Author Topic: Your Hearth Touching Uttarakhadi Songs -आपके दिल को छू लेने वाले ये गाने !  (Read 11860 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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This is the very-2 special bhajwan on Badri Nath.. i like this.

Singer  - Gopal Babu Goswami.

http://www.esnips.com/doc/7c34d3c7-858e-4f90-988f-1945b47d5e92/Jai-Jai-ho-Badrinatha

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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one more hearth tuching new song by n s negi ji

इस गाने में नयी नयी शादी शुदा वाली नारी का दुःख को प्रकट किया गया है, जिसका आदमी शादी करके अपनी नौकरी पर दिल्ली गया और अभी तक अपने घर वापिस नहीं आया है, वह औरत दिल्ली से आये किसी अन्य युवक से अपने पति के हाल-चाल जानने को उत्सुक है.. बङा अर्थपूर्ण और मार्मिक गाना है, एक बार फ़िर नेगी जी ने "पलायन" की समस्या पर अपनी सशक्त कलम चलायी है...
हे दिल्ली वला दयुरा, हे दिल्ली वला ...........
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..२

चोंठी मा तिल वाली भोजी, चोंठी मा तिल वली.......
चोंठी मा तिल वली भोजी हुन्दू क्वी अता पता भेजी कु त खोजी ल्यान्दा....2
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..

भंडी बरस व्हेगीन यून्की, चिट्ठी पतरी ना खबर सार ....2
नयु- नयु ब्यो व्हे छो हमरू, छोड़ी चली गीन घरबार
चोंठी मा तिल वली भोजी हुन्दू क्वी अता पता भेजी कु त खोजी ल्यान्दा

मैं शक-सुभा हूनू भोजी फड़कणी च आँखी मेरी....2
भेजी मेरु रशिलू मिजाज, क्वी बाँध ना हो तख धेरीं

हट ठठा ना कर भे दयुरा, स्यना त नि छिन तेरा भेजी
छोवं आश मा कभी त ल्याली, मेरी खुद तों खेन्ची खेन्ची
हे दिल्ली वला दयुरा, तेरा भेजी भी दिखेंदिनी रे कभी आन्दा जांदा..

तू फिकर ना कर बो पंछी, कख जालू घोलू छोड़ी
बाटू बिरर्युं च भेजी, ए जालू त्वेमा बोड़ी
चोंठी मा तिल वाली भोजी, काटेनी तिन भी दिन याखुली रून्दा रून्दा


This is really very -2 sentimental song wherein women asks condition about her husand from a distance brother-in-law.


Devbhoomi,Uttarakhand

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one more hearth tuching by negi ji

तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
* ज्यूँ हल्कू हवे जालु तेरु भी द्वि आखर चिठ्ठी मा लेखी देई
तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
कखी तेरी कलेजी कांडो दुपी हो यख रो मी फूलो मा हिटणो
न हो कभी अजाण म न हो न हो
*कखी तेरी आँखी आंसूं भरी हो यख रो मी खित -खित हैसूणो
न हो कभी अजाण म न हो न हो
तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
कखी तेरा चुलुन्द आग न जगी हो यख रो मी तेका चढाणो
न हो कभी अजाण म न हो न हो
कखी तेरी गोली हो तिसल उबाणी यख रो मी छामोटा लगाणों
न हो कभी अजाण म न हो न हो
दुःख हलकू हवे जालु तेरु भी बाटी लेई दुःख ना लुकेई
*तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
कखी तेरी स्याणी हो मै थे खोज्याणी,यख छोड़ी दियू आस पलणु
न हो कखी अजाण म न हो न हो
तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२
*कखी तेरा हाथ बटी छुटी जाऊ कलम यख रो मी चिठ्ठी यू जग्वाल्णु
न हो कखी अजाण म न हो न हो
तेरी पीडा मा द्वि आंसू मेरा भी तोरी जला पीडा ना लुकेई-२


Devbhoomi,Uttarakhand

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नेगी जी का ये गीत भी बहुत पुराना और दी को छू लेने वाले गीतों में से एक है

हे मेरी अंखियों का रतन बाला से जदी
बाला से जदी
दूध भाति देलु त्व़े खेन,बाला से जदी
बाला से जदी,हे बाला से जदी
मेरी ओंखुड़ी-पोंखुडी छई तू  मेरी स्याणी छई गाणी
मेरी जुकुडी-फुकुडी होल्यु  रै से जा बोलियों माणी
बाला से जदी

Garhwali Lori by Narendra Singh Negi

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बूट पटी कमर कसीं....हिटदा ठम-ठम,
हिमालय की रक्षा करणी...खयीं छन कसम
भारत माँ तेरा पीर हम, गंगा माँ तेरा लाल हम l
वीर भूमि का वीर सिपे छों...पीठ नी दिखोला कबी,
...दुश्मनों थें मार भगोला, कसम लेयोला हम सबी
गढ़वाल रयफल का वीर जवान छों हम,
हिमालय का रण-बंकुरा...नी छों केसे कम,
भारत माँ तेरा पीर हम, गंगा माँ तेरा लाल हम l


Movie: सिपे की सौं (Sipey Ki Saun)
Singer: प्रीतम भरतवाण (Pritam Bharatwan)

Devbhoomi,Uttarakhand

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कनी खुद लगी जांदी जीकुड़ी,
छुटी गेनी..डुबी गेनी मेरी टीरी l
मेला थौलों को रिवाज़ नी रे,
चूड़ी चरखी को मिजाज़ नी रे,
...कख गेनी समलोण सिंगूरी,
छुटी गेनी..डुबी गेनी मेरी टीरी l
....एल्बम : मेरी टीरी
गायक : किशन सिंह पंवार / प्रीती रणाकोटि

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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I like this song of our beloved late poet Shree Girish Tiwari Ji.

लोकप्रिय रचना

हिंदी में उनकी एक लोकप्रिय रचना है-

अजी वाह क्या बात तुम्हारी

तुम तो पानी के व्यापारी

सारा पानी चूस रहे हो

नदी समंदर लूट रहे हो

गंगा यमुना की छाती पर कंकड़ पत्थर कूट रहे हो

उफ़ तुम्हारी ए ख़ुदग़र्ज़ी चलेगी कब तक ए मनमर्ज़ी

जिस दिन डोलेगी ए धरती

सर से निकलेगी सब मस्ती

दिल्ली देहरादून में बैठे योजनकारी तब क्या होगा

वर्ल्ड बैंक के टोकनधारी तब क्या होगा.

 

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