Author Topic: Uttarakhand Govt Wake-up, See Eye Opening Photo of Development-आँखों देखी तस्वीर  (Read 16095 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पहाड़ का विकास का मजाक सीरीज -
 
 पहाड़ मैं विकास करना लगता है बहूत ही सस्ता हो गया है , एक विधायक को जहा एक साल मैं 2 से 3 करोड़ रुपये मिलता है खर्च करने को इस खबर को थोढ़ा ध्यान पड़े सयाद आपको भी पता लगे 2 लाख मैं ही पहाड़ का काम चल जता है,। आप लोग अंदाजा लगा सकते है हमारे पहाड़ मैं जहा कच्चे माल की उपलब्धता सहरो पर ज्यादा निर्भर, जिससे उसकी कीमत ट्रांस्पोर्तेसन की वजेह से बड़ जाती है है वहा पर 2 लाख मैं विकास मात्र विधायक निधी का दरुपयोग है । 2 लाख मैं अगर सही से देखा जाय तो एक गाँव मैं 4 टॉयलेट बम्शुकिल बने किन्तु इसमें 2 लाख मैं पुरे क्षेत्र का विकास, उस क्षेत्र के विकास का ही मजाक है । किन्तु जनता जो अपने हक़ के बारे मैं पता नहीं तथा उनहे इस विधायक निधी से किस प्रकार बेवकूफ बनया जा रहा उन्हें अंदाजा भी नहीं । जब जनता जब तक सोयी रहीगी येही 2 लाख विकास को रहेग्न्गे तथा इससे कितना विकास होगा कोई भी अंदाजा लगा सकता है
 http://epaper.jagran.com/story1.aspx?id=1679&boxid=73072184&ed_date=13-fev-2013&ed_code=141&ed_page=5
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अधूरा पशु चिकित्सालय भवन बन रहा खंडहर



जागरण प्रतिनिधि, गोपेश्वर: धनराशि के अभाव में गोपेश्वर पशु चिकित्सालय के नए भवन का निर्माण बंद कर दिया गया है। निर्माण एजेंसी ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग को पशुपालन विभाग से पहली किश्त के रूप में आठ लाख रुपये आवंटित किए गए। इससे केवल भवन का ढांचा ही खड़ा हो पाया। इस भवन के निर्माण के लिए 15 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। धनराशि न मिलने से बिना छत के यह भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है। हालत यह है कि अब स्थानीय कार्यो में मजदूरी करने वाले लोगों ने इस भवन पर डेरा जमाया हुआ है।
 जिला मुख्यालय गोपेश्वर के वैतरणी मार्ग पर वर्ष 2011 में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग ने पशु चिकित्सालय के नए भवन का निर्माण प्रारंभ किया था। इस भवन के बनने से गोपेश्वर गांव के अलावा सिरोखोमा, सेंटुणा समेत आसपास के पशुपालकों के पशुओं की चिकित्सा के लिए सुविधा मिलती। पशुपालन विभाग से इस निर्माण के लिए 15 लाख रुपये भी स्वीकृत किए गए। बाकायदा आठ लाख रुपये की पहली किश्त भी ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग को रिलीज की गई जिससे इस भवन का ढांचा बनकर तैयार हो गया। मगर जब भवन पर छत पड़नी थी तब पशुपालन विभाग से धनराशि अवमुक्त न होने के बाद निर्माण एजेंसी ने हाथ खड़े करते हुए आधा अधूरा भवन निर्माण के बाद काम बंद कर दिया।
 भवन निर्माण के लिए पहली किश्त के रूप में उन्हें आठ लाख रुपये मिले हैं। इस राशि से भवन का ढांचा खड़ा कर दिया गया है।
 केवी थपलियाल, अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग चमोली।

(Dainik jagran)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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भेंटी जा यूँ गौला ग्वींडा जौंमा.. खेलिक सयाणु ह्वे तू ...
 ग्वाया लगैनी जौं डिंडाली जै चौक..
 जौं बाटों आणु जाणु रै तू .. जौं बाटों आणु जाणु रै तू ..

Devbhoomi,Uttarakhand

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One side see the photo of development and other side, see what our CM says:


मुख्यमंत्री ने गिनाई उपलब्धियां


देहरादून। राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रदेशवासियों को आभार जताया है। उन्होंने कहा कि आशाओं और आकांक्षा के साथ प्रदेश की जनता ने भाजपा को सेवा का अवसर दिया था। सरकार पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है।

एक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सरकार ने विजन 2020 के अंतर्गत लक्ष्य निर्धारित किए हैं। जन समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार सीधा संवाद कायम किए हुए है। प्रदेश में औद्योगिक माहौल सुधर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर हुए सांख्यकीय सर्वेक्षण में उत्ताराखंड सकल घरेलू उत्पाद में देश में तीसरे स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि उत्ताराखंड देश का पहला राज्य है जहां सिर्फ पंद्रह हजार में एमबीबीएस डिग्री दी जा रही है। राज्य में शीघ्र ही आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय स्थापित होने जा रहा है। उत्ताराखंड को ऊर्जा एवं आयुष प्रदेश बनाने की ओर अग्रसर हैं। उत्ताराखंड देश का पहला राज्य है, जहां देववाणी संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया गया है। प्रदेश में 108 चिकित्सा सेवा वरदान साबित हो रही है। पौड़ी, टिहरी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और देहरादून में महिलाओं के लिए नर्सिग ट्रेनिंग कालेज स्थापित किए जा रहे हैं। उत्कृष्ट कार्य करने वाल शिक्षकों को शैलेश मटियानी पुरस्कार दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के लिए देवभूमि मुस्कान योजना तथा पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। भाजपा सरकार के कार्यकाल में मनेरी भाली द्वितीय चरण में उत्पादन शुरू हो पाया। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला-2010 की चुनौतियों को सरकार ने स्वीकार किया है। उन्होंने सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं की जानकारी दी, जिसमें नंदा देवी कन्या योजना, गौरा देवी कन्या धन, स्पर्श गंगा योजना, अटल आदर्श ग्राम योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन वर्षो में प्रदेश के चहुंमुखी विकास का जो संकल्प लिया था, सरकार उसे मूर्त रूप देने की ओर अग्रसर है। भाजपा उत्ताराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की ओर अग्रसर है।

Source : Dainik Jagran

Sayad is UPlabdhi ko Bhool Gaye hain Prdhanmantri ji


पुरोला : एसजीआरआर स्कूल में सोमवार को छत की स्लीपर टूटने से आधा दर्जन छात्र चोटिल हो गए। इससे स्कूल में अफरा तफरी मच गई व अन्य कमरों से भी अध्यापक व छात्र बाहर आ गए।

जिले में सरकारी और प्राईवेट दोनों तरह के स्कूलों में नौनिहालों की जान महफूज नहीं है। जिले में साठ से अधिक स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं। इनमें पुरोला व मोरी ब्लॉक में सर्वाधिक 30 विद्यालय इनमें पढ़ने वाले बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं। ऐसे जर्जर स्कूल भवनों में बरसात के समय खतरा और अधिक बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे में क्या किया जाए जब इस मौसम में ही स्कूलों छत भरभराने लगे।

 सोमवार की सुबह गुरुरामराय स्कूल में ऐसा ही हादसा हुआ। श्री गुरुराम राय ट्रस्ट ने वर्ष 1996-97 में पुरोला में करीब 75 साल पुराने भवन पर स्कूल खोला था। सोमवार को स्कूल के छत की लकड़ी का एक स्लीपर टूटकर गिर गया। इससे कक्षा 7 के छह बच्चों को चोटें आ गई। मामूली चोटें होने से स्कूल में ही उनकी मरहम पट्टी कर दी गई। घटना की खबर पर अन्य कक्षाओं से भी तमाम छात्र व अध्यापक अपने-अपने कमरों से बाहर आ गए।

 काफी समय से जर्जर हो चुके भवन की हालत व घटना की सूचना देने को प्रधानाचार्य पीएस राणा घटना के तुरंत बाद विद्यालय प्रबंधन से मिलने देहरादून चले गए।
'छात्रों को मामूली चोटें आई हैं तथा बड़ा हादसा होने टल गया। जर्जर भवन की हालत व अन्यत्र व्यवस्था को विद्यालय प्रबंधन से बात की जा रही है तथा शीघ्र ही भवन व्यवस्था की जायेगी।
पीएस राणा, प्रधानाचार्य।

मनमानी पड़ सकती है भारी

उत्तरकाशी : प्राईवेट स्कूलों की मनमानी भी बच्चों के लिये खतरे का सबब बन रही है। अधिकांश स्कूल भवनों के पास पर्याप्त भवन, भूमि व सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। इसके बावजूद छात्र संख्या व कक्षाओं में लगातार बढ़ोत्तरी की होड़ इन्हें खतरनाक बना रही है। जिला मुख्यालय पर ही अनेक ऐसे स्कूल पुराने भवनों और तंग गलियों के बीच संचालित हो रहे हैं। इन जगहों पर हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है।


Source Jangarn

विनोद सिंह गढ़िया

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[justify]उत्तराखण्ड में विकास करने की बात करने वाले लोगों, नेताओं और इनके समर्थकों को मैं आज कपकोट (बागेश्वर) क्षेत्र के पोथिंग गांव को जोड़ने वाला मोटर मार्ग की दशा से अवगत करा रहा हूँ। यह मोटर मार्ग वर्ष 2006 में बनकर तैयार हुआ था। वर्ष 2012 में आयी आपदा के कारण यह मोटर मार्ग अधिकांश जगह क्षतिग्रस्त हो गया था। विभाग और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं किया गया। जिस कारण इस वर्ष की बरसात ने इस सड़क को पैदल चलने लायक भी नहीं रख दिया।





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