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Uttarakhandi Films & Music Albums Lyrics - म्यूजिक एल्बम के गीतो के बोल

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
आयो मैना चैत को
बाटू बतै ग्ये मैत को,
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
मैत वाळि मैत होलि
निर मैतणी रोलि यकुलि,
नि रौणु छोरि पापणि
क्वी नि च तेरि आपणी।
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
काका बौडा मा रौणु नि
अपणु रंग खौणु नि
छक्वै कि रौणु ब्यै मुंग
फिर नि रौणु कै मुंग।।
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
उत्तराखंडी गीत है
आई पंचमी माऊ की
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
बस चल चित्र के निचे लिखा है
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
गोरी मुखडी मा हो लाल होंटडी जनि आहा
गोरी मुखडी मा हो लाल होंटडी जनि आहा
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
बांज आयारु कु बोण, फुल्यु बुरांस कनु,
हेरी साडी मा बिलोज लाल पर्यु हो जनु.
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
कुत्तर किन्गोड़ कफल, काली हिंसर लरतर
रसुला देवदारु की ठंडी ठंडी हवा सर सर
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
खिली मखमली बूग्यालू , मा सरेल क्या बुन
आंखी रेह्गेनी देखदी, स्वर्ग पहुंचगे मन
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
यन्न मा होलू कन जू मन माया नी जोड़लू
खेल माया कु ना खेल, पछतौन पोडालू
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
केल कुलायु की सेल , तेरा गेल फिर कब,
राजी राली दांडी काँठी, ऋतू बोडली जब,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
उत्तराखंडी गीत अनुवाद किया है उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
बस चल चित्र के निचे लिखा है
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
ओ तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
ओ त्वे मा सेरु गढ़वाल समयु च .
ओ त्वे मा सेरु गढ़वाल समयु च
तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
पौड़ी की रौनक तेरी गलोड़यु मा ..
जोंसार जादू तेरी लटल्यु मा ...
पौड़ी की रौनक तेरी गलोड़यु मा ..
जोंसार जादू तेरी लटल्यु मा ...
श्रीनगर की गंगा तेरी आंख्यु मा ।
फूलो की घाटी तेरी उट्ठरयु मा ।
ओ दन्तर्यु मा ..दन्तर्यु में हिमालय बसयु च ..
तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
ओ तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
गौचर गोपेश्वर भी कन्द्र्यु मा ..
उत्तरकाशी तेरी उन्गाल्यु मा ...
डिब्रागढे की बोली तेरी कवलि मा ..
देहरादून बस्यु तेरी खुचली मा ...
पीठ मा ..पीठ मा चमोली अड्युंचा.
कमर मा टिरी की लसक ..
छुयु मा सालाणी मजाक ..
कमर मा टिरी की लसक ..
छुयु मा सालणी मजाक ..
सतपुली सी तेरी लपाक ..
चाल मा भाबर सी ठसाक ..
चंबा जनू ओ चंबा जनु सुरंग क्या पयु च
ओ तेरु ..बाकि बाक रूप कमयु च ...
लैंसडोन सी तेरी नकोडि
केदरनाथ सी तेरी जिकुड़ी
चौंदकोट तेरी ज्वानी
बद्रीनाथ सैनी मुखोडि
खुट्यूं मा खुट्यूं मा ऋशिकेष बसयुंचा
ओ तेरु ..बाकि बाक रूप कमयु च ...
ओ तेरु ..बाकि बाक रूप कमयु च ...
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
उत्तराखंडी गीत है
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चलचित्र के नीचे गीत लिखा है बस
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
बरखा चुप व्हैजा
स्वर प्रीती रणाकोटी, गुंजन डंगवाल
गीत शांति भूषण
धन्यवाद अमित सागर
संगीत सुमंत पंवार
एल्बम गंजो मेरा गोँ कि
लेबल MGV DIGITAL

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा

ना बारखि बरख ना बारखि
ना बारखि रणुमणुम झणुमणुम कैकि चुप व्हैजा

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा

भौल सुबेर मिल दूर चली जाण
ऊँकी अनवर मिल कै मा खोजाण

भौल सुबेर मिल दूर चली जाण
ऊँकी अनवर मिल कै मा खोजाण

मेल्दी आँखि मेल्दी आँखि आंसूधारा बगेना

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा

ऊँ का बाना करर्युं साज सिंगार र
थोत ख्याल जरा बरखा रिसाड

ऊँ का बाना करर्युं साज सिंगार र
अरे थोत ख्याल जरा बरखा रिसाड

परीत माया परीत माया अध बाटा छुपै ना

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा

ईकुली बिंदूल सुर मा पंधेर बगीगे
खिलियु खिलियु रूप रंग और सजीगे

कुंगली गात स्युंदी फूंदी रुझिगे
जल्मो जल्मो की तिस बुझिगे

रणुमणुम झणुमणुम
रणुमणुम झणुमणुम लगि रै रुकी ना

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना

उत्तराखंडी गीत है
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
ध्यानी प्रणाम
जय हिन्द जय उत्तराखंड
आज मैंने खोयी मेरी पहचान है
पहाड़ हूँ मैं स्थिर चुप चाप अपने में खड़ा रहता हूँ
आते हैं जो मेरे पास उन सबको मैं अपना कर लेता हूँ
सुखद अनुभूति हो उन्हें उनके दुःख थोड़े समय हर लेता हूँ
कदम बड़े मेरी तरफ उनके शीश को गर्व से तान देता हूँ
झुकना ना सीखा मैंने अडिग अचल मेरा खुला स्वभाव है
शांति का मार्ग ही मेरा प्रशस्त और नित बहता विशवास है
नदियों ने सीखा बहना मुझसे हवाओं का तोड़ा मैंने अहंकार है
मेरा ना कोई तह यंहा पर समंदर का भी तो किनारा साथ है
मीलों यंहा ख़ामोशी छाई आत्मा को परमात्मा का मिला ज्ञान है
अपने ही और अपनों के कारण ही आज मैंने खोयी मेरी पहचान है
पहाड़ हूँ मैं स्थिर चुप चाप अपने में खड़ा रहता हूँ
आते हैं जो मेरे पास उन सबको मैं अपना कर लेता हूँ
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
कविता बालकृष्ण डी ध्यानी को
आज मैंने खोयी मेरी पहचान है
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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