतरे के निशान से ऊपर 294.7 मीटर पर (खतरे का निशान 294 मीटर) पहुंच गई। जिला प्रशासन ने हाईअलर्ट जारी कर दिया है। आसपास की बस्तियों को खाली कराने का काम शुरू कर दिया है।

(7 )भारी बारिश से हिल बाईपास मार्ग बंद कर दिया है। हाइवे पर जलभराव और पेड़ गिरने से कई बार जाम लगा।

(8 )चारधाम यात्रा रुकने से हरिद्वार में यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। रुड़की के सौत मोहल्ला में सोलानी नदी का पानी घुसने से कई लोग फंसे हुए हैं। पिरान कलियर दरगाह के अंदर जलभराव से इसे जायरीनों के लिए तीन घंटे तक बंद रखा गया। नौ लोगों की जान गई

(9 ) बारिश के दौरान नौ लोगों की जान चली गई। एक व्यक्ति लापता है। देहरादून में शनिवार से लगातार हो रही बारिश एक परिवार पर कहर बनकर टूटी। बारिश में पानी के बहाव के साथ आए पहाड़ी के मलबे ने मिट्ठी बेहड़ी में एक मकान को चपेट में ले लिया। भीतर मौजूद गोरखपुर निवासी परिवार मलबे में दब गया। जब तक मलबा हटाया जाता, तब तक पति-पत्नी और बच्चे की मौत हो गई।

(1 0 )रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में दोपहर बाद भूस्खलन से आए मलबे में दबकर तीन लोगों की मौत हो गई। नौ लोग घायल हो गए। मृतकों व घायलों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। वे यात्री हैं या स्थानीय लोग पता नहीं चल पाया है।

(1 1 )रुद्रप्रयाग में ही केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली में पानी के बहाव में तीन दुकानों के साथ बह गए दो मजदूरों की अस्पताल में मौत हो गई। यहां पांच लोगों को बचा लिया गया। एक घायल व्यक्ति का इलाज चल रहा है।

(1 2 )केदारनाथ राजमार्ग पर बना कुंड पुल भारी बारिश के चलते धंस गया। पुल से एक युवक भी बह गया। टिहरी जिले के लंबगांव में खेत का पुश्ता टूटने से एक बालक मलबे में दब गया। इससे उसकी मौत हो गई।कई लोगों को सुरक्षित निकाला

(1 3 )रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से फिलहाल लगभग एक मीटर नीचे बह रही हैं। हालांकि गौरीकुंड में मंदाकिनी नदी का जल स्तर इतना बढ़ गया है कि घोड़ा पड़ाव के समीप टापू की स्थिति बन आई।

(1 4 )आईटीबीपी और पुलिस की रेस्क्यू टीम ने यहां फंसे 35 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। उधर, श्रीनगर में संगम स्थित पोंडेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना को गए दो साधु और तीन अन्य लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन पानी कम होने का इंतजार कर रहा है।

(1 5 ) देहरादून के सहसपुर चोई बस्ती में बारिश के चलते चोरा खाला उफना गया। इससे बनी गन्ने की चरखी में काम करने वाले सात मजदूर फंस गए। पुलिस ने सभी को सुरक्षित निकाल लिया।

(1 6 ) हरिद्वार में भारी बारिश से दून-दिल्ली नेशनल हाईवे-58 पर रविवार को वाहनों के पहिए थमे रहे। सुबह से देर शाम तक कई बार हाइवे पर जाम लगा। देर शाम हाईवे को वन-वे किया गया। इस दौरान रुड़की वाया-कलियर और लक्सर के रास्ते वाहन हरिद्वार भेजे गए।सुबह आठ बजे पतंजलि के समीप पथरी रो में पानी आने से वाहनों की रफ्तार थम गई। एकाएक रो में पानी का बहाव तेज होने से एक घंटे तक वाहन दोनों छोरों पर खड़े रहे। इसके बाद 12.30 बजे बहादाबाद ब्लॉक के सामने शीशम का पेड़ हाइवे पर गिरने से डेढ़ घंटे हाईवे बंद रहा। इसके बाद ढाई बजे रतमऊ में उफान के चलते सड़क बह गई। इससे हाईवे पर एक घंटे के लिए वाहनों की आवाजाही बंद रही। हाईवे रात आठ बजे एक बार फिर पूरी तरह बंद हो गया है।

(1 7 ) गढ़वाल की 123 सड़कें बंद

(1 8 )पर्वतीय जिलों में शनिवार से लगातार हो रही बारिश से गढ़वाल मंडल में सौ से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। इससे सैकड़ों गांवों का जिला और ब्लाक मुख्यालयों से संपर्क कट गया है।

(1 9 ) पौड़ी जिले में बारिश से पौड़ी देव प्रयाग, बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग समेत करीब 40 सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे इन मार्गों पर वाहनों का पहिया जाम हो गया है। लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुलायम सिंह ने बताया कि बारिश से जिले में 40 सड़कें बंद हैं, बंद सड़कों को खोलने की कार्रवाई चल रही है। लोनिवि के गढ़वाल मंडल के मुख्य अभियंता ने बताया कि मंडल में करीब 123 सड़कें बंद होने की सूचना है।रविवार को दिन तक मिली जानकारी के अनुसार मंडल में पौड़ी जिले में 40, उत्तरकाशी में 16, टिहरी में 17, चमोली में 22, रुद्रप्रयाग में 19, देहरादून में आठ और हरिद्वार में एक सड़क बंद होने की सूचना है।

(2 0 )88 साल का रिकॉर्ड टूटा ...देहरादून में जून में बारिश का 88 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। शनिवार सुबह साढ़े आठ से रविवार सुबह साढ़े आठ बजे के बीच 220 मिलीमीटर वर्षा हुई।रविवार सुबह साढ़े आठ के बाद शाम साढ़े पांच बजे तक 146 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे पहले 28 जून, 1925 को 24 घंटे में 188 मिलीमीटर अधिकतम बारिश हुई थी।मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में देहरादून सहित पूरे प्रदेश में भारी बरसात होने की चेतावनी जारी की है। भारी बरसात से तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Parashar Gaur
"कुदरतो कहर "

ये बसगाल
येसु बसगाल
भैर /भित्तर , छन्यूमा
पाणी ही पाणी !

जै देखि ,
डनडयली / वबरी हिलिनी
ग़ोउर- ब छु रु कांपा ...
धुर्पल्युमा थर्पियु दयबता डैरी !

कूडी चुइनी / फटली चुइनि
उणी चुइनी / कुणी चुइनी
धुर्पली चुइनी ......
इन चुइनी की, जों देखि
आंखियु का आंसू भी कम पड़गी !

पराशर गौर

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
पहाड़ों पर बारिश-बाढ़ का कहर, 68 लोगों के मरने की पुष्टि
मानसून की वक्त से पहले दस्तक पहाड़ों पर कहर बरपा रही है। उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश से सोमवार को हालात बेहद बिगड़ गए।

उत्तराखंड में बारिश का कहर

बाढ़ और बारिश से उत्तराखंड में 40, हिमाचल में 10 और यूपी के सहारनपुर में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।

तस्वीरों में देखिए कुदरत का कहर

चारधाम यात्रा के विभिन्न पड़ावों और धामों में 68 हजार यात्री फंसे हुए हैं। चारधाम के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा भी रोक दी गई है।

उत्तरकाशी से लेकर हरिद्वार और कुमाऊं तक की तमाम नदियां उफान पर हैं।

उत्तराखंड की तबाही से मंत्रालय बेखबर, नहीं पहुंची टीम

सैकड़ों मकान-दुकान, होटल व गाड़ियां उफनती नदियों की भेंट चढ़ गए हैं। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है।

बेकाबू हालात से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार ने सेना, आईटीबीपी की मदद मांगी है।

तस्वीरों में देखिए आसमान से बरसी आफत

सेना के 14 हेलीकॉप्टर तैयार हैं। यूपी में सरसावां और बरेली को बेस बनाया गया है। देहरादून पहुंची राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की टीम खराब मौसम के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने स्वीकार किया कि स्थिति बदतर है। लोक निर्माण विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में 450 सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

मौसम केंद्र निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि मंगलवार शाम के बाद मौसम में कुछ हद तक सुधार की संभावना है। हरिद्वार-दिल्ली राजमार्ग पर कई जगह पानी आ जाने से वाहनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है।

राजमार्ग को रुड़की तक वन-वे करना पड़ा है। जनशताब्दी, हेमकुंड एक्सप्रेस, गंगानगर एक्सप्रेस रद्द होने से यात्रियों ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर जमकर हंगामा किया।

वहीं, वेस्ट यूपी में गंगा और मालन नदी में उफान के कारण देर शाम बिजनौर के बाढ़ प्रभावित रावली और मंडावर इलाकों में सेना बुला ली गई है।

सहारनपुर में बारिश और बाढ़ से मकान की छत गिरने और कार के बहने से 18 लोगों की जान चली गई।

नकुड़ क्षेत्र के गांवों में 24 घंटे से फंसे लोगों को सेना के हेलीकाप्टर की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मेरठ के सरधना में सोमवार को कई मकान जमींदोज हो गए।

कुमाऊं में भी मची तबाही

पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में आईटीबीपी, एनएचपीसी और बीआरओ के 16 भवन, गोरखा रेजीमेंट के 12 बैरक, मोटर पुल, आईटीबीपी के सेला कैंप और मुनस्यारी में पावर हाउस के साथ ही कर्मचारियों के क्वार्टर काली और धौली नदी में बह गए।

नामिक में ग्लेशियर के टूटने से गोरी और काली में बाढ़ आ गई है। नैनीताल जिले में 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश से झील का जलस्तर पांच फीट ऊपर पहुंच गया है।

बाढ़ और बारिश से लगभग सात हजार ग्रामीणों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।

कहां कितने यात्री फंसे
- रुद्रप्रयाग जिले में रुद्रप्रयाग से केदारनाथ के बीच करीब 25 हजार यात्री फंसे हैं।
- उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा पर आए करीब 18 हजार यात्री फंसे हैं।
- चमोली में अलकनंदा के तेज बहाव से बदरीनाथ राजमार्ग जगह-जगह बह गया है।
- बदरीनाथ से गोविंदघाट तक करीब 25 हजार तीर्थयात्री फंसे हैं। जोशीमठ में क्रिकेटर हरभजन अभी भी फंसे हुए हैं।

ट्रैकिंग दल ग्लेशियर में फंसा
गोपेश्वर/जोशीमठ। चमोली सीमा से लगे अरवाताल, घसतोली में 40 सदस्यीय ट्रैकिंग दल फंसे हैं। यह ट्रैकिंग दल गंगोत्री से बदरीनाथ जा रहा था।

http://www.amarujala.com/news/sa


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
उत्तराखंड में बारिश से तबाही

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22