Author Topic: When Villages Will Be Connected To Road? - पहाड़ के गावो मे कब पहुचेगी सड़क?  (Read 16932 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
There are several projects in Uttarakhand which pending since long. Most of the roads are even PMGSY. I believe until unless who will not have the better connectivity, the development will never catch a pace.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

We wud request our members through some lights this issue of road connectivity of their areas.

 a) During these 8 yrs after the formation of uttarakhand state has your village / area connected with road ??

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

People had a lot of expectation from Khanduri Ji but no drasitc changes seen.

आज भी मोटर मार्ग की सुविधा से वंचित है कई गांव   (Jagran) Dec 22, 02:06 am

डीडीहाट(पिथौरागढ़): कनालीछीना विकासखंड के दर्जनों गांवों तक आज भी मोटर मार्गो का निर्माण नहीं हुआ है। यातायात सुविधा नहीं होने से जहां एक ओर यहां के लोगों को पैदल दूरी तय कर मुख्यालयों तक पहुंचना पड़ता है वहीं दूसरी ओर इन क्षेत्रों के उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पाते है।

मोटर मार्ग नहीं होने से यही स्थिति विकासखंड के चमडुंगरी, काणांधार और औलतड़ी सहित दर्जनों ग्राम सभाओं की बनी हुयी है। इन क्षेत्रों में यातायात सुविधा नहीं होने से यहां के लोग आज भी मीलों की खड़ी चढ़ाई पार करने के बाद मुख्य मोटर मार्ग तक पहुंचते है। यातायात सुविधा नहीं होने से मरीजों को डोली से पहुंचाना पड़ता है। स्कूली छात्रों को भी रोज कई किमी की पैदल दूरी तय कर विद्यालयों तक पहुंचना पड़ता है। यातायात सुविधा नहीं होने से इन क्षेत्रों के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाना उत्पादकों के लिये असंभव रहता है। इसके चलते अधिकांश उत्पाद इन्हीं क्षेत्रों में बर्बाद हो जाता है। वर्षो से मोटर मार्ग सुविधा से जुड़ने की प्रतीक्षा कर रहे क्षेत्रवासियों में गहरी निराशा व्याप्त है। मोटर सुविधा नहीं होने से इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य व्यवस्थायें भी बदहाल है। चमडुंगरी की ग्राम प्रधान ममता सामंत ने प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री विशन सिंह चुफाल को ज्ञापन प्रेषित कर शीघ्र इन क्षेत्रों में मोटर मार्ग का निर्माण कराये जाने की मांग की है।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

During NDA Govt, Maj Gen B C Khanduri ji had done well in improving highways condition. People had a lot of expection when he took over as CM of Uttarakhand but unfortunately during over 2 yrs peroid, Khanduri Ji could not do any majic.

Still the road link of Uttarakhand is very very poor. There are several projects pending for long time.

People are losing faith from this Govt also.

हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
उत्तराखण्ड के सीमान्त जिलों - चम्पावत व पिथौरागढ को जोङने वाले मह्त्वपूर्ण राजमार्ग का हाल कई दशकों से बहुत दयनीय है.
 
खटीमा(ऊधमसिंहनगर)। पहाड़ को तराई से जोड़ने वाले सितारगंज-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर कम से कम तीन महीने तक आवागमन ठप रह सकता है। बारिश के दिनों में जगबूढ़ा नदी के क्षतिग्रस्त पुल व तबाह हो चुके वैकल्पिक मार्ग का पुनर्निर्माण संभव नहीं दिखता। एनएच के अधिकारी भी इस बात को दबी जुबान से ही सही मगर स्वीकार कर रहे है।

चंपावत व पिथौरागढ़ जनपद के लोगों की दिक्कतें फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रही है। दस महीने के अंतराल में पहाड़ का मैदानी क्षेत्र से दूसरी बार सड़क संपर्क भंग हो गया है। रविवार की रात चंपावत व ऊधमसिंह नगर जिलों की सीमा के मध्य स्थित जगबूढ़ा नदी से होकर बनाया गया वैकल्पिक मार्ग तेज प्रवाह के चलते लगभग ध्वस्त हो गया। इससे पहले पिछले वर्ष बीस सितंबर की रात नदी पर बने पुल का एक हिस्सा बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। अभी करीब डेढ़ महीने पहले ही पुल के पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ। अब वैकल्पिक मार्ग के बह जाने से नई दिक्कत खड़ी हो गई है। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए लगता है कि इस परेशानी से आने वाले दिनों में छुटकारा मिल पाना संभव नहीं है। जून महीने के आखिरी समय में बारिश का आगाज हुआ है। यदि संभावनाओं के अनुरूप मानसून सक्रिय रहा तो बारिश का सिलसिला सितंबर माह के आखिर तक चल सकता है। इसके अलावा पहाड़ों में तो शरद काल में भी बारिश होती है। जगबूढ़ा नदी का उद्गम स्थल पहाड़ों में ही है। ऐसे में वहां होने वाली बारिश से नदी का वेग बढ़ जाता है। ऐसी स्थितियों में कम से कम तीन महीने तक जगबूढ़ा नदी के आसपास किसी तरह का निर्माण हो पाना आसान नहीं है। बता दें कि यह राजमार्ग चीन से लगी सीमा के आखिरी छोर पर स्थित लिपुलेख तक जाता है। इसके अलावा पड़ोसी देश नेपाल तक आने जाने के लिए यहीं प्रमुख माध्यम है। इस मार्ग पर सेना की छावनियां भी है। इस दृष्टि से मार्ग की महत्ता बढ़ जाती है। लंबे समय तक राजमार्ग बाधित होना कई तरह की दिक्कतों का कारण बन सकता है। इधर एनएच के जेई एपीएस बिष्ट ने बताया कि विभाग तकनीकी विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर समस्या का हल ढूंढ़ने के प्रयास कर रहा है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

There is hardly any change in terms of road connectivity in Uttarakhand.


उत्तराखण्ड के सीमान्त जिलों - चम्पावत व पिथौरागढ को जोङने वाले मह्त्वपूर्ण राजमार्ग का हाल कई दशकों से बहुत दयनीय है.
 
खटीमा(ऊधमसिंहनगर)। पहाड़ को तराई से जोड़ने वाले सितारगंज-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर कम से कम तीन महीने तक आवागमन ठप रह सकता है। बारिश के दिनों में जगबूढ़ा नदी के क्षतिग्रस्त पुल व तबाह हो चुके वैकल्पिक मार्ग का पुनर्निर्माण संभव नहीं दिखता। एनएच के अधिकारी भी इस बात को दबी जुबान से ही सही मगर स्वीकार कर रहे है।

चंपावत व पिथौरागढ़ जनपद के लोगों की दिक्कतें फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रही है। दस महीने के अंतराल में पहाड़ का मैदानी क्षेत्र से दूसरी बार सड़क संपर्क भंग हो गया है। रविवार की रात चंपावत व ऊधमसिंह नगर जिलों की सीमा के मध्य स्थित जगबूढ़ा नदी से होकर बनाया गया वैकल्पिक मार्ग तेज प्रवाह के चलते लगभग ध्वस्त हो गया। इससे पहले पिछले वर्ष बीस सितंबर की रात नदी पर बने पुल का एक हिस्सा बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। अभी करीब डेढ़ महीने पहले ही पुल के पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ। अब वैकल्पिक मार्ग के बह जाने से नई दिक्कत खड़ी हो गई है। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए लगता है कि इस परेशानी से आने वाले दिनों में छुटकारा मिल पाना संभव नहीं है। जून महीने के आखिरी समय में बारिश का आगाज हुआ है। यदि संभावनाओं के अनुरूप मानसून सक्रिय रहा तो बारिश का सिलसिला सितंबर माह के आखिर तक चल सकता है। इसके अलावा पहाड़ों में तो शरद काल में भी बारिश होती है। जगबूढ़ा नदी का उद्गम स्थल पहाड़ों में ही है। ऐसे में वहां होने वाली बारिश से नदी का वेग बढ़ जाता है। ऐसी स्थितियों में कम से कम तीन महीने तक जगबूढ़ा नदी के आसपास किसी तरह का निर्माण हो पाना आसान नहीं है। बता दें कि यह राजमार्ग चीन से लगी सीमा के आखिरी छोर पर स्थित लिपुलेख तक जाता है। इसके अलावा पड़ोसी देश नेपाल तक आने जाने के लिए यहीं प्रमुख माध्यम है। इस मार्ग पर सेना की छावनियां भी है। इस दृष्टि से मार्ग की महत्ता बढ़ जाती है। लंबे समय तक राजमार्ग बाधित होना कई तरह की दिक्कतों का कारण बन सकता है। इधर एनएच के जेई एपीएस बिष्ट ने बताया कि विभाग तकनीकी विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर समस्या का हल ढूंढ़ने के प्रयास कर रहा है।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
See. The pace of development in Uttarakhand. This is the news from Dainik Jagran Portal.



मार्ग, छह साल: 600 मीटर ही बन पाया मोटरमार्गJul 23, 10:31 pm

रुद्रप्रयाग। छह वर्ष पूर्व जिला योजना से स्वीकृत कुरछोला-धारकोट मोटरमार्ग अभी तक छह सौ मीटर ही बन पाया है। ऐसे में निर्माण इकाई की सुस्त कार्यप्रणाली को लेकर जनप्रतिनिधियों में रोष व्याप्त है।

जिला योजना के अंतर्गत वर्ष 2003 में कई गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ने के उद्देश्य से चार किमी कुरछोला-धारकोट मोटरमार्ग की स्वीकृत मिली थी, लेकिन लोक निर्माण विभाग की लेट-लतीफी से अभी तक उक्त सड़क पर केवल छह सौ मीटर ही निर्माण कार्य हुआ है। अभी तक आधे से अधिक कार्य शेष है। सड़क निर्माण में हो रही लेट-लतीफी से जनप्रतिनिधियों में आक्रोश पनपता जा रहा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कुरछोला हयात सिंह पंवार, ग्रामीण विकास सेवा संस्थान के अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह पंवार समेत कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लोनिवि से कई बार शिकायत करने के बावजूद निर्माण कार्य में देरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो जनता आंदोलन को मजबूर हो जाएगी। वहीं लोनिवि के अधिशासी अभियंता आरके अग्रवाल का कहना है कि एक किमी पर कार्य चल रहा है, जबकि वन भूमि स्थानांतरण प्रक्रिया चल रही है। जिसके बाद ही कार्य हो सकेगा।


हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
Chaituladhar, Tawaghat road block due to land slide Distt. Pithoragarh


Bhopal Singh Mehta

  • Jr. Member
  • **
  • Posts: 56
  • Karma: +2/-0
मोटर मार्ग का निर्माण नहीं हुआ तो आवंटित जमीन वापस लेगी 

बागेश्वर। विगत पांच साल पूर्व स्वीकृत कमेड़ी देवी- स्यांकोट मोटर मार्ग का निर्माण शुरू नहीं होने पर ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि 15 दिन के भीतर निर्माण शुरू नहीं किया गया तो वह विभाग को आवंटित भूमि वापस ले लेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि शासन ने उक्त मोटर मार्ग के किमी 1 के बैंड से रंगथरा-मजगांव हनुमान मंदिर चौनाला तक अवशेष भाग किमी 2 का निर्माण शीघ्र करने के आदेश कई बार दिये है। 27 फरवरी 05 को विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के पश्चात समरेखण भी कर लिया गया था। इसके बाद भी विभागीय अभियंता किमी 2 में निर्माण कार्य शुरू नहीं कर रहा है। जिस कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने शासन व जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन में कहा है कि यदि 15 दिन के भीतर मोटर मार्ग का निर्माण नहीं किया गया तो वह स्याकोट मोटर मार्ग में किमी 4, 5 व 6 की निर्माणाधीन मोटर मार्ग की जमीन को वापस ले लेंगे। ज्ञापन में प्रधान मजगांव रतन सिंह, पूर्व प्रधान नारायण सिंह, पूर्व क्षेपंस इं टीएस रावत, भवानी देवी, विशन सिंह आदि ने लोक निर्माण विभाग पर ग्रामीणों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

This is good news.
==============


The Ministry of Rural Development has released grant in aid worth                                Rs. 34.39 rore (Rs. Thirty Four Crore Thirty Nine   Lakhs  only ) as part payment of 2nd installment of Phase V, for   construction of rural roads in Uttarkhand under Pradhan Mantri Gram   Sadak Yojana (PMGSY).The sum is  from the special window created in   NABARD(National Bank for Agriculture& Rural Development) under RIDF   as grants in  aid to the Uttarakhand  State  Rural Roads Development   Agency (URRDA).  URRDA is the agencies executing the works taken up   under Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana (PMGSY) in the state.

         Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana is a 100 % centrally sponsored   scheme to provide road connectivity in the rural areas of the country.   PMGSY envisages connectivity to all habitations with a population of 500   persons and above in the rural areas and about 250 persons and above in   respect of th

http://pib.nic.in/release/release.asp?relid=62250

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22