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Women As Graam Pradhaan - महिला प्रधान सिर्फ नाम की: पति है पूरे ग्राम प्रधान

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Jakhi ji,

Bilkul sahi.. in some cases where village head are
illiterate, whole the work is looked after by their husband. But I have also seen some cases where women village heads are capable to doing their job but they are not given the opportunity to perform the duty.

Ha..ha. This is democracy.



--- Quote from: devbhoomi on December 03, 2009, 01:57:36 AM ---मेहता जी सही कहा है आपने लेकिन इसका मतलब ये नहीं हैं की महिला प्रधान अशिक्षित है, सभी महिला प्रधान अशिक्षित नहीं हैं , कुछ हैं जो की पड़ना लिखना नहीं जानती हैं

लेकिन वो अशिक्षित होकर भी गाँव मैं और क्षेत्रों मैं सभाओं मैं बहुत अछि तरह से भाषण बाजी भी करती हैं जब की आज कुछ पड़े -लिखे पुरुष प्रधान भी लेकिन उन मैं ऐसे भी हैं जो की भाषण बाजी नहीं कर पाते हैं तो इसलिए उनकी जगह पर अशिक्षित महिलाएं ही उनका कार्य करते हैं!

और दूसरी  बात ये हैं की आजकल की महिला प्रधान केवल स्टैम्प बनकर रहा गयी है ,उसका एक कारण तो ये है की उसका पति पड़ा लिखा हो सकता है ओए बहुत इंटेलिजेंट हो सकता भी हो सकता है

, दूसरा कारण ये है की वो उसकी पत्नी यानी स्टैम्प नमक महिला प्रधान की आड़ मैं कुछ हेर-फेर करना  चाहता हो , या गाँव मैं जो प्रस्ताव पास होते हैं उनमेंसे कुछ अपने जेब डालना चाहते हैं!

 जिससे आजकल की महिला प्रधान जी केवल स्टैम्प ही लगाती है लेकिन काम -काज दौड़ -भाग पति ही करता है !क्योंकि पति को मालुम है कैसे हेरा-फेरी  करनी है !

पंचायती राज और लोकसभा ,राज्य सभा  मैं कोई फर्क नहीं है वही राजनीति और वही टिका-टिप्पणी पंचायती राज में भी होती है !यहाँ तक की गाँव में भी प्रधान के चुनाव के लिए पैसे से वोट ख़रीदे जाते हैं

--- End quote ---

jagmohan singh jayara:
उत्तराखंड की महिलाओं ने उत्तराखंड के सामाजिक विकास, राज्य प्राप्ति, चिपको आन्दोलन में बहुमूल्य योगदान दिया है.   आज महिलाएं ग्राम प्रधान के रूप में ग्राम सभाओं का प्रतिनिधित्वा कर रही हैं.  उत्तराखंड सरकार ने ५० प्रतिशत सीट पंचायती राज में महिलाओं के लिए आरक्षित की हैं.   रही बात  "पति भये प्रधान" चाहे पत्नी चुनाव जीती हों...ख्याल रहे जीवनसाथी साथ तो निभाएगा ही.   

"पति भये प्रधान"

हेरा फेरी वक्त की बात है,
क्या हमारे हाथ है,
भाग गए उत्तराखंड से दूर हम,
खाली गांवों में  "पति भये प्रधान",
बड़ी ख़ुशी की बात है,
क्या आपने भी,
उन्हें वोट नहीं दिया?
मुझे ख़ुशी होती है,
जब प्रधान के चुनाव,
उत्तराखंड में होते हैं,
कहते हैं प्रधान के प्रत्याशी,
दिदा, भुल्ला, काका,काकी,भाभी,
जरूर अवा घौर...रैबार छ हमारू,
अर हमतें जितावा,
बजेन्दी कूड़ी का द्वार भी खोलि जावा,
कनु कौथिग सी लगी  जांदु तब,
अपन्ना   प्यारा  गौं  मा,
सदानि रोऊ ता भलि बात छ.

रचना: जगमोहन सिंह जयारा "जिग्यांसू"
३.१२.२००९     

jagmohan singh jayara:
"पर्वतीय महिलाएं"

आज भी दम तोड़ती हैं,
घास काटते हुए'
जब फिसल जाता है पैर,
पहाड़ी ढलान पर,
और गिर जाती हैं,
गहरी खाई में.

 जंगलों में,
जंगली जानवरों के हमले से,
विषैले सांपों के काटने से,
पेड़ों की टहनी काटते हुए,
पेड़ से गिरने से,
कहीं पेड़ों को छूते,
बिजली के तारों द्वारा,
करंट लगने के कारण,
हो जाती है अकाल मृत्यु,
पर्वतीय महिलाओं की.

प्रसव पीड़ा में,
घायल अवस्था में,
अस्वस्थ होने पर,
उत्तराखंड सरकार की,
१०८ एम्बुलेंस सेवा,
राहत प्रदान करती है,
जो एक सार्थक प्रयास है,
पर्वतीय महिलाओं  और,
सभी  के लिए.

रचनाकार: जगमोहन सिंह जयारा "ज़िग्यांसू"
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
ग्राम: बागी-नौसा, चन्द्रबदनी, टेहरी गढ़वाल
E-mail: j_jayara@ yahoo.com
७.१२.२००९

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Excellent Poem Jayra Ji.

The only thing that they are not getting full opportunity for perform as a villaged Head or other post.



--- Quote from: jagmohan singh jayara on December 07, 2009, 04:25:58 PM ---"पर्वतीय महिलाएं"

आज भी दम तोड़ती हैं,
घास काटते हुए'
जब फिसल जाता है पैर,
पहाड़ी ढलान पर,
और गिर जाती हैं,
गहरी खाई में.

 जंगलों में,
जंगली जानवरों के हमले से,
विषैले सांपों के काटने से,
पेड़ों की टहनी काटते हुए,
पेड़ से गिरने से,
कहीं पेड़ों को छूते,
बिजली के तारों द्वारा,
करंट लगने के कारण,
हो जाती है अकाल मृत्यु,
पर्वतीय महिलाओं की.

प्रसव पीड़ा में,
घायल अवस्था में,
अस्वस्थ होने पर,
उत्तराखंड सरकार की,
१०८ एम्बुलेंस सेवा,
राहत प्रदान करती है,
जो एक सार्थक प्रयास है,
पर्वतीय महिलाओं  और,
सभी  के लिए.

रचनाकार: जगमोहन सिंह जयारा "ज़िग्यांसू"
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
ग्राम: बागी-नौसा, चन्द्रबदनी, टेहरी गढ़वाल
E-mail: j_jayara@ yahoo.com
७.१२.२००९

--- End quote ---

Devbhoomi,Uttarakhand:
Jayara ji grate poem,keep it up,majaa aa gaya padkar

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