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Uttarakhandi Films & Music Albums Lyrics - म्यूजिक एल्बम के गीतो के बोल

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
अब नि रैनु गांऊँ मा
दाज्यू छन कुमाओं मा
भजि च अमाओं मा
छूटीगियू पहाड़ मयलु पहाड़
रंगीलो पहाड़ छबीलो पहाड़

खटीमा मै मन लगा
अब नि रैनु गांऊँ मा
दाज्यू छन कुमाओं मा
भजि च अमाओं मा
छूटीगियू पहाड़ मयलु पहाड़
रंगीलो पहाड़ छबीलो पहाड़

ब्वारी लिलु घर मै रुलि
इस सोची छे ससु ले
ब्वारी को मन बिजलीगयू
भाबरी या हवेली ,भाबरी या हवेली
दाज्यू की मेवालि

खटीमा मै मन लगा
अब नि रैनु गांऊँ मा
दाज्यू छन कुमाओं मा
भजि च अमाओं मा
छूटीगियू पहाड़ मयलु पहाड़
रंगीलो पहाड़ छबीलो पहाड़

सासु को नि नत बुललो
मै अगला बरस मै
ब्वारी चढ़े अरस में तो
सासु ऐगै फरस में
ऐ टी ऐमा दाज्यू को,ऐ टी ऐमा दाज्यू को
भौजी का परस मै

खटीमा मै मन लगा
अब नि रैनु गांऊँ मा
दाज्यू छन कुमाओं मा
भजि च अमाओं मा
छूटीगियू पहाड़ मयलु पहाड़
रंगीलो पहाड़ छबीलो पहाड़

भौजील मा सेदि करो
अगिनि हनीमून रे
मई मा जबैर दज्यु
छूटी एग्या जून रे
जों रयां सुखी रयां ,जों रयां बची रयां
बुढ बड़ों को खून रै

खटीमा मै मन लगा
अब नि रैनु गांऊँ मा
दाज्यू छन कुमाओं मा
भजि च अमाओं मा
छूटीगियू पहाड़ मयलु पहाड़
रंगीलो पहाड़ छबीलो पहाड़

उत्तराखंडी गीत है
रंगीलो पहाड़ छबीलो पहाड़
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
आंदी जांदी सांस छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू
मेरा जियूंणा की आस छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू
मेरा जियूंणा की आस छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू .....
कट ही जाला खैरी का दिन
कट ही जाला खैरी का दिन
कट ही जाला खैरी का दिन
हे मन किलै उदास छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू ....
ऐ दिन दुनिया देउ देबता
ऐ दिन दुनिया देउ देबता
ऐ दिन दुनिया देउ देबता
सब चुलै की ख़ास छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू ....
ई दुनिया की आणि च स्ड्याण
ई दुनिया की आणि च स्ड्याण
ई दुनिया की आणि च स्ड्याण
सौदा फूलो की बास छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू ....
त्वै बिगेर लास छों मि
त्वै बिगेर लास छों मि
त्वै बिगेर लास छों मि
मेरी जियु जान छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू ....
आंदी जांदी सांस छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू
मेरा जियूंणा की आस छे तू
मेरा जियूंणा की आस छे तू
आंदी जांदी सांस छे तू
मेरा जियूंणा की आस छे तू
उत्तराखंडी गीत है
आंदी जांदी सांस छे तू
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
मेरी जल्मभूमि मेरो पहाड़
मेरी जल्मभूमि मेरो पहाड़ ... २
गंगा जमोना यखी बद्रीकेदार
मेरी जल्म भूमि मेरो पहाड़... २
फूल खिलन्दी न फूलों की घाटी
रौंस जगांदी न हिवंली कंठी ... २
नंदा की छ्या ....... अ . अ ..आ जगेशवर धाम
नंदा की छ्या जगेशवर धाम
पञ्चप्रयाग यखी हिमकुंड साहब
अौली को मुख यखी हरि-हरिद्वार
मेरी जल्मभूमि मेरो पहाड़ ... २
लाम मा दटया छन हमरा लाल
राण का जितार छन बैरियों का काल ... २
सुमन माधोसिंग ....... अ . अ ..आ तुमरो बलिदान
सुमन माधोसिंग तुमरो बलिदान
केसरी चन्द्रसिंग देश की शान
रमी गौर और्र तिलो जनि नार
मेरी जल्मभूमि मेरो पहाड़ ... २
ग्वैनि घसैनियों को मायलु पारण
बन मा ग्वैरों की बसुंली की तान ... २
थड्या झुमैलो ....... अ . अ ..आ गीत खुदेड
थड्या झुमैलो गीत खुदेड
हुड़की मस्क ढोल दमु की ताल
नैनीताल यखी मसूरी बजार
मेरी जल्मभूमि मेरो पहाड़ ... २
औ हो हो औ हो हो ला ल ला ला ल ला ल ल ला
हो हो औ औ हो हो औ औ ला ल ला ला ल ला ल ल ला
उत्तराखंडी गीत है
मेरी जल्मभूमि मेरो पहाड़
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
तेरु रूप
लेटेस्ट गढ़वाली देजे सोंग २०१६
स्वर अमर सेमल्टी और साथी
संगीत संजय कुमोला
संपादक विकास खत्री
न्यू ऐज ग्रुप मीडिया इनचार्ज प्रेमचंद्रा
https://youtu.be/l3z3pffW_KY?t=114
तेरु रूप
हे हे हे ..... अ अअ
पौड़ी टेहरी चमोली उत्तरकाशी देहरादून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
पौड़ी टेहरी चमोली उत्तरकाशी देहरादून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
सैरु पहाड़ तिन रूप मा ठगै
अरे सैरु गढ़वाल तैंन अंग अंग समै
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
गंगा जल सी तेरु छालू मन
आग लगुण्या तन मन जोबन
हाँ ..गंगा जल सी तेरु छालू मन
आग लगुण्या तन मन जोबन
दही कि परोठी छोरी ईनि माया मोल
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
दही कि परोठी छोरी ईनि माया मोल
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
जब हिटदी तू रैंदी सबू की नजर
मन कंठी कां तेरी बालि उमर
हे..जब हिटदी तू रैंदी सबू की नजर
मन कंठी कां तेरी बालि उमर
सरी दुनिया चकोर अर तू कंठा मा की जून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
सरी दुनिया चकोर अर तू कंठा मा की जून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कॉलेज मा तू छोरों कि जां
सड़कीयों मा तू आंदा जांदू पराण
हे ...कॉलेज मा तू छोरों कि जां
सड़कीयों मा तू आंदा जांदू पराण
गुंदक्यालि हथि खुथि मुखडी जनि नौंण
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
गुंदक्यालि हथि खुथि मुखडी जनि नौंण
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
रुपाली बांद तू इतगा बिंदयाल
बण मायादार बात सुणायाल
हो ....रुपाली बान तू इतगा जणायाल
बण मायादार बात सुणायाल
सरया गढ़वाल घुम्या अब तेर जनि नि पोँण
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
सरया गढ़वाल घुम्या अब तेर जनि नि पोँण
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
पौड़ी टेहरी चमोली उत्तरकाशी देहरादून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
पौड़ी टेहरी चमोली उत्तरकाशी देहरादून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
सैरु पहाड़ तिन रूप मा ठगै
अरे सैरु गढ़वाल तैंन अंग अंग समै
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
उत्तराखंडी गीत है
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
मन भरमैगे मेरी ..सुधबुध ख्वेगे,
मन भरमैगे मेरी ..सुधबुध ख्वेगे,
सुणी तेरी बांसुरी सुर,
सुणी तेरी बांसुरी सुर,
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
भौंरा-पुतला फूल छोड़ीक,
चखुला अपणा घोर छोड़ीक
रंगमत हवेकी अंगना तेरी धुन सुणीक,
सुरीली धुन सुणीक
गोरू-बखरों की टोली तखी हुण लेगे,
सुणी तेरी बांसुरी सुर
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
डाली बोटी सबी झुमि झुमिक
धरती पे देखा चुमी चुमीक
मै मौल्यार लेण लगन तेरी धुन सुणीक
रसीली धुन सुणीक
हिंवाली कंठी यों गलण लेगे
हिंवाली कंठी यों गलण लेगे
सुणी तेरी बांसुरी सुर
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
कोंपल फुटीयू बा मूळ मूळ
हैंसण लगेंन बणि ते फूल
मठ मठ हवा चलण लगे सुणी बांसुरी सुर
सुणी बांसुरी सुर
गढ़ा गदनियों सियू साठ तम हुण लेगे
सुणी तेरी बांसुरी सुर
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
उत्तराखंडी गीत है
भरमैगे मेरु..सुधबुध ख्वेगे,
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
एल्बम : मन भरमैगे
गायिका : लता मंगेशकर

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