Author Topic: Funny Incidents - हास्य घटनाये  (Read 86511 times)

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #190 on: June 16, 2009, 05:33:21 PM »
bhaut hi interesting hai ye pankajda
एक घटना याद आई, हमारे एक अनूप दा थे, स्कूल की परीक्षायें हो रही थी। उनको नकल करने की नई विधियों का मास्टर माना जाता था, उन दिनों सुरेन्द्रा पाकेट बुक्स से गैस पेपर निकला करते थे। वे उस किताब का एक इंडेक्स तैयार किया करते थे, जैसे वेबसाईट्स का साईट मैप होता है, वैसा ही। एक-एक प्रश्न को वे प्रश्न संख्या और उसका जबाब कौन से पेज को किस लाईन में है तथा किताब की कौन सी साईड में है, लिखा करते थे। जैसे ही पेपर मिला, उनका साईट मैप खुला और सारे आन्सर फाड़ लिये।
     उनकी एक और खासियत थी कि वे नकल के लिये जो भी सामग्री बनाते थे, कार्बन पेपर से उसकी ७-८ प्रतियां जरुर बनाते, ताकि अगर एक कागज पकड़ा जाय तो दूसरा काम आ जाये।
     इसी प्रकार से वे किसी प्रचलित प्रश्न का उत्तर ले जाते थे तो वह भी ७-८ कापीज में। एक बार परीक्षा में वे कबीर दास की जीवनी को वे नकल कर रहे थे, मास्साब ने पकड़ लिया, थोड़ी देर में फिर वे पकड़े गये, इसी प्रकार जब वे छ बार पकड़े गये और एक ही मैटर हर बार उनके पास से बरामद हो रहा था, तो मास्साब ने झल्ला कर उनको नकल वापस दे दी और कहा कि यार अनूप सिंह इतना दिमाग पढ़्ने में लगाता तो फर्स्ट क्लास आ जाता।


Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #191 on: June 16, 2009, 05:40:13 PM »
haaaaaaaaaaa haaaaaaaaaa. madan da ya to use kissh hai go ki bhaat khani kahai gaay pataw chatni haat lai gaay  
बाखई टुक पर एक अनारौ बोट मैं खूब अनार पाक राछी हो महाराज.  रोज़ रात खान खैबैर कुछा अनार चोरुहू जाने भाय.  जैक बोट छि उकनी मालूम है गिनौल तो उ वां लुक रौई महाराज.  जसिकै एक एक अनार तोड़ सक्छी कुछा, उसिकै उ आवाज लगौन भै गोई "चोर चोर". आब नान नान नानतिन लै कैन चोर हुनी महाराज. दौड़ लगे बेर गौं बै दूर जंगल मैं भाजी ग्याय.  कई लोग पकडो पकडो कैबेर महाराज जंगल मैं ए ग्याय. उन लोगों मैं अनारौ बोट वालूंक बाप लै छि जो थोडा सासै बीमार छि.  उ महाराज कैन भै गिनाल.  जब अन्यार मैं उनरी साँसे आवाज कैलै सुन हनली तो उनूल सोचो महाराज की  चोर पकड़ है.  जोरल चिल्ला की पकड़ है पकड़ है.  जब ख्वार मैं बुडैल लाठी मारि, तब जबेर महाराज उनुकौं पत्त लाग कि को पकड़ दे.  बस महाराज तब तक हम तो घर पूज ग्याय. अनार खाय हमून और लाठी खाय उनून.

मदन मोहन भट्ट

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #192 on: June 16, 2009, 05:58:33 PM »
ki haro kiharo haaa haaaaaaa akshar gaon me bolte hai esaa kutte ko
बचपन में एक  बार एक शादी में गया था घर से कुछ दूर वहां पे हमारे साथी के बिरादर भी रहते थे सुबह शादी के बाद हम लोग उनके बिरादर के वहां खुमानी और पुलम लेना गए हमारे साथ कई लड़के थे उनमे से एक बन्दे ने कहा कि उनके वहां एक बहुत खतरनाक कुता है मगर वह एक बात जनता है बस तुम बोलना कि " कि  हर कि  हर " बस वह तुम्हे नहीं काटेगा हमें सोचा कि शायद यह सही बोल रहा है क्यों कि यह उन्हें जनता है फिर क्या था चल दिया हम उनके यहं ..... हम उनके बखाई में पहुंचे ही थे कि हम से दुगनी ऊंचाई का कुता हम में झफत गया ...... जिसने बोला था कि बोलना  " कि  हर कि  हर "  वह सबसे पहले पेड पर चढ़ गया .......... हम में से एक लड़के को कुते ने पीछै से पकड़ लिया वो बेचारा रोता और बोलता  " कि  हर कि  हर "  लकिन कुता तो बस उसे घसीट रहा था या देख सभी साथी भाग गए कुछ पेड में चढ़ गए मै ने भी खूब तेज भाग कर निचे  खेत मै कूद  मार दी ......... बाद मै जब कुते का मालिक आया तब जाकर उस बेचार कि जान में जान आई हमारी भी ............
अभी भी हम कभी आपस में मिलते है तो इस बात को काफी यद् करते है " कि  हर कि  हर "  .......... हा हा

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #193 on: June 16, 2009, 06:06:22 PM »
ye kahani humne bhi bhaut suni hai bachpan me mehata jyu sher ka naam sun kar hum log dar jaate the raat ko isliye dupak kar so jaate the

Written by Badola ji.


चल तुमेडी बाटे बाट मैं क्या जानू बुडिये की बात



रात्रि मैं भोजन के पश्चात निद्रा रानी के आव्हान के लिए कहानी सुनना बच्चों की दिन चर्या का एक आवश्यकीय अंग होता है. हम भी बचपन मैं रोज कहानी सुनते थे कहानी सुनते सुनते सो जाना एक साधारण बात थी.

एक दिन की बात है की रात्रि मैं हमारी दादी ने एक कहानी सुनाई 'चल तुमेडी बाटे बाट मैं क्या जानू बुडिये की बात'  दादी ने बताया की एक गाँव मैं एक शेर लगा था वह दिन दहाड़े आकर आदमियों का शिकार करता  था गाँव के लोगो  ने शेर से फरियाद की की वह एक बार मैं एक ही  आदमी को शिकार बनाए  जंगल का राजा शेर राजी हो गया क्योंकि उसे बिना मेहनत के शिकार जो मिल रहा था. तब से बारी बारी लोग शेर का शिकार बनने लगे एक दफा एक चतुर बुडिया की बारी आइ वह शेर का निवाला नहीं बनना चाहती  थी अतः उसने स्वयं को 
एक तुमडी (A hollow gourd)मैं बंद कर लिया तथा गाँव वालों से कहा कि उसे घुरया दें तुमडी घुरीते घुरीते जा रही थी कि शेर कि उस पर नज़र पड़ गयी. उसने तुमडी  को रोका और कहा की मेरा शिकार कहाँ हैं बुडिया बोली  चल तुमेडी बाटे बाट मैं क्या जानू बुडिये की बात इस प्रकार बुडिया बच गई उसने चतुराई से अपनी जान बचा ली

दूसरी कहानी के अनुसार जब शेर नहीं माना तो बुडिया ने शेर को समझाया कि वह अपने नाती के पास जा रही है अभी वह दुबली पतली है नाती के पास जाकर लोटते वक्त काफ़ी मोटी हो जाउंगी तब मुझे खाना शेर राजी हो गया और चतुर बुडिया ने अपनी जान बच्चा ली कहानी सुनते सुनते मैं कब सो गया मुझे पता नहीं. (D.N.Barola)

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #194 on: June 16, 2009, 06:18:18 PM »
haaaaaaaa khimda myaar ta hasne hasne aans agyee. tumar ya kish padi br
फैमिली

अकसर जब दो पहाडी भाई मिलते है सेवा सलाम के बाद पूछते हैं तुम्हर नन दगडे छै या घर (पहाड से मतलब) मा छै । आज अग्रेजी का मिश्रण से कहते है कि फैमिली साथ मा छा या घर मा। यह घटना तो नही है अग्रेजी के फैमिली पर एक हास्य सा हैः-

चनीदा दिल्ली मे नोैकरी कनेर हय दिवाई टैम पर उनर गौवक भौया घर जाहुय। चनीदा सोच कि घर जणम ज्याधै डबल खर्च हैल तहाॅ त म्यर फैमिली यक दगड आ जाली। चनीदा ल एक चिठी लेखी आपण बाज्यू हुणी कि हयून लगण हौच य पौरे बाखईक भईया दिवाई हू घर आहूर तो तुम मेरी फैमिली कै यक हात भेज दिया। बाबूल चिठी पडी और य सोचण लाग कि चनी घर क्य भूल गोय जो हयून हूणी मंगा हू।

पैली सारे भतेर चहाय के नी मिल फिर ब्वारी हूई कय ब्वारी तकैणी खबर छा चनी फैमिली घर छोड गो । ब्वारी लै कय ना हो सौरज्यू मकणी नीछ खबर। फिर मनम सोच कि हयून में जाड लागण हनल तो षायद खाॅतड (रजाई) कैे फैमली कहनल वाॅ। त खांतड मंगाण हनल।  

चनीदा बाज्यू चिठी लेखी च्यला यक फैमली हय उकै पार हती (हयातसिंह) आपण पहौणों (मेहमान) लिजीक लिगो, एक महैन तक वोती हय और जब वापिस दी आधुक जवै (जलाना) दी । तू एक दूसरी फैमली बजार बै आजी खरीद ले।


Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #195 on: June 16, 2009, 06:22:43 PM »
ye to khimda usse bhi jyada hasaane wali hai
एक बार की बात है कि डहह (मछी मारने का मेला) मे हमारे गाॅव के मदनसिंह मंछी मारने गये उनके पास मछी मारने वाला जाल नही था वे नदी मे जाकर हाथ से ही मछी मार रहे थे । उन्हे 1 मछली मिली उसे उसे दाॅतो से दबाकर रखा दुसरी मछली के लिए हाथ पानी में डाला मछली हाथ में आकर फिसल गयी तो उनके मुहॅ से अचानक निकला हाय। हाय कहते ही दाॅतो से दबाकर रखी मछली भी पानी मे गिर गयी। अब उन्हे खिसाणी सी लग गयी।

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #196 on: June 16, 2009, 06:28:53 PM »
pankjda umeda ka haalt khara hai ginhal
एक घटना याद आ रही है-

हमारे पहाड़ों में मसाण आदि पूजने का रिवाज है, मेरे एक मित्र के घर में मसाण की कुछ समस्या थी, तो उन्होंने उसे पूजना था। तय हुआ कि सब लड़के ही जायेंगे। मैं भी बड़ी मुश्किल से शामिल हो गया, सब लोग चले मसाण पूजने, नदी की ओर। सुनसान नदी का किनारा १०० मीटर पर कब्रे(जिनका जनेऊ न हुआ हो, उनको यहीं पर दफना दिया जाता था)। हमारा नेतृत्व कर रहे थे, प्रसिद्ध मसाण पूजक उम्मेद दा (उम्मेद राम इनका पूरा नाम, पेशे से ढोली) सबको उन्के द्वारा निर्देशित किया गया कि हम लोगों के अलावा किसी की आवाज का कोई उत्तर नहीं देना है, भूत-मसाण आवाज बदलकर या पशु की आवाज में आवाज लगाते हैं, इसलिये कोई इधर-उधर नहीं देखेगा। सब सहमत, पहला मौका था, ऎसी सुनसान जगह जाने का, मेरे मन में कुछ कौतूहल तो था, लेकिन डर नहीं था। थोड़ी देर में उम्मेद दा की पूजा प्रारम्भ हो गई और बीच-बीच में वह हमसे भी बतियाते कि "भाया डरना की क्वे बात नि भै, मै छूं, जस-कस मसाण-भूत त मेस देखी बेरे भाजी जान भ्या" "कस-कस साधिन भ्या" ऎसे ही उनकी गप्प चलती रही....ज्यों-ज्यों पूजा होती जाय, उम्मेद दा की गप्प बढ़्ती जाय, क्योंकि उम्मेद दा मसाण को पिलाने के बहाने खुद पिये जा रहे थे।
      खैर पूजा संपन्न हो गई १-२ बजे होंगे। उम्मेद दा ने मसाण को काफी डराया-धमकाया और चले जाने को कहा और उम्मेद दा ने बताया कि वह चला गया है और अब आयेगा नहीं, गप्पें चालू थीं, कि मैने कैसे-कैसे भगाये, ये तो कुछ भी नहीं था, वगैरा-वगैरा.....। अब बारी आयी वापस चलने की...उम्मेद दा ने सभी को आगाह कर दिया कि कोई पीछे नहीं देखेगा और कैसी भी आवाज हो ध्यान नहीं देगा। सहमत होकर हम सब चलने लगे, उम्मेद दा अपने कथनानुसार सबसे पीछे थे।   थोड़ी देर में उम्मेद दा की आवाज...ओ ईजा...ओ ईजा। हमारे रोंगटे खड़े हो गये कि भूत उम्मेद दा की आवाज में बोल रहा है। सबके सिट्टी-पिट्टी गुम। हमने पलट के नहीं देखा.. तो फिर चिल्लाने की आवाज...ओ ईजा, मैसे लागी गिछ मसाण, पकड़ि हाल्यू, ओ बबा, आज भटे नै ऊ.....। हमने हिम्मत करके पीछे देखा तो उम्मेद दा काफी दूर खड़े चिल्ल रहे थे और रो रहे थे। हम भाग कर गये तो उम्मेद दा ने बताया कि उन्हें किसी भूत ने पकड़ लिया है और मान-विनती करने पर भी नहीं छोड़ रहा है। हमने टार्च लगाकर देखा तो उम्मेद दा का कुर्ता घिंघारु की झाड़ी में फंसा था  :D  ;D  :D  ;D

उस दिन के बाद उम्मेद दा जहां भी मिलते हैं, आज तक सिर झुका कर नमस्ते करते हैं, क्योंकि ये वादा हुआ था कि यह बात किसी को नहीं बताई जायेगी। क्योंकि यह काम उम्मेद दा की रोजे-रोटी से जुडा था। :o  ;D


Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #197 on: June 16, 2009, 06:36:31 PM »
haaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa. prahalaad da mapuka ko samajh hi nahi aa raha hoga ki ye huwa kaise
एकदम सच्ची घटना है :-

एक बार की बात है..सज्ञान थी...ओरते घर में सज्ञान बना रहे थी और आदमी लोग खेत हाल जूट रहे थे.....हमरे एक चाचा है महीपाल सिंह (मह्पू का) गोवन में सबके चाचा लगते है तो हम उनको मह्पू का करके बोलते है.......... अब सज्ञान बना कर उनकी माता जी खेत में चली  गयी और उनको सज्ञान देने अपनी दीदी के वहा जाना था....दीदी के लिये सज्ञान पेक करके जोले (बैग) को दीवर पर टाग दीया था.........और उनसे कहा गया की तू घर जा और सज्ञान कहा लेना और दीदी के वहा चला जाना.....दीदी क लिये सज्ञान टाग कर रख दी है..............देर हो गयी थी मह्पू का जल्दी - जल्दी खेत से आये और एक बैग ले कर आये  जेसमें की बैल के मुह पर लगने वाला म्हवो, एक नसुड और और रसी वगेरा राखी थी उन्होंने   उस बेग को भी उसके बगल में टाक दीया और जल्दी से खाना खाया और जल्दी - जल्दी में उस बेग को ले गए जीसमें को वो खेत से लेकर आये थे......जब दीदी क वहा ज्या कर देखा तो ..............................पुरे गो में मह्पू का की खूब मजाक बनी........लूग अभी तक मह्पू का से मजे लेते है.........  ;D ;D ;D  :o :o:o :o :o 


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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #198 on: June 16, 2009, 06:46:29 PM »
haaaaaaaaaaaaaa. kamaal ho gaya phir ye to mehata ji

एक बार हमारे भुलाकड़ आदमी एक बारे गेहू लाने के लिय बाजार मे, किट के बजाय जल्दी मे अपनी घरवाली का घाघरा ले गया !


Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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Re: हास्य घटनाये - FUNNY INCIDENTS !!
« Reply #199 on: June 17, 2009, 10:18:11 AM »
हामार वतीक गोपका (गोपाल चाचा)

उनर च्यल हय उनहु उनर ईजैल (मम्मी)  कय जा रे पै गोप्वा त्यर च्यल है र बजार बै डाल ली आ (बच्चे की पालकी) आब भाई साहब गोप्पु खुसी हनै बजार जाहुं तयार है गोय। किलै गोपका कणी दारू पीणक मौक मील गोय.
अब सुणो
गोपका बजार गाय समान ली और फीर लास्ट मे आपण समान लै खरीद यानी दारू आब भई साहब गोपकाल पी और फीर गोपकाक हवाई ग्येर चालु.
आनै आनै गोपका थाकी ग्याय अब गोपका न्यूटल ग्येर लागण फैगोय। रात है ग्येय गोपका घर नी पहुच. अब घर वालु क फिकर लै है ग्येय. आब उनरी ईजैल कय अरे चै आवो ध रे गोप्पु छ्वरै क की कथै शराब पी बेर घुरी त नी गोय. आब भाई साहब उ रातै कनै को जाओ उक चाहु।
फिर घर वालुल लै सोची छोडो आब भो रात्ती चूल सालैक. मरण दिया आफी मरू. हामूल जै कौछ शराब पी कबेर। आब गोपका पी बेर टूल. उनूल सोच आब क्ये करू कसी जू घर। गोपकाक क्ये समझ मे नी आय़. उनुल कय छोडो यार कथा जछै घर. य डाल मजी स्ये जा सायकै। और गोपकाल रात भर उ डल टोणी टाणी बेर करदी बराबरी।

 

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