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Do you feel that the Capital of Uttarakhand should be shifted Gairsain ?

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No
26 (19%)
Yes But at later stage
9 (6.6%)
Can't say
5 (3.6%)

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Author Topic: Should Gairsain Be Capital? - क्या उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण होनी चाहिए?  (Read 193032 times)

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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mere khayal se ham logo ko bhi Dehradun me ek dharana dena chahiye ab.  :)

खीमसिंह रावत

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राजनैतिक लोग ही नही चाहते है कि उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण हो / अगर मन होता तो इतनी देर नही होती/ पहाड़ कि राजधानी पहाड़ मे ही होनी चाहिए/ तभी राजधानी के लिए सारी सुविधाए जुटाए जायेगें / ये रोना ठीक नही है कि वहां पर कुछ सुविधा नही /  आप इस बात से सहमत होंगें कि उत्तराखंड राज्य बनने से विकास ज्यादा हुवा है/

मेरा अनुरोध है कि अपने अपने स्तर,  अपने अपने क्षेत्रों से सभी उत्तराखंडी लोग वर्तमान सरकार पर दबाव बनायें तभी कामयाबी मिल सकती है/ अन्यथा वोट करते रह जायेगे/ जो लोग अपने राजनैतिक मित्रों को अनेक शुभ अवसरों पर शुभ कामना संदेश भेजते है वे लोग बार बार सदेशों के साथ में ये जरुर लिखे राजधानी  गैरसैण बनाओ/
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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NARENDRA SINGH NEGI JI'S SONGS ON CAPITAL ISSUE OF UTTARAKHAND
« Reply #132 on: November 03, 2008, 07:00:29 PM »

Dear Friends,

As you are aware, the capital issue of Uttarakhand is one of the long outstanding issue of UK apart from the formation of the state. T

Noted singer of Uttarakhand Mr Narendra Singh Negi has very well described the Capital issue on the following lines of this.

सभी धाणी देहरादून
होणी खाणी देहरादून
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण
सभी ............................

सेरा गोऊ म बंजेणा-२
सेरा गोऊ म बंजेणा
बिस्वा लाणी देहरादून
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण
सभी ............................

खाल - धार टरकणी -2
खाल - धार टरकणी
खाणी- पीणी देहरादून
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण
सभी ............................

प्रजा पिते धार - खाल -2
प्रजा पिते धार - खाल
राजा-राणी देहरादून
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण
सभी ............................

भै - बन्ध अपणे छीन -२
भै - बन्ध अपणे छीन
हुवे बिराणी देहरादून
सभी ...................
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण

छांछ छ्वाले पहाड़ मा-2
छांछ छ्वाले पहाड़ मा
घीयु की माणी देहरादून
सभी ..........................
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण

टेहरी चमोली पौडी नाघी -२
टेहरी चमोली पौडी नाघी
बैरी खाणी देहरादून
सभी ..........................
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण

सबुन बोली गैरी सैण -२
सबुन बोली गैरी सैण
ऊन सुणी देहरादून सभी ..........................
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण

जल्डा सुखण पहाड़ उ मा -2
जल्डा सुखण पहाड़ उ मा
टुकु टहनी देहरादून
सभी ..........................

छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ -2
मारा ताणी देहरादूण

(The lines have been provided by Mukesh Joshi)

Mukesh Joshi

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राजधानी गैरसैंण से कम पर समझौता नहींNov 04, 01:21 am

देहरादून। उत्ताराखंड की राजधानी गैरसैंण से कम पर समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार को अविलंब दीक्षित आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के साथ ही गैरसैंण को राजधानी घोषित करना चाहिए। यदि सरकार ने इस मामले में जनभावनाओं की अनदेखी की तो उक्रांद जनलामबंदी कर जोरदार आंदोलन शुरू कर देगा। साथ ही सत्ता से हटने में पीछे नहीं हटेगा।

भागीरथी नदी-घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ उक्रांद नेता बीडी रतूड़ी ने सोमवार को प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि गैरसैंण के पक्ष में जनभावनाएं हैं और उक्रांद का भी स्पष्ट मत है कि राजधानी गैरसैंण ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दीक्षित आयोग ने अपनी रिपोर्ट में क्या सुझाव दिया है, इसे सार्वजनिक किया जाना जरूरी है। भले ही आयोग ने कोई भी सुझाव दिया हो, लेकिन राजधानी गैरसैंण ही होनी चाहिए। तभी पहाड़ी राज्य का मकसद सफल होगा। उक्रांद के मुख्य केंद्रीय प्रवक्ता वीरेंद्र मोहन उनियाल 'उत्ताराखंडी' ने कहा कि गैरसैंण राजधानी बनाने को लेकर राज्यव्यापी जागरूकता अभियान जारी है। इस मुद्दे पर राज्य स्थापना दिवस पर नौ नवंबर को गैरसैंण में उपवास रखकर धरना देने का निर्णय लिया है। इसमें दल के सभी शीर्ष नेता भी भाग लेंगे। इस अभियान को लेकर एक्शन प्लान भी तैयार किया गया है और समिति गठित कर लोगों को लामबंद किया जा रहा है। आगामी लोस चुनाव का जिक्र करते हुए श्री उनियाल ने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन कर उक्रांद ने टिहरी समेत दो सीटों पर अपनी दावेदारी की है। अगर उसकी बात नहीं मानी गई तो वह प्रदेश में सभी पांचों सीटों पर अपने बूते चुनाव लड़ेगी। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुखों का चुनाव सीधे जनता से कराने, बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और आदमखोर बाघों के आतंक को देखते हुए प्रभावी कदम उठाने, ठोस कृषि नीति बनाने संबंधी मांगें भी उठाई।


पंकज सिंह महर

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उत्तराखण्ड की राजधानी सिर्फ और सिर्फ गैरसैंण ही होनी चाहिये और वही होगी भी......इस मामले पर राजनीति नहीं दृढ़ इच्छा शक्ति की ज्यादा आवश्यकता है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव का रोना न रोकर सरकार को जनमत का सम्मान करते हुये राजधानी गैरसैंण घोषित कर वहां पर निर्माण कार्य शुरु करा देना चाहिये।
    नवम्बर, २००० में हमारे प्रदेश के साथ ही दो नये राज्यों का और उदय हुआ था, आज उन दोनों प्रदेशों की अपनी-अपनी स्थाई राजधानी मास्टर प्लान के अनुसार बस चुकी है।
किसी से तो सीखो.................................

पंकज सिंह महर

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देवाल (चमोली)। उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन, यज्ञ व पूजा करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही उक्रांद ने राज्य स्थापना दिवस गैरसैंण में मनाने का निर्णय लिया है।

राज्य की स्थाई राजधानी अविलंब गैरसैंण घोषित करने को पार्टी ने पिंडर घाटी के नारायणबगड़, थराली, देवाल विकासखंडों में जन जागरण अभियान चलाया है। अभियान का नेतृत्व कर रहे दल के केन्द्रीय संगठन मंत्री यशपाल सिंह नेगी व जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र रावत ने कहा कि राज्य की स्थाई राजधानी बनाने के लिए 9 नवंबर को गैरसैंण में उपवास भी रखा जाएगा। इसके साथ ही सरकार की सद्बुद्धि के लिए पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति के समक्ष हवन, यज्ञ व पूजा भी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस यज्ञ के लिए समितियों का गठन भी किया गया है। इसमें मुख्य संयोजक विधायक द्वाराहाट पुष्पेश त्रिपाठी को बनाया गया है। देवाल पहुंचे जन जागरण अभियान में जिला संगठन मंत्री पुष्कर फस्र्वाण, ब्लाक अध्यक्ष केदार सिंह रावत, यूथ अध्यक्ष शम्भू कुनियाल, जिला महामंत्री मोहन भंडारी, रितेश कुमार, मदन मोहन कुनियाल, हयात राम, महावीर राम, चंद्र सिंह, केएस गड़िया, पुष्कर गुसांई, हरेंद्र रावत सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे।

हुक्का बू

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आज का अखबार में मैले एक खबर पढ़ी कुंछा रे नान्तिनो,
कि सूचना का अधिकार का अन्तर्गत आइसा का अध्यक्ष इन्द्रेश मैखुरी ले पूछो भल कि यो राजधानी आयोग में कतुक खर्च है गो कै, पत्तो चलिछे कि साठ लाख रूपायां लागी ग्यान भल।

हैंऽऽऽला,
         इतुक पैसांन में त वां आद्दा राजधानी बनी जांली ला, मेरा समझ में यो नी आयो कि यो आयोग बनायो क्या खिने? आयोग-हायोग त वां खिन चांन भ्यो, जां कैसे बात पर विवाद हो, हम सब उत्तराखण्डी लोगन की त एक्के भावना थी कि राजधानी गैरसैंण हो। क्याप अणक्सो काम कर दिनान यार इन नेता साला।

आब नातियो, तुम लोग ले तैयार हो जाओ, पैली त कुनो कि राजधानी गैरसैंण घोषित करो, आब्ब नै ई करला त जांठ, मुंगरा ले तैयार कर लियो, कैसे दिन देहरादूने जा बेर उनारा ख्वार में बरसूला....तब त आली सालान होश।

हुक्का बू

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नान्तिनों कमर कस ल्हियो रे पोथियो, एक बार फिरि,
    पैली बार त तुम लोगन ले घुण-मुणा टेकी बेर उत्तराखण्ड राज्य दिलाई हालो, आब एक बार राजधानी गैरसैंण पूजा दिना त हमार शहीद आन्दोलनकारीन की आत्मा के शांति मिलि झानि यारो......!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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स्थापना दिवस 09 नवम्बर २००८ : समय है उन शहीदों को याद करने का जिनके वलिदान से उत्तराखंड राज्य का सपना साकार हो सका !

हम नमन करते है उनको जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के निमार्ण मे अपनों प्राणों की आहुति दी !


लेकिन उत्तराखंड के शहीदों के सपनो का राज्य अभी तक नही बन पाया ! उत्तरखंड के शहीदों ने उत्तराखंड के विकास के लिए इसकी राजधानी गैरसैण तय की थी जो की अभी भी एक सपना है !

पंकज सिंह महर

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नैनीताल। उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष डा.नारायण सिंह जंतवाल ने कहा है कि राज्य की राजधानी गैरसैंण के अलावा अन्य स्थान दल को मंजूर नहीं है। उन्होंने बताया कि उक्रांद द्वारा राज्य स्थापना दिवस गैरसैंण में मनाया जाएगा।
श्री जंतवाल के मुताबिक गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग राज्य आंदोलनकारियों की प्रमुख मांग है। उन्होंने कहा कि राज्य का जनमत गैरसैंण को राजधानी बनाने के पक्ष में है। राज्य आंदोलन के दौरान गठित समितियों को भी 80 प्रतिशत जनता ने गैरसैंण को राजधानी बनाने के हक में राय दी। उन्होंने कहा कि राज्य के विरोधी लोग गैरसैंण राजधानी बनाने का भी विरोध कर रहे है, जिसका डटकर मुकाबला किया जाएगा। पहाड़ में राजधानी बनने से मैदानी क्षेत्रों के साथ ही सुदूर पर्वतीय अंचलों का विकास तेजी से हो सकेगा, तभी नई औद्योगिक नीति के तहत पर्वतीय जिलों में उद्योग स्थापित होंगे। तभी पलायन पर अंकुश लगने के साथ ही स्वरोजगार व महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों के माध्यम से युवा वर्ग आत्मनिर्भर हो सकेगा। उन्होंने कहा कि भूगर्भवेताओं ने गैरसैंण की भूमि व चट्टानों को नव निर्माण के लिए उपयुक्त बताया है। उन्होंने बेलगाम नौकरशाहों व राज्य विरोधी मानसिकता के राजनेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जनता की ताकत के आगे कोई सफल नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि उक्रांद राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर को गैरसैंण में मनाएगा। इस कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री दिवाकर भट्ट, हिल्ट्रान अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी, पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष बीडी रतूड़ी समेत केंद्रीय समिति के सदस्यों द्वारा उपवास रखा जाएगा।

 

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