Author Topic: When Villages Will Be Connected To Road? - पहाड़ के गावो मे कब पहुचेगी सड़क?  (Read 16857 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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सड़क न बनने से ग्रामीण नाराज, करेगे डीएम का घेरावDec 13, 02:32 am

अल्मोड़ा। न्योलीखान सड़क निर्माण संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी को सौंपे एक पत्र में एक जनवरी से घेराव व चक्काजाम की चेतावनी दी है। संघर्ष समिति की अध्यक्ष पार्वती देवी ने कहा कि एक पूर्व स्वीकृत मोटर मार्ग का निर्माण अधर में लटका है। लंबे संघर्षो के बाद मिले मोटर मार्ग का कार्य पूरा न होने से ग्रामीणों में जबर्दस्त आक्रोश है।

संघर्ष समिति की अध्यक्ष पार्वती देवी ने कहा है कि मात्र 2.5 किमी मार्ग का निर्माण क्यों नहीं पूरा हो रहा है यह बात किसी को पता नहीं है। पत्र में दु:ख जाहिर करते हुए कहा गया है कि ग्रामीणों ने कई दिनों तक भूख हड़ताल व लंबे संघर्षो के बाद सड़क पाई। अब पुन: सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों को आंदोलन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि आधे-अधूरे निर्माण से ग्रामीणों का पुस्तैनी मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके कारण कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है। कई महिलाएं व बच्चे घायल हो चुके है।

डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि यदि 30 दिसंबर तक निर्माण शुरू नहीं किया गया तो ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचकर घेराव करेगे। इसके साथ ही चक्काजाम कर अपना विरोध दर्ज करेगे। इस आशय की सूचना लोक निर्माण मंत्री, क्षेत्र के विधायक, मुख्य विकास अधिकारी को दी गई है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गुस्साए ग्रामीणों ने अधिशासी अभियंता को घेराJan 16, 02:27 am

चम्बा (टिहरी गढ़वाल)। छह वर्ष पूर्व नागणी-बागी-मठियाण मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद भी आज तक मोटर मार्ग यातायात के काबिल नहीं बन पाया है गुस्साए ग्रामीणों ने अधिशासी अभियंता लोनिवि का घेराव कर शीघ्र कार्य शुरू न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

नागणी-बागी-मठियाण गांव मोटर मार्ग का निर्माण कार्य छह वर्ष पूर्व शुरू होने के बाद भी अभी तक मात्र आधा किमी ही बन पाया है, जिससे ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। निर्माण कार्य बंद होने पर गुस्साएं ग्रामीणों ने आज लोनिवि कार्यालय चम्बा में पहुंचकर अधिशासी अभियंता का घेराव किया। बाद में अधिशासी अभियंता के निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने तथा लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन दिए जाने के बाद ग्रामीण शांत हुए। जिला पंचायत सदस्य कुंजेश्वरी मैठाणी, ग्राम प्रधान बागी ज्योति प्रसाद बिजल्वाण, मठियाण गांव की प्रधान बिमला मैठाणी ने कहा कि लोनिवि की लापरवाही के चलते छह वर्ष बाद भी मात्र आधा किमी निर्माण कार्य हो पाया है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य को लेकर क्षेत्रीय जनता द्वारा कई बार आंदोलन किया गया लेकिन लोनिवि द्वारा हर बार कोरे आश्वासन दिए गए। उन्होंने विभाग से निर्माण कार्य में लापरवाही बरत रहे ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अब अधूरे मार्ग पूरा करने की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष उठेगीJan 18, 02:37 am

नैनीताल। सरोवर नगरी के ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी दर्जन भर सड़कों का निर्माण न होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब विधायक खड़क सिंह बोहरा ने नए सिरे से विभिन्न अधूरी सड़कों को पूरा व नई सड़कों के प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की पहल शुरु कर दी है। उन्होंने बताया कि कुछ सड़कों में वन भूमि आड़े आ रही है। इसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

विदित हो कि ग्रामीण क्षेत्र में चांफी-ताड़ा मलुवा ताल मार्ग, जंगलियागांव-बूढ़ाधूरा मार्ग के अवशेष एक किमी मार्ग, नौकुचियाताल-सिलौटी- हरिनगर मार्ग के अधूरे 9 किमी, बोहराकून-जंतवाल गांव- साताताल गांव के अधूरे 9 किमी, ब्लाक मुख्यालय भीमताल से धूमचौड़- सातताल मार्ग के अधूरे करीब 4-5 किमी मार्ग के निर्माण की मांग उठती रही है। विधायक श्री बोहरा ने बताया कि उक्त मार्गो के राज्य योजना में रखने को लेकर प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री के समक्ष अतिशीघ्र उठाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि भवाली बाइपास-सेन्टोरियाम-नैनी बैंड तक मार्ग स्वीकृत है। जिसमें वन भूमि आड़े आ रही है। इसके लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा रहा है। इसके अलावा छिनकुआं से कुरिया गांव-गेठिया मार्ग, चांफी से बेलवाल गांव, चौधरी गेट चकलुआ से रामपुर, पतलिया खूड से अनुसूचित बस्ती राकड़, हनुमान गढ़ी से कृष्णापुर मार्ग का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों के जाल बिछाने को लेकर शासन गंभीर है। अतिशीघ्र मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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i still don't know when people will get road link with such a slow pace.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मोटर मार्ग बना ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब, आंदोलन की चेतावनीJan 30, 02:38 am

कौसानी (बागेश्वर)। लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माणाधीन कौसानी-भतड़िया मोटर मार्ग क्षेत्र के कई ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। जिससे क्षेत्र के अप्रवासी भारतीय भी परेशान है। ग्रामीणों ने लोनिवि समेत विभागीय ठेकेदार पर मनमाने तरीके से कार्य कर गांव की पेयजल लाइनों, नौलों व धारों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है व जिलाधिकारी से जांच कराने की मांग की है। साथ ही मांग न माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

ग्राम प्रधान नारायण ंिसह कठायत की अध्यक्षता में क्षेत्र के कई गांवों के ग्रामीणों की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाए जा रहे उक्त मोटर मार्ग में ग्रामीणों के पारम्परिक हितों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। निर्माणदायी संस्था द्वारा वलना, पिंगलकोट, सौली, नाकुरी, सिलडुंगरी आदि गांवों की पेयजल व विद्युत लाइनों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है तथा कई गांवों को जोड़ने वाली टेलीफोन लाइन को भी बार-बार क्षतिग्रस्त कर दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस संबंध में कई बार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया है परंतु उन्हे मात्र आश्वासन के कुछ नहीं मिल पा रहा है। अप्रवासी भारतीय डीएस रौतेला ने कहा कि ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से कार्य कर शांत क्षेत्र में अप्रिय घटना कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने भारत के गृह मंत्री समेत जिलाधिकारी आदि को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर उक्त मोटर मार्ग के निर्माण की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा।

हेम पन्त

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चम्पावत। जिले में वन अधिनियम के कारण दर्जनों महत्वपूर्ण सड़कों पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। लोक निर्माण विभाग द्वारा वन अधिनियम से मुक्त कराने को भेजे गये प्रस्ताव वन विभाग के देहरादून, लखनऊ स्थित कार्यालयों में धूल खा रहे है। वन अधिनियम के कारण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-जौलजीवी सड़क का काम लटका पड़ा है। उधर दर्जनों बार ग्रामीणों के आंदोलन के बावजूद सूखीढ़ांग-डांडामीनार मोटर मार्ग अभी तक वन अधिनियम के कारण फंसा हुआ है।

जिले की भाग्य रेखाएं सड़कों पर वन अधिनियम का ग्रहण लगा हुआ है। वन अधिनियम के कारण चम्पावत विधान सभा क्षेत्र की दर्जनों सड़कें अवरुद्ध है। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव वन विभाग के कार्यालयों में लंबित है। चम्पावत लोक निर्माण खण्ड के अंतर्गत सेल्यूड़ा-दूधपोखरा 1 किमी, स्वाला-गुर्जिला-बिनगुल 10 किमी, धौन-दिउरी 2 किमी, बनबसा-चूनाभट्टा 1.5 किमी सड़कें वन अधिनियम के कारण लटकी हुई है। इसके अलावा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-जौलजीवी मोटर मार्ग इस जिले में 58 किमी निर्धारित है। इसी तरह बहुचर्चित सूखीढ़ांग-डांडामीनार मार्ग 51 किमी स्वीकृत हो चुका है। लोनिवि द्वारा वन अधिनियम से मुक्त कराने कराने हेतु सभी औपचारिकताएं पूर्व में ही पूरी कर ली गयी थी, लेकिन यह प्रस्ताव भी वन संरक्षक कार्यालय देहरादून में लंबित पड़ा हुआ है।

इसके अलावा सिप्टी-सिमाड 2 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक अल्मोड़ा, लेटी-रियासी-बमनगांव 2 किमी का प्रस्ताव देहरादून, धौन-स्याली सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक लखनऊ के पास लंबित पड़ा हुआ है। रीठा-बिनवाल गांव 5 किमी तथा सिप्टी-नायड़ी 6 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक कार्यालय लखनऊ में लंबित पड़ा हुआ है। जिला मुख्यालय के निकटवर्ती मानेश्वर-भरछाना-चौड़ा 2 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक कार्यालय नैनीताल में लंबित पड़ा हुआ है। बहरहाल जिले की सड़कों पर वन अधिनियम का साया पीछा नहीं छोड़ रहा है।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Hem Da,

Situation is the same everywhere in Uttarakhand.

चम्पावत। जिले में वन अधिनियम के कारण दर्जनों महत्वपूर्ण सड़कों पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। लोक निर्माण विभाग द्वारा वन अधिनियम से मुक्त कराने को भेजे गये प्रस्ताव वन विभाग के देहरादून, लखनऊ स्थित कार्यालयों में धूल खा रहे है। वन अधिनियम के कारण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-जौलजीवी सड़क का काम लटका पड़ा है। उधर दर्जनों बार ग्रामीणों के आंदोलन के बावजूद सूखीढ़ांग-डांडामीनार मोटर मार्ग अभी तक वन अधिनियम के कारण फंसा हुआ है।

जिले की भाग्य रेखाएं सड़कों पर वन अधिनियम का ग्रहण लगा हुआ है। वन अधिनियम के कारण चम्पावत विधान सभा क्षेत्र की दर्जनों सड़कें अवरुद्ध है। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव वन विभाग के कार्यालयों में लंबित है। चम्पावत लोक निर्माण खण्ड के अंतर्गत सेल्यूड़ा-दूधपोखरा 1 किमी, स्वाला-गुर्जिला-बिनगुल 10 किमी, धौन-दिउरी 2 किमी, बनबसा-चूनाभट्टा 1.5 किमी सड़कें वन अधिनियम के कारण लटकी हुई है। इसके अलावा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-जौलजीवी मोटर मार्ग इस जिले में 58 किमी निर्धारित है। इसी तरह बहुचर्चित सूखीढ़ांग-डांडामीनार मार्ग 51 किमी स्वीकृत हो चुका है। लोनिवि द्वारा वन अधिनियम से मुक्त कराने कराने हेतु सभी औपचारिकताएं पूर्व में ही पूरी कर ली गयी थी, लेकिन यह प्रस्ताव भी वन संरक्षक कार्यालय देहरादून में लंबित पड़ा हुआ है।

इसके अलावा सिप्टी-सिमाड 2 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक अल्मोड़ा, लेटी-रियासी-बमनगांव 2 किमी का प्रस्ताव देहरादून, धौन-स्याली सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक लखनऊ के पास लंबित पड़ा हुआ है। रीठा-बिनवाल गांव 5 किमी तथा सिप्टी-नायड़ी 6 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक कार्यालय लखनऊ में लंबित पड़ा हुआ है। जिला मुख्यालय के निकटवर्ती मानेश्वर-भरछाना-चौड़ा 2 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक कार्यालय नैनीताल में लंबित पड़ा हुआ है। बहरहाल जिले की सड़कों पर वन अधिनियम का साया पीछा नहीं छोड़ रहा है।



पंकज सिंह महर

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चम्पावत। जिले में वन अधिनियम के कारण दर्जनों महत्वपूर्ण सड़कों पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। लोक निर्माण विभाग द्वारा वन अधिनियम से मुक्त कराने को भेजे गये प्रस्ताव वन विभाग के देहरादून, लखनऊ स्थित कार्यालयों में धूल खा रहे है। वन अधिनियम के कारण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-जौलजीवी सड़क का काम लटका पड़ा है। उधर दर्जनों बार ग्रामीणों के आंदोलन के बावजूद सूखीढ़ांग-डांडामीनार मोटर मार्ग अभी तक वन अधिनियम के कारण फंसा हुआ है।

जिले की भाग्य रेखाएं सड़कों पर वन अधिनियम का ग्रहण लगा हुआ है। वन अधिनियम के कारण चम्पावत विधान सभा क्षेत्र की दर्जनों सड़कें अवरुद्ध है। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव वन विभाग के कार्यालयों में लंबित है। चम्पावत लोक निर्माण खण्ड के अंतर्गत सेल्यूड़ा-दूधपोखरा 1 किमी, स्वाला-गुर्जिला-बिनगुल 10 किमी, धौन-दिउरी 2 किमी, बनबसा-चूनाभट्टा 1.5 किमी सड़कें वन अधिनियम के कारण लटकी हुई है। इसके अलावा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-जौलजीवी मोटर मार्ग इस जिले में 58 किमी निर्धारित है। इसी तरह बहुचर्चित सूखीढ़ांग-डांडामीनार मार्ग 51 किमी स्वीकृत हो चुका है। लोनिवि द्वारा वन अधिनियम से मुक्त कराने कराने हेतु सभी औपचारिकताएं पूर्व में ही पूरी कर ली गयी थी, लेकिन यह प्रस्ताव भी वन संरक्षक कार्यालय देहरादून में लंबित पड़ा हुआ है।

इसके अलावा सिप्टी-सिमाड 2 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक अल्मोड़ा, लेटी-रियासी-बमनगांव 2 किमी का प्रस्ताव देहरादून, धौन-स्याली सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक लखनऊ के पास लंबित पड़ा हुआ है। रीठा-बिनवाल गांव 5 किमी तथा सिप्टी-नायड़ी 6 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक कार्यालय लखनऊ में लंबित पड़ा हुआ है। जिला मुख्यालय के निकटवर्ती मानेश्वर-भरछाना-चौड़ा 2 किमी सड़क का प्रस्ताव वन संरक्षक कार्यालय नैनीताल में लंबित पड़ा हुआ है। बहरहाल जिले की सड़कों पर वन अधिनियम का साया पीछा नहीं छोड़ रहा है।

हेम दा,  यह पूरे पहाड़ की स्थिति है, मैने ऎसा भी प्रकरण देखा कि इधर से १६ किलोमीटर रोड बन गई और दूसरी ओर से भी २० किलोमीटर रोड बन गई, लेकिन बीच के २०० मीटर के भाग को वन विभाग की स्वीकृति नहीं मिली।  मुख्यतः  बाझ और देवदार के जंगल को वन विभाग आसानी से क्लीयरेंस नहीं देता है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मोटर मार्ग निर्माण की मांगFeb 01, 02:52 am

सोमेश्वर (अल्मोड़ा)। तहसील क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम लखनाड़ी के लिए स्वीकृत प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत मोटर मार्ग का निर्माण कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ कराने की मांग ग्राम पंचायत द्वारा की गई है। ग्राम प्रधान नंदन गिरि गोस्वामी ने दो वर्ष पूर्व स्वीकृत इस सड़क में विभागीय हीलाहवाली पर रोष व्यक्त करते हुए बताया कि ग्रामवासियों द्वारा भूमि चयन अनापत्ति देने के बाद भी सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होना क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामों की उपेक्षा है। उन्होंने सड़क को शीघ्र बनाये जाने की मांग शासन-प्रशासन से की है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण से क्षेत्र के दर्जनों गांव लाभान्वित होंगे।

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दरकोट-मिलम मोटर मार्ग का सर्वे नहीं बदलने से ग्रामीण भड़केFeb 06, 02:36 am

मुनस्यारी(पिथौरागढ़)। दरकोट से मिलम के लिये स्वीकृत मोटर मार्ग को क्वीरीजिमियां और साईपोलो से नहीं बनाये जाने पर ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि भड़क गये है। दोनों ग्राम सभाओं के लोगों ने सर्वे बदलने के लिये प्रशासन को 13 फरवरी तक की मोहलत दी है। ग्रामीणों ने इस अवधि तक सर्वे नहीं बदले जाने पर वन पंचायत की भूमि पर निर्माण कार्य नहीं होने देने की चेतावनी दे दी है।

मालूम हो कि मुनस्यारी से मिलम के लिये लगभग 65 किमी लम्बे मोटर मार्ग को शासन द्वारा स्वीकृति दी गई है। इसका निर्माण कार्य ग्रिफ को सौंपा गया है। शासन की ओर से हरी झण्डी मिलते ही ग्रिफ ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। विभाग द्वारा मोटर मार्ग का निर्माण दरकोट से आगे किया जा रहा है। पूर्व में की गई इस सर्वे में क्वीरीजिमियां और साईपोलो गांव छूट गये है। इस गांव के लोग सर्वे के दौर से ही मोटर मार्ग को गांवों के समीप से ले जाने की मांग कर रहे थे। परन्तु ग्रामीणों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पूर्व के सर्वे के अनुसार मोटर मार्ग का निर्माण हुआ तो उनको 5 किमी की दूरी तय कर मोटर मार्ग तक पहुंचना पड़ेगा। ग्रामीणों को कहना है कि वर्ष 1962 में हुये भारत-चीन युद्ध के दौरान इन्हीं गांवों से होकर मोटर मार्ग का निर्माण किया गया। यह मार्ग आज भी पूरी तरह से सुरक्षित है। ग्रामीणों ने प्रस्तावित मार्ग को इसी मोटर मार्ग से जोड़ने की पुरजोर मांग की है। ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने इस संबंध में 13 फरवरी तक कार्रवाई नहीं किये जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने कहा है कि वह सर्वे नहीं बदले जाने पर अपने वन पंचायत की भूमि में किसी भी हालत में मोटर मार्ग का निर्माण नहीं होने देंगे।

 

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