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Proposal For Train Till Bageshwar - टनकपुर से बागेश्वर तक रेल लाईन का प्रस्ताव

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
रेल लाइन की सर्वे को लेकर कवायद तेज

good news for garhwal region of uttarakhand.



जागरण प्रतिनिधि, रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को लेकर रेल विभाग ने सर्वेक्षण की तैयारी शुरु कर दी है। हाइवे पर जगह-जगह रेल लाइन के साइन बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। ऐसे में पहाड़ के लोगों में अब रेल आने की एक बार फिर उम्मीद जगनी शुरु हो गई है।

विगत वर्ष नौ नवम्बर 2011 को गौचर में रेल मंत्रालय के सौजन्य से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का शिलान्यास किया था, और इसके सर्वेक्षण कार्य को शीघ्र पूरा करने करने के लिए संबंधित एजेंसी को निर्देशित किया था। रेल विकास निगम लिमिटेड एजेंसी ने इन दिनों रेल लाइन का सर्वेक्षण कार्य तेजी किया जा रहा है। ऐसे में जिन स्थानों पर सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा, वहां साइन बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। रेल लाइन की कुल लंबाई ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी हैं। रेल की गति सीमा 90 किमी प्रति घंटा रखी गई है। इसके लिए कुल 12 स्टेशन बनाए गए हैं। जिसमें मुख्य स्टेशन ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग एवं कर्णप्रयाग शामिल हैं। इसमें खास बात यह है कि रेल देहरादून जनपद के साथ ही टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग तथा चमोली जनपद से होकर गुजरेगी। सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने के बाद ही रेल लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाएगा। रेल निर्माण की सर्वे कार्य होने से पहाड़ के लोगों में फिर से यहां रेल का सपना पूरा होने की उम्मीद जगनी शुरु हो गई है। यह सभी बाते साइन बोर्ड में अंकित की गई हैं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Again disappointment.

This long outstanding demand of uttarakhand people has been once again ignored
by the Railway minister.

Rajen:
जाका, अल्मोड़ा: रेल बजट में बहुप्रतीक्षित बागेश्वर टनकपुर रेल लाइन को वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद कांग्रेसियों में खुशी का माहौल है। कार्यकर्ताओं ने स्वीकृति मिलने पर मिष्ठान वितरण कर इस फैसले का स्वागत किया।

चौघानपाटा में आयोजित कार्यक्रम में

कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस फैसले के बाद पर्वतीय इलाकों में पर्यटन, उद्यान, व रोजगार के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी खासा विकास होने की संभावना है। इस पहल केलिए कार्यकर्ताओं ने केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत व क्षेत्रीय सांसद प्रदीप टम्टा का आभार प्रकट किया। मिष्ठान वितरण कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष राजेन्द्र बाराकोटी, जिला उपाध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, भूपेन्द्र भोज, पीताबंर पांडे, प्रदीप बिष्ट, कृष्णा सिंह बिष्ट, अवनी अवस्थी, हरीश बिष्ट, हर्ष कनवाल, चंदन कनवाल, शोबन सिंह, देवेन्द्र बिष्ट, संदीप जंगपांगी, परितोष जोशी, गोपाल सिंह, ललित जोशी, परवेज सिद्धीकी, हनी वर्मा समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।

पहाड़ के विकास की जगी उम्मीद : जोशी

अल्मोड़ा : बजट सत्र में रेल मंत्री पवन बंसल द्वारा बागेश्वर- टनकपुर रेल लाइन को हरी झंडी का फैसला पहाड़ के विकास केलिए नई उम्मीद लेकर आया है। पर्वतीय इलाकों की जनता लंबे समय से इस मांग पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस घोषणा के बाद पर्वतीय इलाकों में विकास में तेजी से वृद्धि होगी। कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष व सभासद त्रिलोचन जोशी ने यहां जारी एक बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत लंबे समय से प्रयास कर रहे थे। बजट सत्र में उनकी पहल रंग लाई है। और पर्वतीय इलाकों का वर्र्षो पुराना सपना साकार हुआ है।


http://www.jagran.com/uttarakhand/almora-10169786.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Good news for Uttarakhand, बहुप्रतीक्षित बागेश्वर टनकपुर रेल लाइन की स्वीकृति. रेल बजट में बहुप्रतीक्षित बागेश्वर टनकपुर रेल लाइन को वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद अल्मोड़ा में खुशी का माहौल है। बजट सत्र में रेल मंत्री पवन बंसल द्वारा बागेश्वर- टनकपुर रेल लाइन को हरी झंडी का फैसला पहाड़ के विकास केलिए नई उम्मीद लेकर आया है। पर्वतीय इलाकों की जनता लंबे समय से इस मांग पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस घोषणा के बाद पर्वतीय इलाकों में विकास में तेजी से वृद्धि होगी। Let us see how fast work is executed now after this announcement.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
 बागेश्वर तक रेल- अब तक का सफर

- 1882 में ब्रिटिश सरकार का प्रस्ताव

- 1912 में सर्वे व निर्माण शुरू, फिर बंद

- 1984 में रेलवे ने सर्वेक्षण कराया

- 2004 से आंदोलन शुरू

- 2007 में रेल मंत्री लालू यादव से कौसानी में मुलाकात

- दिसंबर 08 में जंतर मंतर में धरना

- 2009 में पुन: दिल्ली में प्रदर्शन

- 2009 में रेल मंत्री ममता बनर्जी ने दी स्वीकृति

- 2010 व 11 में जंतर मंतर में आमरण अनशन

- 2010-11 में नेशनल प्रोजेक्ट में शामिल
- 2012-13 financial approval by Central Govt for this Project.

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