भ्रष्टाचार के खिलाफ लोक की हुंकार देहरादून, जागरण संवाददाता: जब भ्रष्टाचार के खिलाफ जनाक्रोश फूट रहा हो, तब देवभूमि खामोश रहे, ऐसा भला संभव है। समाजसेवी अन्ना हजारे के सुर में सुर मिलाते हुए उत्तराखंडी लोक ने भी हुंकार भरी है। फिर इसका माध्यम बने लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी। नई ऑडियो सीडी अब कथगा खैल्यो में वह भ्रष्टाचारियों को ललकारते हुए कहते हैं, कमीशन कु मीट-भात, रिस्बत को रैलो, बसकर भंडि ना सपोड़ अब कथगा खैल्यो, दुख्यरु ह्वै जैल्यो रे। नेगी की यह नई भेंट समाजसेवी अन्ना हजारे के जनांदोलन को समर्पित है। यूं तो ऑडियो में जीवन के हर पहलू को छूते आठ गीत हैं, लेकिन खास फोकस भ्रष्टाचार को किया गया है। सामाजिक सरोकारों से गहरे तक जुड़े लोकगायक ने भ्रष्टाचार की जो तस्वीर खींची है, वह जनभावनाओं को ही प्रतिबिंबित करती है। टाइटिल गीत अब कथगा खैल्यो में नेगी कहते हैं, नयु-नयु राज उत्तराखंड, आस मा छन लोग, बियाणा छन डाम यख, लैंदा को तेरो जोग, कुंभ नह्येगे, अब आपदा नह्येल्यो रे, कथगा जि खैल्यो रे। वह आगे कहते हैं, छप्पन डामूकि डड्वार, कै-कैन बांटी, स्टरडिया की रबडि़ कथगौन चाटी, बारा मा चुनौ छ भुलू, हैंसल्यो के र्वेल्यो रे, अब कथगा खैल्यो रे। एलबम का दूसरा गीत है, माछू पाणी पेंदू नी दिखे, पंछी डाला स्येंदु नी दिखे, लेंदु छैंच भैजि घूस, सब्बि जणदन, पर झूठ क्यो बोन्न, लेंदू नि दिखे। खास बात यह कि पहले गीत में भ्रष्टाचार के ऊपरी स्तर को छुआ गया है तो दूसरे में निचले स्तर को। एक बात और, इस एलबम में पहली बार नेगी के पुत्र कबिलास नेगी ने भी सुरों का जादू का बिखेरा है। बता दें कि नरेंद्र सिंह नेगी समय-समय पर गीतों के माध्यम से राज के काज को उजागर करते रहे हैं। जिसकी बानगी नौछमी नारैण में भी देखने को मिली थी। (Source _Dainik Jagran)