उत्तरायणी मेले में निकली झांकी ने सरोबार किया बागेश्वर नगरी कोJan 15, 01:59 am
बागेश्वर। 'बेड़ू पाको बारा मासा, ओ नरेंण काफो पाको चैता' की धुन व कदम ताल में चलते कुमाऊं रेजीमेंट रानीखेत के जवान, कुमाऊंनी परिधान में कलश यात्रा निकालते राजकीय बालिका इंटर कालेज की छात्राएं व विभिन्न थापों में छोलिया नृत्य करते धारचूला, रंगीली नाकुरी, बिलौना के छोलियार व विभिन्न विद्यालयों, सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुति। यह दृश्य था उत्तरायणी मेले के शुभारम्भ से पूर्व नगर में निकली झांकी का। झांकी में निकलते बैंड, ढोल-नगाणों की आवाज से पूरी बागनाथ नगरी बागेश्वर संस्कृति मय हो गई। जिसने भी इस कला को देखा व सुना वही थिरक गया।
मेले के शुभारम्भ से पूर्व जिलाधिकारी कार्यालय से सांस्कृतिक झांकी को विधायक चंदन राम दास, जिलाधिकारी शैलेश बगौली व उपजिलाधिकारी गिरीश चंद्र गुणवंत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। झांकी के आगे कुमाऊं रेजीमेंट रानीखेत के जवान कुमाऊंनी गीत व देश भक्ति के गीतों की धुनों के साथ कदम से कदम मिलाते देश भक्ति के साथ ही अपनी संस्कृति की रक्षा का जज्बा पैदा कर रहे थे। इसके बाद राबाइका बागेश्वर की छात्राएं कुमाऊंनी परिधान में सजकर अपनी संस्कृति की छटा बिखेर रहे थे। विवेकानंद विद्या मंदिर बागेश्वर के छात्र बैंड का वादन कर अपनी उपस्थिति का अलग से अहसास करा रहे थे। जबकि मिशन स्कूल व कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल के बच्चे कुली बेगार की झांकी का प्रदर्शन व गगनभेदी नारे देश की स्वतंत्रता की अहिंसक लड़ाई की याद दिला रहे थे। इस दौरान धारचूला, बिलौना, नाकुरी के कलाकार अपनी संस्कृति का अहसास करा रहे थे। इसके अलावा आम जनता के लिए संदेश लिए एनसीसी के छात्र, झंकार ग्रुप, शिशु मंदिर के छात्र व विभिन्न विद्यालयों व सांस्कृतिक दलों द्वारा अपनी संस्कृति की छाप छोड़ी जा रही थी।