मित्रो
जैसे जैसे लोगों का आर्थिक स्तर बढ़ रहा है, वैसे वैसे ये सब बातें बढ़ ही रही हैं क्योंकि यह आस्था का सवाल है| फर्क इतना है की जो लोग हमारे पहाडी भाई अपने आप को तथाकथित Educated कहते हैं वह पूजा और जागर छोड़कर SAI BABA, MATA KA JAGRATA or SHANI POOJA कराने लगे हैं या hi-tech ज्योतिषियों, वास्तु, फेंग सुई आदि अपनाने लगे हैं | मैं समझता हूँ कि यह सब चीजें किसी न किसी रूप में हमारे समाज में मोजूद रहेंगी और यह हमारी संस्कृतिका हिस्सा हैं| ऐसा नही है कि केवल हमारे समाज में ही ये सब बातें हैं अगर आप किसी भी समाज या संस्कृति को throughly study करेंगे तो ये सब हर जगह किसी न किसी रूप में मोजूद है चाहे वह समाज अपने आप को कितना ही उच्च या शिक्षित मानता हो| क्योंकि आस्था एक ऐसी चीज है जिसके बिना मानव जीवन सम्भव नही, क्योंकि मनुष्य का स्वाभाव है कि वह हमेशा कुछ सही या ग़लत सोचता और समझने कि कोशिश करता रहता है| मुझे लगता है ये सब चीजें न घट रही हैं न बढ़ रही हैं पर मानव के तथाकथित विकास के साथ यह अपना स्वरूप बदलती रहती हैं|