Author Topic: Ab Kathga Khailo-N S Negi Album against Corruption-"अब कथ्गा खैल्यु"  (Read 27282 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0



Kavilash Negi - Narendra Singh Negi Ji'son who sang his debut song in his music album - Mujhe pahadi mat bolo, dehradun wala hon.

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
Ab kathga Khailu,Ab kya jitna khana tha utna kha liya hai

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

The songs of this CD Album are very popular. Three songs are on Corruption.

In the meanwhile VCD has also been released wherein some mal-practices of Govt has been shown.

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
मुझको पाड़ी मत बोलो..



   



मकर संक्रांति के मौके पर भाबर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम किशनपुर में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में ग्रामीणों ने लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों का जमकर लुत्फ उठाया।



पंचायती गेंद मेला समिति, किशनपुर के तत्वावधान में राइंका कण्वघाटी में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ मेला समिति के अध्यक्ष मान सिंह गुसाई ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ शिव वंदना से हुआ। तदुपरांत नेगी ने 'दांकुड़ी हरणा धूपाली चौराणी..' 'हरि भरी सार-सार पड़िगे..', 'सुल्पा की साज..', 'द्वि गति बैसाख सुरमा..', 'माछू पाणि पींदा नि दिख्ये..', 'आई पंचमी..' सहित कई अन्य गीतों की प्रस्तुतियां दीं।



कार्यक्रम के दौरान नेगी व उनके पुत्र कविलाश की ओर से प्रस्तुत 'मुझको पहाड़ी मत बोलो, देहरादूण वचाला हूं..' को ग्रामीणों ने काफी सराहा। कार्यक्रम में लोकगायक अनिल बिष्ट, मंजू सुंद्रियाल, ऊषा नेगी, दीपा पंत ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
वहीं, अनिल बिष्ट के निर्देशन में कलाकारों ने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुतियों से वहां मौजूद हरेक का मन मोह लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जयेंद्र (तबले), सतेंद्र (ढोलक), रवि (पैड), विनोद चौहान (ऑर्गन), गौरव रतूड़ी (बांसुरी) ने संगत दी। इस अवसर पर जिपंस राकेश धूलिया, जगतराम डबराल, सत्यप्रसाद सुयाल, सुनील थपलियाल, अनुसूया पांडे, लक्ष्मी खंतवाल आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। संचालन त्रिभुवन उनियाल ने किया।
    Sourcs Dainik Jagarn

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

बस कर बंडि न सपोड़, अब कथगा खैल्यू


ऋषिकेश, जागरण कार्यालय: हृषिकेश गढ़ महोत्सव में लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी व मंगलेश डंगवाल के गीतों की धूम रही। लोगों ने देर रात तक लोक गीतों का लुत्फ उठाया।
उत्तराखंड नवनिर्माण सेवा समिति द्वारा इगास बग्वाल पर आयोजित गढ़ महोत्सव का उद्घाटन उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता स्व. इंद्रमणि बडोनी की धर्मपत्नी सुरजी देवी, हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान के कुलपति विजय धस्माना, सामाजिक कार्यकर्ता शोभाराम रतूड़ी व भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मदन सिंह बिष्ट ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की शुरुआत लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों से हुई। नरेंद्र सिंह नेगी ने मांगल जागर व मां भगवती श्रंगार से गीतों के क्रम को आगे बढ़ाया। हरि भरि सार.. गीत पर उनके दल ने लोक नृत्य प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने चिर परिचित गीत चल मेरा थौला रे.., द्वी गति बैसाख सुर्मा.. आदि गीत प्रस्तुत किए। श्रोताओं की मांग पर उन्होंने भ्रष्टाचार पर कटाक्ष करने वाला गीत माछू पाणी पेंदू नी दिखे.. और कमिशन कू मीट भात, रिश्वत कू रैलू, बस कर बंडि न सपोड़ अब कथगा खैल्यू.. गीत प्रस्तुत किया। गीत में स्टर्डिया का जिक्र आते ही दर्शकों ने तालियां पीटनी शुरू कर दी। दर्शकों की फरमाइश पर उन्होंने मुझको पहाड़ी मत बोलो मैं देहरादून वाला हूं.. गीत प्रस्तुत किया। भेना रे बाजारया भेना.., टकनौरी गीत डांडू क्या फूल फुलाला.., हे दिल्ली वाला द्यूर.., हर्षु मामा व्योंला यनु खुजैदे.. आदि गीत प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन गणेश कुकशाल गणी ने किया। वहीं, दूसरे सत्र में लोक गायक मंगलेश डंगवाल ने रंग जमाया। मैगा महादेव की स्तुति से उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों की शुरुआत करते हुए मेरी छौंदाड़ी सजि धजीक गोरी गल्वाड़ी.., मां की कसम छकना बांद लगदी पटाकी.. गीत प्रस्तुतियां दी तो दर्शक पैरों पर काबू नहीं रख पाए। दर्शकों की फरमाइश पर उन्होंने लबरा छोरी हाय.. व कई लोकप्रिय गीतों की प्रस्तुति दी। तीर्थनगरी के दर्शकों ने संगीतमय सभा का जमकर लुत्फ उठाया। हास्य कलाकार घन्नानंद (घन्नाभाई) की हास्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को लोटपोट कर दिया। इस अवसर पर उनसे के अध्यक्ष प्रेम गौनियाल, राहुल मनमीत, जगदीश कंडवाल, प्रीतम शर्मा, मानवेंद्र कंडारी, हेमंत डंग, जितेंद्र पंवार, दीपक गौनियाल और ललित शर्मा आदि उपस्थित थे।


http://www.jagran.com/uttranchal/dehradun-city-8457830.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Population decline in hill districts worries netas
« Reply #48 on: February 01, 2012, 01:48:22 PM »

Mentioned about Narendra Singh Negi's Album published in Time of INdia.

---------------

Population decline in hill districts worries netasSubodh Varma, TNN Jan 31, 2012, 05.06AM ISTTags:ALMORA: "Mere ko pahari mat bolo ji, main hoon Dehradun walla" (don't call me a man from the hills, I am a Dehradun resident" - thus croons Narendra Singh Negi, a popular singer whose CD albums are the staple of shop keepers and bus drivers all over Uttarakhand. This particular song goes on to satirically say that now that he has a job and a bike,and looks like a 'hero' , he shouldn't be insulted by being referred to as a hilly-billy.
 Negi's song symbolises a conflict that is tearing apart families across 13 hill districts of the state. Commonly called 'palaayan' (out-migration ), every political party is gnashing its teeth and promising all kinds of things to stop youth from migrating to the plains for jobs.
http://articles.timesofindia.indiatimes.co

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22