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रानीखेत को अलग जिल्ले का दर्जा मिलना चाहिए ?

हाँ  
22 (75.9%)
 नहीं  
6 (20.7%)
  मालूम नहीं  
1 (3.4%)
50-50
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Author Topic: Should Ranikhet Be separate District,क्या रानीखेत को अलग जिला होना चाहिए ?  (Read 9127 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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आंदोलन में बढ़ी समर्थकों की संख्या
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रानीखेत: रानीखेत जिले की मांग आक्रोश के चलते जोर पकड़ने लगी है। आंदोलन की सफलता के लिए धरने में लोगों की शिरकत बढ़ने लगी है। आंदोलनकारियों ने आगामी 3 अप्रैल को मशाल जुलूस निकालने तथा अप्रैल प्रथम पखवाड़े में देहरादून में मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय लिया है।

जिला बनाओ संयुक्त संघर्ष समिति व रानीखेत अधिवक्ता संघ के बैनर तले बुधवार को एसडीएम दफ्तर के समक्ष चल रहे धरना-प्रदर्शन को 83 दिन हो गए। बुधवार की सभा में इस बात पर कड़ा रोष प्रकट किया कि शासन मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

आंदोलन संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प लेते हुए 3 अप्रैल को यहां मशाल जुलूस निकालने व इसके बाद देहरादून जाकर मुख्यमंत्री से वार्ता करने का निर्णय लिया।

 इधर नगर व्यापार मंडल के नव निर्वाचित अध्यक्ष यतीश रौतेला, महासचिव मनोज कुमार अग्रवाल व उप सचिव दीपक पंत ने धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लिया और आंदोलन को सफल बनाने में संगठन की ओर से पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस मौके नारेबाजी कर गुबार निकाला।

 धरने में कैलाश पांडे, जगदीश अग्रवाल, हरी सिंह नेगी, हेमंत मेहरा, रवीन्द्र चंद्र जोशी, सीकेएस बिष्ट, मोहसिन खान, विमल भट्ट, लक्ष्मी दत्त पांडे, यूडी जोशी, दीपा धपोला, प्रमोद पांडे, राजेश रौतेला, विजय पांडे, ललित पपनै, हरीश मनराल, कलश पांडे, रघुनंदन वैला, सीपी पांडे सहित दर्जनों लोग शामिल थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7514704.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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रानीखेत व द्वाराहाट में धरने के साथ आंदोलन जारी
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रानीखेत को अलग जिला बनाने की मांग को लेकर बार एसोसिएशन रानीखेत व संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले एसडीएम दफ्तर परिसर में चल रहा धरना-प्रदर्शन यथावत है। गुरुवार को भी कई लोग धरने पर डटे रहे।

रानीखेत से आंदोलनकारियों का एक शिष्टमंडल देहरादून में मुख्यमंत्री से वार्ता को गया है। इधर अधिवक्ताओं व अन्य संगठनों के लोगों ने धरना व प्रदर्शन कार्यक्रम जारी रखा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जनभावना की कद्र करते हुए मांग नहीं मानी तो, तो सरकार के खिलाफ उग्र मोर्चा खोला जाएगा। इस मौके पर नारेबाजी भी की गई।

द्वाराहाट: जिला बनाओ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले यहां द्वाराहाट जिले की मांग को लेकर नगर पंचायत प्रांगण में धरना बदस्तूर जारी है। धरने के 81वें दिन महेश जोशी, अनिल चौधरी, रमेश भट्ट व बसंत लाल साह आदि दर्जनों लोग धरने में बैठे। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने सरकार की नीतियों की खूब खिलाफत की। लोगों ने कहा कि लंबे समय चल रहे संघर्ष के बावजूद शासन के किसी नुमाइंदे ने धरना स्थल पर पहुंचने की जहमत नहीं उठाई। शायद शासन आंदोलन को उग्र रूप के रूप में देखना चाहता है। तय कि किया गया कि 14 अपै्रल को मुख्यमंत्री के द्वाराहाट आगमन पर समिति उनसे वार्ता करेगी। सभा में समिति अध्यक्ष विनोद जोशी, गिरीश भट्ट, किशोरी लाल साह, उमेश भट्ट, जीवन लाल साह, पुष्कर पांडे, सुरेश साह, हेम लाल साह, संतोष तिवारी, रोहित साह, परितोष पांडे, प्रवेश साह आदि थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7551376.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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चार नए जिलों की घोषणा
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आजादी की 65वीं वर्षगांठ पर स्थानीय परेड ग्राउंड में आज तिरंगा फहराने के बाद अपने उद्बोधन में निशंक ने कहा कि राज्य में यमुनोत्री, कोटद्वार, डीडीहाट तथा रानीखेत नाम से चार नए जिले बनाए जाएंगे ताकि प्रशासन का कार्य बेहतर और अधिक सुचारू रूप से हो सके।

निशंक की इस घोषणा के बाद अब उत्तराखंड में नए जिलों की संख्या 13 से बढ़कर 17 हो जाएगी। नए जिलों को कोटद्वार को पौड़ी से काटकर, यमुनोत्री को उत्तरकाशी से, डीडीहाट को पिथौरागढ़ और रानीखेत को अल्मोडा से काटकर बनाया जाएगा।

निशंक ने कहा कि प्रशासनिक चुस्ती के लिए छोटी प्रशासनिक इकाइयां अधिक बेहतर होती हैं इससे इलाके का विकास होता है तथा प्रशासन तक लोगों की पहुंच आसान होती है। उन्होंने कहा कि नए जिले बनाने का कार्य यहीं खत्म नहीं होगा। जरूरत पड़ने पर और नए जिलों का गठन किया जा सकता है।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6290780.html



इसके बाबजूद भी निशंक साहब आप दुबारा सी यम की कुर्शी पर नहीं बैठ सकते,क्योंकि आप इस के लायक नहीं हो,चाहे आप अब कितने भी नए जिल्ले बनाओ ,आप सी यम के लायक नहीं हो !ये उस जनता की आवाज है जिस जनता को आपने अपना वास्ता और इस देवभूमि का वास्ता देकर सी यम की कुर्शी मिली थी याद करो वो कषम ! जय हिंद ,जय उत्तराखंड

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Good step.. atleast.

चार नए जिलों की घोषणा
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आजादी की 65वीं वर्षगांठ पर स्थानीय परेड ग्राउंड में आज तिरंगा फहराने के बाद अपने उद्बोधन में निशंक ने कहा कि राज्य में यमुनोत्री, कोटद्वार, डीडीहाट तथा रानीखेत नाम से चार नए जिले बनाए जाएंगे ताकि प्रशासन का कार्य बेहतर और अधिक सुचारू रूप से हो सके।

निशंक की इस घोषणा के बाद अब उत्तराखंड में नए जिलों की संख्या 13 से बढ़कर 17 हो जाएगी। नए जिलों को कोटद्वार को पौड़ी से काटकर, यमुनोत्री को उत्तरकाशी से, डीडीहाट को पिथौरागढ़ और रानीखेत को अल्मोडा से काटकर बनाया जाएगा।

निशंक ने कहा कि प्रशासनिक चुस्ती के लिए छोटी प्रशासनिक इकाइयां अधिक बेहतर होती हैं इससे इलाके का विकास होता है तथा प्रशासन तक लोगों की पहुंच आसान होती है। उन्होंने कहा कि नए जिले बनाने का कार्य यहीं खत्म नहीं होगा। जरूरत पड़ने पर और नए जिलों का गठन किया जा सकता है।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6290780.html



इसके बाबजूद भी निशंक साहब आप दुबारा सी यम की कुर्शी पर नहीं बैठ सकते,क्योंकि आप इस के लायक नहीं हो,चाहे आप अब कितने भी नए जिल्ले बनाओ ,आप सी यम के लायक नहीं हो !ये उस जनता की आवाज है जिस जनता को आपने अपना वास्ता और इस देवभूमि का वास्ता देकर सी यम की कुर्शी मिली थी याद करो वो कषम ! जय हिंद ,जय उत्तराखंड

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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चाहे ये जिल्लो की घोषणा चुअनव के मध्य नजर क्यों न हो .. फिर भी... विकास के अच्छा ही hai!


adhikari harish dhoura

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वैसे में छोटे-2 जिलों का पक्षधर नहीं हूँ , पर पहाड़ की भोगोलिक सिथिति को मध्य नज़र रखते हुए यहाँ के विकास के लिए ज़रूरी हैं i

Devbhoomi,Uttarakhand

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पाली में बनाया जाए नये जिले का मुख्यालय

रानीखेत जिले की घोषणा हो जाने के बाद अब मुख्यालय को लेकर आवाज उठने लगी है। रामगंगा चहुंमुखी विकास संघ एवं पाली पछाऊं विकास संघर्ष समिति ने नये जिले के मुख्यालय के लिये पौराणिक व ऐतिहासिक स्थल पाली को काफी उपयुक्त बताया है। समिति पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में दौला-पाली में मुख्यालय बनाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि पाली एक ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल है तथा अंग्रेजों के शासन काल से ही रानीखेत को परगना पाली के नाम से जाना जाता है, जो विकासखंड चौखुटिया, द्वाराहाट, स्याल्दे, सल्ट, भिकियासैंण व ताड़ीखेत के मध्य में बसा है। यहां पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध है तथा रामगंगा नदी के निकट होने से पानी की भी कमी नहीं है। पत्र में जन सुविधा के मद्देनजर पाली में मुख्यालय बनाने की मांग की गई है।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6322011.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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रानीखेत सभी उत्तराखंडी जो की रानीखेत को एक अलग जिल्ला चाहते थे,उनका ये सपना पूरा हुवा है और आप सभी को रानीखेत अलग जिल्ले का जो आपने सपना देखा था वह पूरा हुवा,आपको ढेर सारी शुभकामनायें

मोहन जोशी

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kile bani go jas kuaachi aab ki baat hay go ho maharaj

 

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