पांडे जी, प्रणाम.जरा यां कोशिस करिया हिन्दी में टाइप करना का वास्ते..http://tdil.mit.gov.in/coilnet/ignca/st_ut01.htmhttp://www.google.com/transliterate/indicQuote from: kailashpandey2005 on January 11, 2008, 04:01:32 PMDaju yo le bate dyo kee ya forum mai hindi mai kashik type karani..........
Daju yo le bate dyo kee ya forum mai hindi mai kashik type karani..........
HOE HO MAHARAJ HAM TO THET PAHADI BHAYI HINDI AUR PAHADI MAI JEE LEKHUL SAB.
कैलाश ज्यू पैलाग हो महाराज।भौतै बढिया बिचार छन हो महाराज आफ़ू का। भलो लागो मैं कै ले। जरा अफ़ुना बिचार बराबर लेखना रया हो महाराज..Quote from: kailashpandey2005 on January 11, 2008, 04:51:30 PMHOE HO MAHARAJ HAM TO THET PAHADI BHAYI HINDI AUR PAHADI MAI JEE LEKHUL SAB.
यह घटना भी सच्ची है.. एक बार मेरे परोश के गाव एक लड़के की शादी थी ... उसके दोस्तो ने बारात घर लौटे समय दुल्हे को रस्ते मे शराब पिला दी.. जब देखिये तमाशा... ?? दुल्हे मिया को चढ़ गए ज्यादे और हुए काबू के बाहर... दुल्हे ने अपनी माला एव मुकुट उतारा और गाने गता चला गया बारात आगे ... उसके दोस्त और मित्र बहुत समझा रहे थे लेकिन उसे आपनी होश कहाँ .. यहाँ घर पर लोग बारात देखने वाले और दुल्हन का इंतज़ार कर रहे थे. ये क्या दुल्हे राज नशे मे आपने जूते हाथ मे थाम कर आ रहे है.. बड़ी मुश्किल के बाद जब उसका नशा उतरा फिर उसे पूजा के लिए बैठाया गया.. शराबी दोस्त... शराबी दोस्त... शराबी दोस्त... शराबी दोस्त...[/color]
दजू.तुमि झन करया यश हाँ... दोस्त के शादी मे दोस्त को शराब. पिलाना. Quote from: M S Mehta on January 11, 2008, 05:08:19 PMयह घटना भी सच्ची है.. एक बार मेरे परोश के गाव एक लड़के की शादी थी ... उसके दोस्तो ने बारात घर लौटे समय दुल्हे को रस्ते मे शराब पिला दी.. जब देखिये तमाशा... ?? दुल्हे मिया को चढ़ गए ज्यादे और हुए काबू के बाहर... दुल्हे ने अपनी माला एव मुकुट उतारा और गाने गता चला गया बारात आगे ... उसके दोस्त और मित्र बहुत समझा रहे थे लेकिन उसे आपनी होश कहाँ .. यहाँ घर पर लोग बारात देखने वाले और दुल्हन का इंतज़ार कर रहे थे. ये क्या दुल्हे राज नशे मे आपने जूते हाथ मे थाम कर आ रहे है.. बड़ी मुश्किल के बाद जब उसका नशा उतरा फिर उसे पूजा के लिए बैठाया गया.. शराबी दोस्त... शराबी दोस्त... शराबी दोस्त... शराबी दोस्त...[/color]
महराज यह कहानी मैंने अपने गाव मे सुनी थी.. जब गाव मे एक फौजी पहली बार रेडियो ले कर आया होगा... कहते है उसने रेडियो पर गाने लगाकर अपना कही चले गया. . उसे पापा का दूध दो रहे थे... पर उन्हें रेडियो बंद करना नही आया.... क्योकि गानों के भैस को disturb हो रही थी और वह दूध नही दे रही थी. ये ताऊ जी .. रेडियो से कह रह है... .महराज थोडी देर चुप हो जाओ .. मेरी भैस दूध नही दे रही है... पर रेडियो कहाँ सुने उनकी फारमाइस अंत मे भैस ने मारी ताऊ को लात ... अब देखिये ताऊ का गुस्सा ... ताऊ ने निकाला एक बड़ी सी लाठी और किया रेडियो पर वार ... और तब तक मारते है जब तब रेडियो की आवाज बंद न हो गयी... उनका फौजी बेटा थोडी देर मे लौटता है और देखता है रेडियो के चार टुकडे .... उसके पिताजी उसे कह रहे है.. ये तू क्या चीज लाया है... मेरी बात सुनता है.. ... महाराज... आप मत करना ऐसा ...