मेरे सामने तो कभी भी ऐसा कोई उदाहरण नहीं आया कि उत्तराखण्डियों में कभी एकता की कमी आई हो, हां मतभेद होते रहते हैं। लोग एक संगठन छोड़ दूसरे-तीसरे में जाते रहते हैं, लेकिन वक्त पर हम सब एक हो जाते हैं। लेकिन इसे एकता विखण्डित होना नहीं कहेंगे। यह एकता का ध्रुवीकरण हुआ, अनेक ध्रुव हो तो गये, जिस तरह से सूर्य के नौ ग्रह और उन ग्रहों के अनेक उपग्रह हैं, उसी प्रकार हमारे भी ग्रह उपग्रह हो सकते हैं, लेकिन तारा एक ही है "उत्तराखण्ड"।