बारिश का कहर जारी, 14 और की मौत
देहरादून, जागरण ब्यूरो। पिछले 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश से उत्ताराखंड में जीवन ठहर गया है। बारिश के कहर से राज्यभर में रविवार को 14 और लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोगों के बहने की खबर है। पौड़ी जिले के रिखणीखाल ब्लाक में एक मकान ढहने से दंपति की मौत हो गई और बहू बुरी तरह घायल है। उत्तारकाशी में अलग-अलग हादसों में दो लोग मारे गए, यहां एक छात्रा और टिहरी में महिला समेत दो लोग नदी-नाले में बह गए। देहरादून में कालसी ब्लाक के डाबरा गांव में मकान के मलबे में दबने से बच्चे की मौत हो गई, जबकि मां गंभीर रूप से घायल हो गई। चमोली जिले में ट्रैकिंग पर गया एक दल ग्लेशियर में फंस गया। यहां बीते रोज नाले में बहे तीन बच्चों में से दो के को प्रशासन ने मृत घोषित कर दिया। हरिद्वार में सैकड़ों परिवार पानी में घिर गए हैं। कुमाऊं मंडल में बारिश ने चार और जिंदगियां लील लीं। शनिवार को अल्मोड़ा जिले में मलबे में दबे लोगों में से 27 के मरने की पुष्टि प्रशासन ने की है। दर्जनभर लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री खजान दास ने अड़तालीस घंटे के अंतराल में राज्यभर में 60 जिंदगियां दफन होने की जानकारी दी है। सबसे ज्यादा अल्मोड़ा में हताहत हुए हैं। राजधानी समेत तमाम जिलों में बड़े पैमाने पर मकान जमींदोज हो गए। तमाम राजमार्ग और संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। दून-दिल्ली राजमार्ग भी रविवार की सुबह से सड़क बहने के कारण बंद हो गया है। रेलवे ट्रैक पर मलबा आने से देहरादून और हरिद्वार से चलने वाली दर्जनभर से ज्यादा गाड़ियां रद कर दी गई हैं। ट्रैक के सोमवार शाम तक खुलने की संभावना है। देहरादून और हिमाचल सीमा पर एक जीप का आधा हिस्सा मलबे में दब गया। उसमें छह लोग सवार बताए जा रहे हैं। देर रात तक रेसक्यू टीम घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई थी। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग स्थित नजंग व मालपा पुल बारिश की भेंट चढ़ गए, जिससे तिब्बत से वापस लौट रहा 16वां कैलास यात्रा दल मार्ग में ही फंस गया। सूबे में शहर और गांवों में कई जगह बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। जलभराव ने लोगों को घरों में कैद करके रख दिया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटे बारिश का कहर जारी रहने की आशंका है। इसके चलते सरकार ने प्रदेश में तमाम शिक्षण संस्थाओं में तीन दिन का अवकाश घोषित कर दिया है।
देहरादून जिले में भारी बारिश ने जनजीवन छिन्न-भिन्न कर दिया है। जलभराव से ढाई सौ से ज्यादा घरों में पानी जा घुसा। अतिवृष्टि से देहरादून-हरिद्वार के बीच रेल यातायात ठप हो गया है, जबकि मोहंड के पास सड़क बहने से देहरादून का दिल्ली से सड़क संपर्क भी टूट गया। विकासनगर क्षेत्र के कालसी ब्लाक के डाबरा गांव में गिरे भवन के मलबे में दबकर एक बच्चे की मौत हो गई जबकि चार लोग घायल हुए। त्यूणी तहसील में नाला पार करते वक्त एक व्यक्ति की मौत हो गई। ऋषिकेश में गंगा उफान पर है। ऋषिकेश में गंगा हाई फ्लड लेबल को छू रही है। तटीय इलाके जलमग्न हो गए हैं। सड़क-रेल संपर्क बंद होने के साथ ही विद्युत, संचार सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
भारी बारिश ने गढ़वाल मंडल में जमकर कहर बरपाया है। विभिन्न जिलों में छह की मौत हो गई, जबकि दो लापता हैं। उधर, शनिवार को मलबे में दबे दो बच्चों व नाले में बहे एक बच्चे को प्रशासन ने मृत घोषित कर दिया है। बारिश से प्रमुख नदियां उफान पर हैं। चारों धामों के हाइवे पूरी तरह ठप हैं। बदरीनाथ राजमार्ग पर आठ सौ यात्री फंसे हुए हैं।
रविवार सुबह पौड़ी गढ़वाल जिले में रिखणीखाल के ढिकोलिया गांव में मकान ढहने से मुसद्दीलाल व उसकी पत्नी मंगला देवी की मौत हो गई। हादसे में मुसद्दीलाल की बहू कपोत्री देवी गंभीर रूप से घायल हो गई। थलीसैंण प्रखंड के ग्वाड़ी गांव की संतोषी 14 वर्ष पुत्री वंशीधर शनिवार शाम नाले में बह गई। रविवार सुबह उसका शव बरामद कर लिया गया। उत्तारकाशी के नौगांव में मकान पर मलबा गिरने से रामलाल की मौत हो गई। देवीसौड में पहाड़ी पर भूस्खलन से आए मलबे की चपेट में आने से गोदांबरी देवी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। उधर, रानाचट्टी में असनोल गाड पार करने की कोशिश में एक व्यक्ति बह गया। उसका कुछ पता नहीं चल सका है। टिहरी जिले के छाम में घियाकोटी निवासी 55 वर्षीय छौंदाड़ सिंह पैर फिसलने से नदी में बह गया। उसकी तलाश की जा रही है। चमोली जिला प्रशासन ने शनिवार को रेणी गांव में मलबे में दबे दो बच्चों व पागलनाले में बहे एक बच्चे को मृत घोषित कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
बारिश से अलकनंदा, मंदाकिनी, नयार, पिंडर, भागीरथी नदियों के जलस्तर में चार से छह मीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। शनिवार देर रात इन नदियों के किनारे देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, श्रीनगर, सतपुली में बसी बस्तियों को प्रशासन ने खाली करा लिया। प्रशासन ने इन सभी जगह अलर्ट घोषित कर लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है।
उधर, बदरीनाथ राजमार्ग पर श्रीनगर से आगे गंगनाणी में भारी मलबा आने से आवाजाही ठप है। मार्ग पर शनिवार रात से आठ सौ यात्री फंसे हुए हैं। उत्तारकाशी में गंगोत्री राजमार्ग पर धरासू, नालूपाणी व यमुनोत्री राजमार्ग पर मरोड़, डामटा, चामी में मलबा आने से अवरुद्ध है। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाइवे पर गौरीकुंड में आवाजाही बाधित है।
हरिद्वार में गंगा ने विकराल रूप धारण किया तो हरिद्वार में तबाही मच गयी। गंगा खतरे के निशान से 2.30 मीटर ऊपर तक बहती रही। फिलहाल यह खतरे के निशान 294 मीटर से 1.85 मीटर ऊपर बह रही है। रुड़की के हरिपुर टोंगिया गांव में दीवार गिरने से एक महिला की मौत हो गयी। हरकी पैड़ी, सप्त सरोवर, नील धारा, रोड़ी बेलवाला और वैरागी कैंप पूरी तरह डूब गये हैं। पानी बढ़ने से भीमगोड़ा बैराज का गेट नंबर छह टूट गया। सुरंग के पास रेलवे ट्रैक पर पहाड़ी से पत्थर और मलबा आने से हरिद्वार-देहरादून का रेल संपर्क टूट गया। रायसी बालावाली में पुलिया का पानी भी ओवर फ्लो कर सहारनपुर-मुरादाबाद रेलवे ट्रैक पर आ गया, जिससे यह रेल मार्ग भी बंद कर दिया गया है। दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गये हैं। हजारों की संख्या में लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाके से निकाला गया है, जबकि अब भी बड़ी संख्या में लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। पथरी पावर हाउस में बाढ़ का पानी घुसने से उत्पादन ठप हो गया है।
शहरी क्षेत्र में भोपतवाला, वैरागी कैंप, रोड़ी बेलवाला, नीलधारा, कनखल के श्मशान घाट समेत विभिन्न इलाके पानी में डूब गये। कनखल के श्मशान घाट के निकट बाढ़ के पानी से 250 से ज्यादा लोगों को जल पुलिस ने निकाला। इनमें से कुछ तो चेन्नई और कर्नाटक से आए यात्री थे, जो यहां एक आश्रम में ठहरे थे। नीलधारा में 40 लोगों, सप्तसरोवर में बीस परिवारों और श्यामपुर के टाटवाला गांव में 250 लोगों को भी पुलिस ने निकाल लिया। इसके बावजूद अभी इन इलाकों में दर्जनों लोग फंसे हुए हैं।
उधर, बाढ़ के पानी से लक्सर के करीब आधा दर्जन गांव घिर गये हैं, जिसमें हजारों लोग फंसे हुए हैं। इन लोगों को निकालने के लिए रुड़की स्थित बीईजी से बोटें मंगवाई जा रही हैं। बिशनपुर कुंडी गांव में गंगा के प्रवाह से तटबंध बेहद कमजोर हो गया है, जिसे बचाने के प्रयास जारी हैं। आसपास के दर्जन भर गांवों में दो फुट से अधिक पानी भर गया है। बहादराबाद विकास खंड क्षेत्र के शांतरशाह गांव के निकट दिल्ली-हरिद्वार हाइवे एक बार फिर कई मीटर बह गया। हाइवे से बह रहे पानी में झारखंड के 40 यात्रियों को लेकर आ रही बस भी बह गई। मौके पर तैनात गोताखोर जवानों व पीएसी के जवानों ने सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया।
बाढ़ का पानी आने से अभी भी धनौरी, बहादराबाद और अन्य समीपवर्ती गांवों में बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं। ग्रामीण इलाकों में दर्जनों मकानों के गिरने और इसमें कई लोगों के घायल होने के भी समाचार हैं।
रुड़की क्षेत्र में बारिश के कहर से हरिपुर टोंगिया गांव में बीती रात एक दीवार गिरने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि विभिन्न जगहों पर मकान, दीवार आदि गिरने से नौ लोग घायल हुए हैं। बारिश से दो सौ से अधिक मकान ध्वस्त हुए हैं। रुड़की, भगवानपुर, मंगलौर, झबरेड़ा, लंढौरा क्षेत्र में 200 से अधिक कच्चे मकान गिरने की सूचना है।
- अल्मोड़ा जनपद में 27 लोगों के मरने की पुष्टि, दर्जन भर लापता
-भारत-तिब्बत सीमा लिपूलेख में साढ़े तीन फिट हिमपात
हल्द्वानी: सप्ताह भर से जारी बारिश का कहर अभी थमा नहीं है। अल्मोड़ा में दो दिन में 27 मौतों की पुष्टि जिला प्रशासन ने कर चुका है, जबकि दर्जन भर लोग लापता हैं। रविवार को नैनीताल, चम्पावत व बागेश्वर में महिला व बालक समेत चार लोग नदी में बह गए। किच्छा में एक बालक का शव डैम से बरामद हुआ। उधर, कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर नजंग व मालपा पुल बारिश की भेंट चढ़ गए, जिससे 16वां यात्रा दल फंस गया। साथ ही भारत-तिब्बत सीमा लिपूलेख पर साढ़े तीन फिट हिमपात हुआ है।
कुदरत के कहर अल्मोड़ा जनपद में जमकर बरपा। अब तक बल्टा में नौ, पिल्खा व देवली में पांच-पांच, जोशियाना में दो, असगोली में एक, नौला (भिकियासैंण) व जाख (सल्ट) में दो-दो व कपड़ा में एक शव बरामद हो चुका है। बल्टा में चार, देवली में पांच व भेटुली में एक व्यक्ति लापता है। डीएम सुवर्द्धन ने बताया कि सभी क्षेत्रों में राहत कार्य जारी है।
बागेश्वर में सरयू नदी उफान पर है, तमाम मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। निकटवर्ती ग्राम चौरासी निवासी छात्र मनीष कनवाल (13) उफनाई सरयू नदी में बह गया, पुलिस ने मनीष की तलाश कर रही है। चार दिन से लगातार हो रही वर्षा से पिथौरागढ़ जिले का संपर्क कट गया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग स्थित तीन पुल बह गए हैं। चेतलकोट से लेकर मांगती तक कई स्थानों पर मार्ग बंद हैं। भारत-नेपाल की सीमा पर काली नदी धारचूला में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पिथौरागढ़ को देश के अन्य भागों से जोड़ने वाले पिथौरागढ़-अल्मोड़ा-हल्द्वानी व टनकपुर मार्ग बंद हो चुके हैं, इन पर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। उधर, कैलाश मानसरोवर यात्रा का अंतिमं दल लिपूलेख में साढ़े तीन फीट हिमपात के कारण वहां फंस गया। यात्रियों को निकालने के लिये आईटीबीपी का राहत दल लिपूलेख पहुंचा। कई घंटों बाद यात्रियों को उनके सामान व पौनी पोर्टर के साथ कालापानी पहुंचाया गया। आईटीबीपी मिर्थी के सेनानी एपीएस निंबाडिया ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग में नजंग व मालपा में दो पुल बह चुके हैं।
इधर, नैनीताल के कुश्या कुटौली तहसील के ढोली गांव में तल्ली दनसली निवासी रमेश(30) पुत्र मनोहर दत्ता दाजवा नाले में बह गया। जिले के ही छयोड़ी धुरा में पांच शव बरामद हुए, तो रमोला में नाले में बहे तीन बालिकाओं समेत चार लोगों का अभी भी पता नहीं लगा है। अल्मोड़ा-भवाली राजमार्ग तीन सौ मीटर बह गया, साथ ही हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग भुजियाघाट के पास 50 मीटर मार्ग ध्वस्त है। रामनगर में कोसी तटबंध का 30 मीटर हिस्सा टूट गया है, इससे नगर के पूर्वी हिस्से के करीब 12 गांव खतरे की जद में आ गए हैं। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर गौला नदी के कटाव से पटरी क्षतिग्रस्त हो गई।
इधर बाजपुर और सुल्तानपुर पंट्टी में अब भी कोसी और लेवड़ा का पानी गांवों में भरा हुआ है। टनकपुर-चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। चम्पावत की गंडक नदी में ग्रिफ का मजदूर बह गया। बनबसा में शारदा बैराज पर लकड़ी बीनने गई कैनाल कालोनी निवासी नईमा बेगम (35) पत्नी मुन्ना रविवार की सुबह नदी में बह गई। शारदा नदी का जल स्तर बढ़ जाने से बैराज पर रेड अलर्ट कर दिया गया है। जिससे भारत-नेपाल का आवागमन बंद रहा।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6738178.html