Author Topic: Uttarakhand Feature Films Since 1983 - 1983 से अभी तक बनी उत्तराखंडी फीचर फिल्मे  (Read 35262 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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२००५ का वर्ष -  " किस्मत अपणी - अपणी "
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२००५ में युगांतर जन परिषद के कैलाश चन्द दिवेदी ने " किस्मत अपणी - अपणी " का निर्माण किया ! लेकिन इस फिल्म को भी बहुत ज्यादे सफलता नहीं मिल पाई !  इसके बाद गड़वाली निर्माता निर्देशक इस दिशा में हाथ खीचने लगे !

इसी दौरान अंकिता आर्ट enterprise ने " संजोग" का निर्माण तो किया मगर इस फिल्म का वही परिणाम निकला जो पिछली फिल्मो का"

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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2006 का वर्ष
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एक बार फिर से लंबे अंतराल के बाद उत्तराखंड के कुमोअनी भाषा में एक feature फिल्म आये! मेघा के बाद यह दूसरी कुमोअनी फिल्म थी !

इस फिल्म का नाम था "चेली" यानी हिंदी बेटी !  इस फिल्म को बनाया था कमल मेहता ने जो की मूल रूप से उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले से है! हिंदी फिल्मो जैसे ग़दर और प्रसिद्ध धारावाहिक "क्योकि सास भी कभी बहु थी" और अन्य बहुत सारे फिल्मो में कैमरा मैन के रूप में कार्य कर चुके कमल मेहता ने अपनी संस्कृति के लिए एक फिल्म बनाई !

उत्तराखंड में बहुत से जिलो में सिनेमा हाल ना होने के कारण फिल्म को व्वासयिक लाभ तो नहीं मिल सका फिर भी लोगो ने मेहता जी का काम को सराहा !




 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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2007 का वर्ष
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इस वर्ष अनामिका फिल्म प्रोडक्शन नैनीताल के बैनर तले उत्तराखंड में कुली बेगार आन्दोलन पर श्री सुरदर्शन साह ने मधुली फिल्म का निर्माण किया ! जिसमे हिंदी फिल्मो ने प्रसिद्ध अभिनेता, टॉम आल्टर ने भी अभिनय किया !

हलाकि यह फिल्म सिनेमा हौल में प्रर्दशित नहीं हुयी पर VCD पर ही इसे दर्शको को दिखाया गया !  इस फिल्म की कुछ गाने अनुराधा निराला ने भी गाये है !


'Aapun Biraan' (Apne Paraye) by Shri Kartikey Cine Productions. Produced By Bhaskar Singh Rawat. 2007. Cell No. -> 9412044393.

This is also a feature film but was shown in VCD.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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2008 का वर्ष
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इस वर्ष एक लम्बे अंतराल के बाद पराशर गौर जी ने अपनी पहली और उत्तराखंड की भी पहली फिल्म जग्वाल के निर्माण के बाद " गौरा" बनाई ! जिसका की निर्देशन Shareesh Dobal जी के किया !


इस फिल्म की दर्शको के कुछ अच्छी सराहना मिली !


" मेरो सुहाग"  20008

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इसी साल लियो VIII The Rising Sun के बैनर तले बनी फिल्म " मेरो सुहाग" आयी ! जिसका निर्माण अजय शर्मा और निर्देशन, अनिल बिष्ट जी ने किया !

MERO SUHAAG.

http://www.youtube.com/watch?v=-iJQxs-lUC0


इस फिल्म को भी VCD / DVD पर ही केवल रिलीज़ किया गया ! यह फिल्म दर्शको की प्रशंशा लूटने में कामयाब रही ![/b][/size][/color]

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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2009 उत्तराखंड अब तक की सबसे मंहगे फिल्म " सिपाही जी"
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उत्तराखंड अब तक की सबसे मंहगे फिल्म " सिपाही जी" जो की माधवा नन्द भट्ट जी के निर्मित की ! यह उत्तरखंड की पहली फिल्म है जिसे सेंसर बोर्ड से "उत्तराखंडी फिल्म का certificate मिला"

लागत मे अब तक की सबसे महँगी फिल्म  के अधिकतर गाने हिंदी फिल्मो के गायकों ने गयी जैसे , उदित नारायण, सोनू निगम, स्नेह पन्त और उत्तराखंड के लोक संगीत के गायक मीना राणा और सुरेश काला !

फिल्म का दिल्ली मे भब्य प्रेमिएअर हुवा ! फिल्म अभी चल रही है .




BANNER : SHREE ANMOL PRODUCTION


PRODUCER : MADHAVANAND .G .BHATT
CO PRODUCER : MEENAKSHI BHATT
DIRECTOR : RAJESH JOSHI
WRITER : JYOTI .RATHORE
PRODUCTION CONTROLLER : JAG JEEWAN KANIYAL.

FIRST PROMO

Here is the first promo:

http://www.youtube.com/watch?v=u6sDsjce0i4

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Thanks Mehta ji for this exclusive info.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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2009" याद तेरी एगे" - THIS IS BASICALLY A FEATURE FILM BUT HAS BEEN RELEASED IN VCD/ DVD
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फीचर फ़िल्म " याद तेरी एगे"

DIRECTED BY : RAJENDRA BISHT.

श्री ब्रह्म नन्द छिमवाल , गोपाल उप्रेती एव बदरी प्रसाद अन्थवाल जी इस फ़िल्म के निर्माता है !

फ़िल्म की कहानी अन्य फिल्मो के तरह साधारण न होकर, पहाडी लोगो की पहचान एव अस्थिस्तव की कहानी है! उत्तराखंडवासियो ने देश के कितना बलिदान दिया है और इसके विकास मे हम लोगो का क्या योगदान रहा है, यह फ़िल्म इसका परिचय देती है !  इस फ़िल्म का थीम इतना जबरदस्त है और कहानी इनती दुम्दार है की विभन्न महान हस्तिया स्वतः इसके साथ जुड़ने के लिए लालायित हुए है ! उनमे के प्रमुख है !

  1)   फ़िल्म के निर्माता ब्रह्म नन्द छिमवाल
  २)   प0 राजेंद्र प्रसन्ना
  ३)   प्रेम मटियानी

फ़िल्म के निर्माता

निर्माता  ब्रह्म नन्द छिमवाल पेशे से एक नामी ( अर्चितेक्ट)   एव बिल्डर है जिनका नाम हिन्दुस्तान के बड़े - २ Architect  मे शामिल है लेकिन ख़ास यह है की उन्हें अपने जमीन एव संस्कृति से बहुत प्यार है ! यही कारण है कि उन्होंने ने निस्वार्थ इस फ़िल्म के लिया २० लाख रुपया खर्च किया है !

फ़िल्म के संगीतकार

प0 राजेंद्र प्रसन्ना एक विश्व स्तर के ख्याति प्राप्ति music director  है! जिन्हें कई प्रुस्कारो के नवाजा गया है ! जिनमे से सन् २००४ मे संगीत कि दुनिया का सर्वश्रेष्ट अवार्ड " ग्राम्ही अवार्ड " से भी प्रुस्कृत किया जा चुका है ! इसके अलावा प्रसन्ना जी को यू0 एन0 ओ0  हेड  quater  ( US) मे भारत के आजादी के ५० वी वर्षगाठ के अवसर पर वासुरी के रंग बिखेरने के लिए आमंत्रित किया गया ! इस समारोह मे मुख्य अतिथि थे अमेरिका के तट कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन एव भारत के तत्कालीन  राष्ट्रपति श्री शंखर दयाल शर्मा !

प्रेम मटियानी जी संगीत एव नाटक प्रभाग ( सूचना एव प्रसारण मंत्रालय ) के भूतपूर्व निर्देशक है जो एक समय पूना फ़िल्म institute के निर्देशक भी रह चुके है ! इस फ़िल्म का शीर्षक गीत . .उत्तराखंड महान ..... उन्ही के द्वारा गया है !

फ़िल्म से माध्यम से यह सिद्ध करने का प्रयास किया गया है कि पहाड़ के लोगो अपनी ईमानदारी, कर्तवनिष्ठा एव स्वाभिमान के लिए ही जाने ही जाने जाते है ! और यही कारण है कि गैर पहाडी समाज जाना गया ! यही कारण है उन्हें आदर कि दृष्टि के देखेते है !


इस फ़िल्म का संगीत अत्यन्त सुरीला है और फिल्माकन हिन्दी फिल्मो के मुकाबले का है ! लोक कला एव आधुनिकता का सामंजस्य देखते है बनता है !

लेकिन हमे और क्या करना है और कैसे उत्तराखंड को हिंदुस्तान के मानचित्र पर highlight  किया जा सकता है ! यह जानने के लिया इस फ़िल्म को देखना चाहिए !

Exclusive pics of the film:




Yeh lijiye prastut hai Yaad Teri Aige ka trailer:

http://www.youtube.com/watch?v=o6h7v_T4yr0

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अभिमान - ठुल घर की चेली (कुमोअनी भाषा में)
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इस साल एक बार कुछ उत्तराखंडी feature फिल्मे बनाई गयी ! जैसे 'सिपाही जी", याद तेरी येगे और अभिमान - ठुल घर की चेली !

'अभिमान - ठुल घर की चेली", का निर्माण, संतोष साह ने किया है और इसका निर्देशन, भाकुनी जी ने किया है ! इस फिल्म में प्रसिद्ध अभिनेता, निर्मल पाण्डेय ने भी अभिनय किया है !


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चौक बाजार में कुमाऊंनी होली के शाट दर्शाए

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बागेश्वर। ऋद्धि- सिद्धि फिल्म के बैनर तले कुमाऊंनी फिल्म अभिमान के बागेश्वर स्थित चौक बाजार में फिल्म के शाट लिए गए। इस दौरान कलाकारों ने जम कर होली गायन किया। फिल्म के निर्देशक संतोष साह ने बताया कि हीरा सिंह भाकुनी, बकुल रावल व खालिद भाई के प्रयासों से बनाई जा रही इस फिल्म में कुमाऊंनी संस्कृति के प्रचार-प्रसार के साथ ही पर्यटन, पलायन को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे है। इससे पूर्व इस फिल्म की शूटिंग बैजनाथ, कौसानी, बागेश्वर के कठायतबाड़ा आदि क्षेत्रों में की गई है।

Parashar Gaur

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उत्तराखंडी सिनेमा को नहीं मिल पाई रफ्तार

Posted: 13 Apr 2009 06:19 AM PDT

राज कपूर, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान, मधुबाला तथा काजोल आदि कई हिंदी फिल्म कलाकारों के नाम हमारी जुंबा पर हर समय आते रहते हैं, लेकिन जब बात क्षेत्रीय सिनेमा की होती है तो नामों को गिनना तो दूर याद आना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन इसे किसी त्रासदी से कम नहीं माना जा सकता कि उ8ाराखंड मेंं क्षेत्रीय फिल्मों (गढ़वाली-कुमाऊंनी) के निर्माण एवं इससे जुड़े कलाकारों के लिए सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं दी जा रही है।एक तरफ देश में प्रतिवर्ष ढाई सौ से तीन सौ फिल्मों का निर्माण करोड़ की लागत से हो रहा है। वहीं उ8ाराखंड सिनेमा अपनी रजत जयंती मनाने के बाद भी अभी तक र3तार नहीं पकड़ पाया है। अपने २५ सालों के सफर में कुछ गिनी-चुनी फिल्में हैं जो लोगों के दिलोंं पर अपनी छाप छोड़ पाई हैं। गढ़वाली-कुमाऊंनी सिनेमा के २५ सालों के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो सारी कहानी अपने आप ही सब कुछ बंया कर देती है। ४ मई, १९८३ को पराशर गौड़ ने गढ़वाली फिल्म जग्वाल से क्षेत्रीय सिनेमा को पहचान दिलाने का जो काम शुरू किया था, लेकिन इस दिशा में कोई उत्साह जनक परिणाम नहीं आ पाए। 1या कहते है क्षेत्रीय सिनेमा से जुड़े लोगतेरी सौ, हत्यां, गढ़वाली शोले का निर्माण करने वाले स्वपन फिल्म बैनर से जुडे मदन डुकलान ने बताया कि प्रदेश सरकार से कई बार क्षेत्रीय सिनेमा के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन सरकार की ओर से कोई पहल नहंी की जा रही है। श्री डुकलान कहतेे हैं कि यदि सरकार प्रयास करती है तो क्षेत्रीय सिनेमा के माध्यम से जहां प्रतिभाओं को मंच मिलेगा वहीं कई लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय फिल्मोंंं एवं धारावाहिकों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके रामेंद्र कोटनाला के अनुसार क्षेत्रीय सिनेमा में धन की कमी, संस्कृति संवद्र्धन की स्पष्ट नीति का न होना तथा सिनेमा हालों की कमी (दूरस्थ क्षेत्रोंं में ) सरकार की ओर से कोई सहायता का न मिलना ही प्रमुख कारण है।
pahar1.blogspot.com

purushotamsati

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thxxx Mehta jii for this important information but i want to share something that you mention that "CHELII" was the 2nd Kumawani movie but you r forgetting that  " theen aankhar"" is also a Kumawani Movie.............I have seen it....4 years back..it was a owesome movie......might u did not known about this movie becoues in Uk marketing of Movies is not good. actually producers do not allocate sufficiant fund for marketing.........................otherwise    ........really thxxxxxxx for sharing these exclusive information

 

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