Ha yaar Himanshu bhai, Jitna bhi time milta hai mai kosish karta hu ki kuch na kuch yogdan kiya jay forum mai...
ये घटना तब की है जब महाभारत सीरियल आया करता था. हमारे गाव मै तब एक ही TV हुआ करता था, और पूरा गाव उन्ही के घर जा के महाभारत देखा करते थे वैसे लगभग हर गाव की यही कहानी थी.
आप लोगु ने सुना होगा गाव मै दरवाजा बंद करने के लिए एक आगोलो होता है, ये एक लकड़ी का 2feet लंबा टुकडा होता है, ये अन्दर से दरवाजा बंद करने के काम आता है, और जब दरवाजा खोलते है तो इसे दरवाजे के पीछे रख दिया जाता है. इस घटना मै आगे आगोलो का ज़िक्र आयेगा.
तो जीनके घर tv थी sunday को उनके घर मै बहुत भीड़ हो जाती थी, ये घटना उस दीन की है जब द्रोपती का चीरहरण हो रहा था.. ये सीन देख कर हमारे गाव की एक आमा भड़क गई, ये आमा दरवाजे के पास मै बैठी थी, तो दरवाजे के पीछे से आगोलो नीकालती हुए जोर से चिल्लाई, "मै बर्सुछु, ते रानका का खोरा ला, सीबो सीब, ते नन्तीनी को कम कार्यो बदनाम, तो कानो (Dhirtrast ke liye) रानको ले क्या की चुप छ, तुमन (सभी बैठे हुए लोगु से ) ले नी भे श्रम चाsss रीछा, कहती हुए वो TV की तरफ़ लपक पड़ी हाथ मै आगोलो लेते हुए"
इतने मै जीनकी tv थी वो चिल्ला पड़े, "थाम थाम तीनन, आज फोडी हालनान मेरी TV" तो लोगु ने पकड़ के आमा को बड़ी मुश्किल के समझाया वरना उस दीन आमा टीवी फोड़ की देने वाली थी.
मुझे आज भी ये घटना जब याद आती है तो हसी फूट पड़ती है, वो सीन देखने लायक था, और जीनकी tv थी उनका घबराया हुआ चेहरा ना कहो, वैसे उन्दिनु tv खरीद पाना बहुत मुश्किल था
Lo + 1 Karma Pandey Jee..... Is Topic Par to aap apna swamitva bnaaye rakhe hai...