खेल मंत्री बैकफुट पर ,धोनी को सम्मानित करेगी सरकारNov 26, 02:38 am
हल्द्वानी(नैनीताल)। दो दिन पूर्व विधानसभा में धोनी को सम्मान दिये जाने की बात पर आनाकानी कर रहे खेल मंत्री राजेन्द्र भण्डारी ने अब धोनी को सम्मान देने की बात कही है। भण्डारी ने कहा है कि उत्तराखण्ड आने पर राज्य सरकार सभी बड़े खिलाड़ियों की ही तरह महेन्द्र सिंह धोनी को भी सम्मानित करेगी।
विधान सभा सत्र के दौरान बसपा विधायक नारायण पाल के प्रश्न में फंस गये खेल मंत्री ने कहा था कि भारत की एक दिवसीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को केवल इस आधार पर सम्मानित नहीं किया जा सकता कि वह उत्तराखण्ड के मूल निवासी हैं। उन्होंने कहा धोनी ने कभी खुद को उत्तराखण्ड का स्वीकारा ही नहीं इसलिए उनको सम्मान देने की बात पर सोचा जाना चाहिये।
श्री भण्डारी ने दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में खेल मंत्री राजेन्द्र भण्डारी ने बताया कि धोनी उत्तराखण्ड के मूल निवासी हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड-झारखण्ड का ही नहीं पूरे देश का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कई नेता पहले भी धोनी को सम्मानित करने की घोषणा कर चुके हैं, निश्चित तौर धोनी के प्रदेश में आगमन पर जोरदार स्वागत के साथ राज्य सरकार उनका सम्मान भी करेगी।
धोनी के सम्मानित करने के खेल मंत्री के पूर्व के बायान से जहां प्रदेश के लाखों क्रिकेट प्रेमी आहत थे। वहीं धोनी के परिजनों ने भी धोनी के सम्मान के मामले को राजनैतिक मुद्दा बनाये जाने पर दुख जताया है और कहा है कि धोनी परिवार की जड़ें आज भी उत्तराखण्ड से जुड़ी हैं। अपने मूल गांव ल्वाली में रह रहे महेन्द्र सिंह धोनी के चाचा धनपत सिंह धोनी ने बताया कि महेन्द्र का परिवार आज भी पूरी तरह उत्तराखण्ड से जुड़ा है। आज तक उनके व भाई पान सिंह धोनी के बीच बटवारा नहीं हुआ है और आज भी अपने इष्ट देवता की पूजा अर्चना के लिए महेन्द्र के परिवार का उत्तराखण्ड में आना जाना लगा रहता है।
धनपत सिंह ने कहा कि धोनी के पिता पान सिंह उत्तराखण्ड से रोजगार की तलाश में झारखण्ड गये और यहां रोजगार के कम अवसरों के चलते उन्हें वहीं बसना पड़ा। 1967 में झारखण्ड जा बसे धोनी के परिवार ने अपने मूल गांव से कभी नाता नहीं तोड़ा और उनका बड़ा पुत्र हयात सिंह कुछ समय पूर्व तक हल्द्वानी में ही कारोबार करता था। जैंती के तहसीलदार लोकमणी भट्ट ने बताया कि आज भी गांव में महेन्द्र के पिता पान सिंह धोनी की जमीन है और वह प्रदेश के मूल निवासी हैं।
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