Author Topic: Information of "एमू bird", Option of Self Employement for Uttarakhandies  (Read 4391 times)

Lalit Mohan Pandey

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Dear All,
Few days back I saw following news on Dainik Jagran and Amar Ujala - Sharing it with you all because this seems a useful piece of information and good option of self employement.
But sath mai kuch questions bhi hai, Agar hamare group mai koe iske bare mai detail mai information de sakta hai to please share kare ya koe aesi position mai ho jo or information pata karwa sake to please share kare..
1) Kya wakayi mai Uttarakhand government or Pashupalan vibhag iske liye help karenge
2) Kya uttarakhand mai har jagah isko pala ja sakte hai.. for example Champhawat (champhawat ka mausam bahut thanda rahta hai)
3) Agar koe is Rojgar ko suru karna chahe to Suruwat kaise kiyi jay
4) Rojgar suru karne ke bad Product ke liye Grahak (customer) khud jutane honge ya fir koe government ki taraf se pahal hogi...

आ गई सोने का अंडा देने वाली मुर्गी
किस्से-कहानियों में सोने का अंडा देने वाली मुर्गी का जिक्र तो सुना होगा, लेकिन अब सचमुच में एक मुर्गी आपके लिए सोने का अंडा देने वाली साबित हो सकेगी। इसके दस जोड़े अगर पाल लिये तो सालाना 6 लाख की आय तय। चौंक गए न। पर इसे हकीकत में बदलने की रणनीति पशुपालन विभाग ने तैयार कर ली है। तराई के एक गांव में प्रयोग के तौर पर इसकी दस्तक भी हो चुकी है। विशेषज्ञों की मानें तो राज्य की आबोहवा भी इस पक्षी को भाने लगी है। शुतुरमुर्ग जैसी दिखने वाली एमू नाम की यह मुर्गी यूरोपीय देशों में मांस और अंडे के शौकीनों के लिए वरदान साबित हो चुकी है। इसका व्यावसायिक उत्पादन अब उत्तराखंड में किए जाने की योजना है। इस पक्षी के एक अंडे का वजन 450 से 750 ग्राम होता है, जबकि अंडे की कीमत 2000 से 2500 रुपये है। मांस की कीमत साढ़े चार सौ से पांच सौ रुपये तक प्रति किलोग्राम है, जबकि इसका रिफाइंड तेल 3000 से 4000 रुपये तक प्रति लीटर है। यानी इस पक्षी का हर अंग सोना उगलने वाला है। सोने पर सुहागा यह भी कि एमू खुद शाकाहारी है। पशुपालन विभाग का दावा है कि एमू के मात्र दस जोड़े पालने से पशुपालक को एक वर्ष में छह लाख रुपये का मोटा मुनाफा हो सकता है। देश के फाइव स्टार होटलों में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी कर्नाटक ने बताया कि ऊधमसिंह नगर के चांदपुर गांव में एमू के चार जोड़ों का पालन शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा राज्य के कई जागरूक किसान इसके व्यावसायिक उत्पादन के लिए पशुपालन विभाग के संपर्क में हैं। किसान आगे आयें तो पशुपालन विभाग के साथ ही राज्य सरकार भी उन्हें लोन देने को तैयार है।
क्या हैं खूबियां : एमू की खूबियां गिनाते हुए राजकीय पशु चिकित्सालय, हल्द्वानी के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ. डीएस मर्तोलिया ने बताया कि एमू का मांस प्रोटीन और आयरन से भरपूर है। इसमें जहां बीपी और तनाव कम करने के चिकित्सकीय गुण हैं, वहीं लो कैलोरी मीट होने के कारण इसकी मांग भी एशियाई देशों में बढ़ती जा रही है। एमू केंद्रों पर तीन महीने के एक जोड़े एमू की कीमत 15000 रुपये तथा 21 माह बाद लगभग 50 किलो वजन के एक एमू की कीमत 33 हजार रुपये है। भारत में यह मुर्गी 18 से 14 माह के भीतर अंडे देना शुरू कर देती है। इसकी औसत आयु 30 से 35 वर्ष है। इसका एक अंडा गर्भ से बाहर आते ही 450 से 750 ग्राम का होता है। भारतीय बाजार में एमू का पंख 200 रुपये, फैट 1000 रुपये किलो तो केवल टांग की त्वचा पांच सौ रुपये और बाकी खाल की कीमत 1000 रुपये प्रति किलो से भी ज्यादा है। मूलत: आस्ट्रेलिया में विकसित एमू मुर्गी के लिए गर्म एवं ठंडी दोनों जलवायु अनुकूल हैं। सेब, केले, गाजर एवं अन्य फलों की कतरन के साथ ही यह घास भी खा लेती है। इसके मांस में लो कोलेस्ट्राल और लो कैलोरी होने के चलते यूरोपीय देशों में इसका सर्वाधिक उत्पादन किया जा रहा है।
कहां से लायें एमू : एमू के व्यावसायिक उत्पादन के लिए देश में चार केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। इनमें इंडियन एमू एसोसिएशन हैदराबाद, नेशनल एमू एसोसिएशन मुंबई, महा एमू एसोसिएशन बारामती (महाराष्ट्र) तथा एमू फार्मर एसोसिएशन पुणे शामिल हैं। यहां से उचित कीमत पर पालन हेतु चूजे अथवा अंडे भी प्राप्त किये जा सकते हैं।

Thanks & Regards
Lalit Mohan Pandey
Phone : 09811656723

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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धन्यवाद जोशी जी...

बहुत अच्छा विषय आपने चुना है डिस्कसन के लिए!

स्वरोजगार तो तलाशना बहुत जरुरी हो गया है उत्तराखंड अगर लोग इस उम्मीद में है सरकार
सब को घर बैठे उन्हें सरकारी नौकरी देगी वह तो देख लिया १० सालो में तो स्वरोजगार को बढावा देना जरुरी hai !

एमु एक बहुत अच्छा आप्शन है इसके लिए !


हेम पन्त

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हेम पन्त

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उम्दा जानकारी है... हमारे राज्य के युवा वर्ग को स्वरोजगार के क्षेत्र में उतरने के लिए गंभीरता से सोचना चाहिए... सरकार को भी इस विषय में प्रशिक्षण आदि देकर युवावर्ग को प्रोत्साहित करना होगा...

 

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