Uttarakhand > Development Issues - उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित मुद्दे !

Women As Graam Pradhaan - महिला प्रधान सिर्फ नाम की: पति है पूरे ग्राम प्रधान

<< < (4/5) > >>

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
It happens only in Democracy !!!!

In my village also there is women village head, most of the work is being looked after by her husband. Even though she is educated. Villager even call her husband as village head “Pradhan Ji”.

Women Village heads are not getting full opportunity to perform their duties.

Devbhoomi,Uttarakhand:

--- Quote from: एम.एस. मेहता /M S Mehta on November 18, 2010, 03:02:13 PM ---It happens only in Democracy !!!!

In my village also there is women village head, most of the work is being looked after by her husband. Even though she is educated. Villager even call her husband as village head “Pradhan Ji”.

Women Village heads are not getting full opportunity to perform their duties.


--- End quote ---

you are right sir i am totaly agree with you

Devbhoomi,Uttarakhand:
पति देव की इज्जत दांव पर!
====================


हरिद्वार। पत्नी मास्टर साहब, पत्नी चौधरी और पत्नी पूर्व प्रधान, पत्नी पूर्व जिला पंचायत सदस्य। महिला प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार पोस्टरों पर कुछ इस तरह उनकी पहचान बताई गई है। साफ है कि भले ही पत्नी चुनावी मैदान में हो लेकिन इज्जत पति की दांव पर लगी हुई है। खासकर उन मान्यवरों की जो महिला आरक्षित सीट होने के कारण चुनावी मैदान में नहीं उतर पाए। चुनाव प्रचार के दौरान पति अपने नाम और पद के आधार पर वोट मांग रहे हैं। जहां उनका पद काम नहीं आ रहा, वहां पत्नी की शिक्षा का बखान किया जा रहा है। जैसे बीएड, बीए ऑनर्स आदि। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर प्रत्याशी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। ५० फीसदी आरक्षण मिलने के बाद जिला पंचायत में लगभग ८४ और प्रधान पद के लिए छह सौ से ज्यादा महिलाएं किस्मत आजमा रही हैं। लेकिन, मुश्किल यह है कि इनमें से कई महिलाएं चुनावी मैदान में नई खिलाड़ी हैं। महिला आरक्षित सीट न होने के कारण पति मैदान में नहीं उतर पाए तो उन्होंने मोरचा संभाल लिया। अब चुनावी समर में जीत की जिम्मेदारी पति देव पर है। क्षेत्र में राजनीति के कई दिग्गज खिलाड़ी माने जाने वाले राजनेता भी चुनावी मैदान में उतरीं अपनी पत्नियों के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। ज्वालापुर, सीतापुर, जगजीतपुर सहित कई गांवों में लगे पोस्टर पूरी कहानी बयां कर रहे हैं। कोई महिला प्रत्याशी किन्हीं मास्टर साहब की पत्नी है तो कोई पूर्व प्रधान की। महिलाओं की शैक्षिक योग्यता को भी मतदाताओं के सामने रखा जा रहा है।
वोट दिलाने के नाम पर वसूली!
कई उम्मीदवार हो चुके हैं गांवों में सक्रिय दलालों का शिकार
स्र अमर उजाला ब्यूरो
हरिद्वार। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान से पहले कई क्षेत्रों में वोटों के दलाल सक्रिय हो गए हैं। अपने प्रभाव में सैकड़ों वोट होने का लालच दिखाकर कई प्रत्याशियों से वोट दिलाने के नाम पर रकम वसूली जा रही है।
जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से इस तरह की सूचनाएं सामने आ रही है। पथरी थाना क्षेत्र के एक गांव में दो दिन पूर्व दो युवकों ने एक राजनीतिक दल द्वारा समर्थित प्रत्याशी से वोट दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूली। बाद में पता चला कि वे तीन अन्य प्रत्याशियों से भी वोट दिलाने के नाम पर रकम वसूल चुके हैं। बहादराबाद में भी जिला पंचायत सदस्य पद का एक निर्दलीय प्रत्याशी ऐसे ही धंधेबाजों का शिकार बन गया। उसे बाद में पता चला कि उससे १५ हजार रुपये वसूलने वाले दलाल दो दिन पहले भी एक अन्य प्रत्याशी को अपना शिकार बना चुके हैं।
मतदाताओं के नाम पर प्रत्याशियों से वसूली करने की सूचनाएं लगातार सामने आ रही हैं। लेकिन किसी भी प्रत्याशी अथवा मतदाता द्वारा शिकायत न किए जाने के कारण इस संबंध में कोई भी कार्रवाई प्रशासनिक स्तर पर नहीं की जा रही है।
एसडीएम हरबीर सिंह ने कहा कि सभी प्रत्याशियों और आम जनता से आदर्श आचार संहिता का पालन करने की अपील की गई है। सभी को इसमें सहयोग कराना चाहिए। यदि कहीं ऐसी शिकायतें सामने आती हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

http://www.amarujala.com/state/Uttrakhand/8803-2.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

गावो में महिला प्रधान को सिर्फ नाम के है!

सारा काम पुरुष अपना हथिया लेते है, महिला सिर्फ नाम मात्र के! दूसरी तरफ कई जगह देखा गया. कई महिलाये भी योग्य नहीं होता है चुनाव जीत जाते है आरंक्षण सीट के कारन .. लेकिन फिर उनके पति को काम संभालना होता है !

Devbhoomi,Uttarakhand:
अब तो गांवों के प्रधान भी राजनीति का खेल खेलने में माहिर  हो गे है,अगर पत्नी प्रधान है तो वो अपने पति के कंधे पर बन्दूल रखकर चलाएगी और अगर पति  प्रधान है तो वो पत्नी के कंधे पर बन्दूक रखकर चलाता है! राजनेता भी तो सिर्फ नाम के होते है काम के कोई है ही नहीं,यही प्रथा भी अब गांवों के प्रधान भी सीख रहे है !

Navigation

[0] Message Index

[#] Next page

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version