Author Topic: Let Us be Effective Manager (Mangament Guru)-By Bi  (Read 31894 times)

Bhishma Kukreti

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Re: Let Us be Effective Manager (Mangament Guru)-By Bi
« Reply #10 on: December 25, 2011, 05:03:03 AM »

Mangament Guru -13

प्रबंध शास्त्री - 13         

                स्टीफन कोवे  : दि सेवेन हबिट्स ऑफ़ हाईल़ी इफ्यकटिव पीपल किताबौ लिख्वार 

    Stephen Covey  : Famous for Book- The Seven Habits of Highly Effective People

( Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers and

Management Practices, Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru,

Operation Managemnt Guru, Human Resourse Development Management Guru )


                                   Bhishm Kukreti

        स्टीफन कोवे    कू जनम १९३२ मा ह्व़े अर वैकी पढे हावर्ड वि.वि मा ह्व़े. अर ब्राइघम  वि.वि से स्टीफन कोवे  न डाक्टरेट की डिग्री हासिल कायी

भौत सालुं तक ब्राइघम वि.वि मा स्टीफन कोवे   संस्थानी  आचरण अर ब्यौपार प्रबंध को प्रोफ़ेसर राई . पैथर स्टीफन कोवे  न अपुण बिजिनेस '

कौनवे लीडरशिप सेंटर ' नाम से ब्यापार शुरू कार.

   स्टीफन कोवे  क '  दि सेवेन हबिट्स ऑफ़ इफ्यकटिव पीपल' किताब मनेजरू  ही ना आम अदिमुं मा बि प्रसिद्ध ह्व़े . अब तलक यीं 'दि सेवेन हबिट्स ऑफ़ इफ्यकटिव पीपल'

किताबै श्त्तर लाख से बिंडी कापी बिकी गेन

                    अति प्रभावी मनिखों सात  आदत     

 स्टीफन कौनवे न अति प्रभावी मनिखौं ख़ास ससत आदतों बारा मा इन बथै:

१- पहल करण मा सक्रिय  : प्रभावी मनिख काम करण मा पहल करदो (प्रोएक्टिव ) 

२- अंत तैं ध्यान मा धौरिक  कामौ पवाण/शुरवात याने कि प्रभावी व्यक्ति दूरदृष्टि से काम करदो 

(आप पतांजलि को योग संहिता या  नारद भक्ति सूत्र जन किताब बाँचो त पैल्या कि यूँ अंत या फल तैं पैल बथाई अर फिर कनो फल पाण पर ल्याख)

३- जु काज पैल करण वै काम तैं पैल करण: अति प्रभावी लोक  काम तैं 'अर्जंट अर महत्वपूर्ण , महत्वपूर्ण पण अर्जंट ना , अर्जंट पण महत्वपूर्ण नी च ,

अर ना त अर्जेंट ना ही महत्वपूर्ण च 'को हिसाब से बंटदन

                     

४- जीत की ही घड्याओ/सोचो अर जीत पाओ

५- कै बि विचार /काज तैं पैल अफिक बींगो/समझो अर  फिर लोकुं तैं बिंगाओ /समझाओ

६- समन्वय कारो

७-औजारु धार  तै खूब पैल्याओ/तेज कारो याने कि स्वास्थ्य धर्म, सामाजिक  धर्म,  भावानात्मक धर्म , अध्यात्मिक धर्म, अपण बान ज्ञान धर्म

अर मनोवैज्ञानिक धर्म पूरी तरह से निभाओ         

स्टीफन कोवे  की किताब 'दि सेवेन हबिट्स ऑफ़ इफ्यकटिव पीपल', आज बि युवा मैनेजरूं  क बीच एक महत्व पूर्ण किताब माने जांद . किताब

प्रेरणामंद च 

Books by Stephen Covey

1- The Seven Habits of Highly Effective People , 1989

2- Principle Centred leadership, 1992

3- First Thing First , 1996


Management Guru Series to be Continued on Part 14th



हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -14 मा बाँचो



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Re: Let Us be Effective Manager (Mangament Guru)-By Bi
« Reply #11 on: December 25, 2011, 08:47:21 AM »

Mangament Guru -14

प्रबंध शास्त्री - 14         

                            फिलिप्स क्रोस्बाई  ; जीरो डिफेक्ट्स  शून्य कमियाँ ) को महानायक

                      Philip Crosby: Famous for Developing ZERO Defects Concept       



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                                            Bhishm Kukreti
       
  फिलिप क्रोस्बाई (१९२६-२००१)  को जनम पच्छमी विरजीनिया मा ह्व़े अर वैकी पढे लिखै वेस्टर्न रिजर्व वि.वि मा ह्व़े .

कोरिया कि लडै मा शामिल हूणो  परांत फिलिप क्रोस्बाई मार्टिन मेरिट्टा मा क्वालिटी मैनेजर बौणि गे.  जख क्रोस्बाई न गुणवत्ता  नियंत्रण या क्वालिटी  कंट्रोल  मा  'जीरो डिफेक्ट्स' 
 
कौंळ/संकल्पना   विकसित कौर   

 मार्टिन मेरिट्टा छोड़णो बाद फिलिप क्रोस्बाई न नामी  कंपनी आई. टी. टी. मा काम करी अर फिर अपणी सलाहकार कम्पनी ' फिलिप क्रोस्बाई अस्सोसियेट की /पौ/नींव

धार. फिलिप न करियर IV कम्पनी बि बणाइ .


                                                     जीरो डिफेक्ट क बान चौदा सीढ़ी/चौदह  पग


१- प्रबंधकुं प्रतिबद्धता : गुणवता की जुमेवारी प्रबंधाकुं होंद ना कि मजदूरूं  की 

२- गुणवत्ता सुधार टीम को होण जरुरी च

३- गुणवत्ता की नाप-तौल

४- गुणवत्ता विकास पर निवेश

५- गुणवत्ता जागृति / चेतना जागरण जरुरी च

६- सिरफ़ सही कदम

७- जीरो डिफेक्ट का बान समर्पित कमेटी

८- सुपरवाइजरों  क नियमित अर प्रतिबद्ध प्रशिक्षण जरुरी च

९- जीरो डिफेक्ट दिवस की महत्ता

१०- जीरो दिफ्फेक्त का गोल स्थापित करण

११- गलत्यूं  कारण को समूल नष्टिकरण

१२- पछ्याणक/ पहचाण दीण

१३- अलग बिभागूं   टीम लीडरूं की गुणवत्ता परिषद्

१४- पुनरावृति : प्रशिक्षण आदि प्रोग्रैम बार बार होण चएंदन

   फिलिप क्रोस्बाई न कत्ति बात गुणवता नियंत्रण पर हौरी बि बथैन जा पर कम्पनियां काम करणा छन अर उद्पदन मा गुणवत्ता मजबूत करणा छन


Books by Philip Crosby


1- Quality is Free , 1979

2- Quality without Tears

3-Hassel Free management

4- the Etternally Successful Organization: The Art Of Corporate Wellness 

 



Management Guru Series to be Continued on Part 15th

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Re: Let Us be Effective Manager (Mangament Guru)-By Bi
« Reply #12 on: December 26, 2011, 07:03:28 AM »


Mangament Guru -15

प्रबंध शास्त्री - 15         

                      डब्ल्युं.  एडवार्ड्स डेमिंग : पूर्ण गुणवता प्रबंधन (TQM)  को बुबा जी

 
            W. Edwards Deming: Father of Total Quality Manegement                         



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                                           Bhishm Kukreti
                 
                 गुणवत्ता क क्षेत्र मा  डब्ल्यू .डेमिंग का सिधान्तु बगैर घड़ये/सुचे इ नि सक्यांद . जापान मा गुणवत्ता का क्षेत्र मा जो बि

क्रान्ति आई वा सौब एडवार्ड डेमिंग की देन च.

   डब्ल्यू . एडवार्ड डेमिंग  (१९००-१९९३) भौतिक शाश्त्र को विद्यार्थी छौ अर डेमिंग न येल वि.वि बिटेन साँख्यकी मा डोक्टरेट पाई.

शेव्हार्ट  क अप्प्लिकासन ऑफ़ स्टेसटिसटिक तकनीक बांचणो उपरान्त डेमिंग को ध्यान उत्पादन मा साँख्यकी क  महत्व पर गे.
 
                 दुसर विश्व जुद्ध को बाद डेमिंग जापान गे अर उखाक उत्पादकुं न डेमिंग क ज्ञान तैं समज अर जापानी उत्पादकुं न डेमिंग का सिधान्तुं तैं

अपण फैक्टर्युं मा अपणाइ अर इन मा जापान  मा क्वालिटी क्रांति आई.

                           एडवार्ड डेमिंग का प्रबंधकूं बान चौदा सूत्र

१- ब्योपार/उत्पादन, मा टिकणो बान उत्पादन, गुणवत्ता , सेवा मा सतत सुधार जरुरी च

२- गुणवत्ता क नया दर्शन तैं पछ्याणो . गुणवत्ता प्रबंधन  दर्शन च

३- बहु- संख्यक निरीक्षण सिद्धांत (Mass Inspection) पर जोर ना भै !  जोर द्याओ कि उत्पाद मा पवाण बिटेन इ / शुरुवात से इ गुणवत्ता आई जाओ

४- प्राईस तगमा (Selling Price) पर ध्यान कम द्याओ बलकण मा  उत्पाद कि कीमत कम करण पर ध्यान द्याओ. अर याँखुण एकी सपलायर

क सिद्धांत अपणावो 

५- सिस्टम मा सतत सुधार लांद जाओ कि उत्पाद , उत्पादन कि लागत कम ह्वाओ अर उत्पादन गुणवत्ता अर सेवा मा मा अफिक सुधार ह्वाओ .

६- प्रसिक्षण अर पुनरप्रसिक्षण पर  जोर द्याओ

७-संस्थान मा स्वत: नेतृत्व आण द्याव

८- कार्मिकों मा डौर ख़तम कारो

९ - बीभागुं का मध्य दीवाल तैं हटाओ

१०-- नारेबाजी से काम नि चल्दो

११- मात्रा (Quantity) की जगा गुणवत्ता ( Quality) तैं अगने लाओ

१२ - कर्मियुं मा गर्व की भावना लाओ कर्मियुं क  गर्व कतई नि त्वाड़ो

१३- प्रबंधकुं अर कर्मियुं क शिक्षा, प्रशिक्षण पर रोज निवेश करदा जाओ

१४- प्रबंधक अर कर्मियुं तैं एकी उद्देश्य का वास्ता काम करण चएंद


 Books by W Edwards Deming

Out of Crisis : Quality, Productivity, and Competative Position, 1986

Management Guru Series to be Continued on Part 16th

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« Reply #13 on: December 27, 2011, 03:57:16 AM »
Mangament Guru -16

प्रबंध शास्त्री - 16         



                         पीटर ड्रक्कर : उत्तर आधुनिक प्रबंधन कु बुबा जी
 

            Peter Drucker: The Father of Post-War management     





( Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

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                              Bhishm Kukreti

       

             सरा दुनया मा अकादमीय प्रबंध शाश्त्री अर कामगति प्रबंधक सबि पीटर ड्रक्कर (१९०९-२००५) तैं बेहिचक प्रबंध गुरु (Management Guru ) माणदन .

पीटर ड्रक्कर को जलम वियाना मा ह्व़े.  पीटर कि शिक्षा पैल हैंम बर्ग विश्व विद्यालय मा ह्व़े.पैथर पीटर ड्रक्कर ण पब्लिक एंड इंटरनेशनल  लौ

मा डाक्टरेट कि पदवी पायी. पीटर जब पठनेर (विद्यार्थी ) इ थौ त एक समाचार पत्र मा सम्पादक बि राई. नाज्युन विरोध मा एक दार्शनिक लेख छपणों   

परांत पीटर ड्रक्कर  १९३३ मा इंग्लैण्ड चली गे अर फिर १९३७ मा पीटर तैं अमेरिका जाण पोड़. अमेरिका मा पीटर एक ब्रिटिश कम्पनी को निवेश सलाहाकार

 बौण  अर दगड मा फैनेंसियल टाइम्स अर भौत सा  समाचार पत्रुं को खबररशां/ संवाददाता बि राई .

  १९३९ मा पीटर कि 'द एंड ऑफ़  एकोनौमिक मैन ' किताब छाप अर वैन अपण ब्यापारिक सलाहाकार कमानी ख्वाल. फिर भौत सी खासकर जर्मनी

सम्बंधित कम्पन्यूँ ब्योपार सलाहाकार बौण

                       पीटर ड्रक्कर ब्यौपार/संस्थानु  मा प्रबंधन तैं अहमियत दीणों  बान प्रसिद्ध च . वैका कुछ विचार /कोंसेप्त भौत इ प्रसिद्ध ह्वेन जौं प्रबन्ध

शास्त्र कि दुन्या इ बदल दे :

१- प्रबंधन  मा विकेन्द्रीकरण अर सरलता

२- काम मा ग्यानी मजदूर हों चएंदन मतलब प्रशिक्षण  तैं महत्व दीण चएंद

३- मजदूरूं  का बारा मा पुराणा ख़यालात उद्योग /उद्यम का वास्ता नुकसान द्याला

४- पीटर ड्रक्कर  न आउट सोर्सिंग कि  जरुरात पर जोर दे

५- पीटर ड्रक्कर न समज अर उद्योग का वास्ता नॉन गवर्मेंट ओर्गेनाइजेसन (NGO ) की महता पर बि जोर दे

६-मजदुरूं तैं आदर दीण जरुरी च 

७- पीटर ड्रक्कर को मानण छौ बल जादातर समौ मा सरकार लोगूँ कि असली मांग का बारा मा अनभिग्य होंदी या सरकार लोकुं असली मांग पूरी करदी ही नी च

८- सरकार अर उद्यम जादातर अपणों भूतकाल कि सफलता पर ही टिक्यां  रौंदन  अर इन नि दिखदन कि पुराणी कौंळ अब खुन्दो ह्व़े गे

९-  बगैर सुच्यां समज्याँ कम करण असफलता को मुख्य कारण च

१०- कंपनी /फैक्ट्री मा कामगत्यूँ क एक समाज हुंद अर वां कुण यूनियन होणी चएंद

११- उद्यम को मुख्य अर पैलो  उद्देश्य  ग्राहकुं तैं सेवा दीण होण चएंद ना कि नफ़ा कमाण च पण नफा कम्पनी तैं ज्यूंद  रौणों बान भात जरोरी च

१२- ब्यौपार मा समन्वय कि बडी महत्ता च

१३- मनेजमेंट बाई ऑब्जेक्टिव कि महता च

१४- ब्यौपार स्नास्थानु तैं हरेक काम ठीक से करण चएंद   

                            पीटर ड्रक्कर तैं सम्मान
 
पीटर ड्रक्कर तैं २२ मानद डॉक्टरेट उपाधि मिलेन, कती सर्कारुन अर कत्ति संगठनु न समानित कार

            Books by Peter Drucker

पीटर ड्रक्कर की भौत सी किताब छापीं . कुछ खास किताब इ छन :

 

1-The End of Economic Man, 1938

2- The Future of Industrial Man, 1942

3- Concept of Corporation

4- The New Society, 1950

5- The Practice of Management, 1954

6- America's Next Twenty Years, 1957

7- Landmarks of Tomorrow, 1959

8- Managing for Results, 1964

9- The Effective Executive, 1967

10- The Age of Discontinuity, 1969

11- Managing for the Future, 1992

12- Managing in Turbulent Times, 1980Management Guru Series to be Continued on Part 17th


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« Reply #14 on: December 27, 2011, 08:42:15 AM »
Mangament Guru -17

प्रबंध शास्त्री - 17         

                                    हेनरी फेयोल : प्रशासनिक  स्कूल को स्थापक

                     Henri Feyol:  Founding Father of Administration School

 
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                                          भीष्म कुकरेती     

           
                हेनरी फेयोल कु काम की समीक्षा वैको मर णो परांत ही ह्व़े सौक  जब हेनरी फेयोल (१८४१-१९२५)  की लिखीं किताब जनरल एंड इंडस्ट्रियल मनेजमेंट सन १९५० इ. मा छप.

तबी  प्रबंध विज्ञान -कला क विद्यार्थ्युं तैं पता चौल बल फ्रांस मा प्रबंध विज्ञानं मा उन्नेसवीं सदी मा बि भौत काम होणु छयो.

               हेनरी  फेयोल न ताजिंदगी एक खाण खोदण वळी कम्पनी  कमेंट्री -फ़ोर्सैम्बौल्ट- डिकाज़ेविल  मा कम करी अर मेजिंग  डाईरेक्टर क रूप मा

रिटायर ह्व़े . जब हेनरी फेयोल ण कम्पनी मा काम शुरू कौर त कम्पनी क हालत भौत ही खराब छे पण हेनरी आदि क मेनत, नई सोच से  कम्पनी की हालत सुधरी.

  हेनरी क वै समौ का कुछ नियम या सलाह य़ी छन :

 संगठन तैं चै भागूं मा बंटण

फेयोल ण कम्पनी तैं छै भागूं मा बाँट - टेक्नीकल, कोमेर्सिअल, फैनेंसियल, सेकुरिटी, अकौंटिंग अर मनेजरियल भाग

प्रबंधन का काम :

प्रबंधन को कम च - योजना बनाण अर वां  पर काम करण; काम तैं संगठित करण ; समन्वय; निर्देशन (कमांड) ;

फेयोल का प्रबंधन सिद्धांत :

१- काम तैं हिज्जों बांटो

२-  अधिकार अर कर्तब्यों की पूरी व्याख्या

३-  अनुशासन

४- निर्देश/कमांड  एकी मनिख बिटेन अर एकी दिशा मा आण चएंदन

५- दिसा निर्देशन मा साफ़ निर्देस

६-संगठन व्यक्ति से बड़ो च स्व़ार छोडि देन पण गाँव नि छोड़न जन सिद्धांत

७- कामग्त्युं तनख्वा ठीक अर न्याय्संगे होण चएंद

८- ब्यौपार या संगठन को हिसाब से केन्द्रीयकृत या विकेन्द्रीयकृत प्रशासन

९-द्वी तरां क रैबार ब्युंत / सिस्टम  ( कम्युनिकेशन  सिस्टम)

१०- अनुशासन की महता हर जगा

११- स्थायी प्रबंध स्थाई बुजिनेस लान्दो

१०- पहल तैं महत्व द्याओ याने काम गत्युं तैं पहल करणो बान वातावरण द्याओ

११- प्रबंधन तैं सब्युं क शुद्ध आचार , आचरण, विचार पर टक्क लगाण चएंद अर हरेक कामगति तैं 

अपणि पूरी योग्यता काम पर लगाण चएंद



               Book By Henri Feyol

General and Industrial Management , 1950, Revised by Gray in 1984
           
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« Reply #15 on: December 28, 2011, 03:52:40 AM »

Mangament Guru -18

प्रबंध शास्त्री - 18         

                              मेरी पारकर फोल्लेट  : प्रबंध शास्त्र की देवदूत

                  Mary Parker Follet :  Management Prophet     

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                                            भीष्म कुकरेती

 
             मेरी पारकर फोल्लेट (१८६८-१९३३) क जनम अमेरिका मा एक बुजिनेस्मन का ड़्यार ह्व़े छौ . वींक घरेलु जिंदगी बुबा को गुजरणो बाद
असत व्यस्त ही राई. पढण मा मेरी होशियार छे अर हार्वार्ड, कैम्ब्रिज, पेरिस  जन जगाओं मा वींकी पढाई ह्व़े. मेरी पारकर फेल्लोट न

अध्यापकीय काम छोडि क सामाजिक काम तैं अपणाइ अर टा जिन्दंगी सामाजिक कामों मा लगीं राई. सन १८९६ मा मेरी की पालि किताब ' द स्पीकर ऑफ़ होंउस ऑफ़

रेप्रेजेंटेटिव छप . सन १९१८ में फेल्लोट की दूसरी  किताब 'द न्यू स्टेट' छप अर  मेरी को नाम राजनीति क दर्शन शास्त्र्युं मा सुमार ह्व़े गे.

          मेरी पारकर फोल्लेट का  संगठनऔ बान  चार खास सिद्धांत 


१- संगठन मा समन्वय क बान एक हात दे एक हाथ ल़े वाळ सिद्धांत होंद

२- समन्वय मा संचार-सूचना  सीधो ही होण चएंद

३- समन्वय की पौ/नींव संगठन को जनम को दगड /साथ इ धरे जाण चएंद

४- समन्वय एक सतत चलण वाळ गति विधि च , एकीकरण गति विधि सतत चलण चएंद

  Key Books by  Mery Parker Follett

1- The Speaker of the House of Representatives, 1896

2- The New state, 1918

3-The New state : Group Organization- The Solution for Popular Goverment 1920

             मेरी न समुदाय/ग्रुप गति विधि अर ग्रुप कार्य कलापों पर अप न जमानो मा बहुत ही बढिया सोच अमेरिका वालूं तैं देन


     






   
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« Reply #16 on: December 28, 2011, 08:11:54 AM »

Mangament Guru -19

प्रबंध शास्त्री - 19         

                                                          हेनरी लौरेंस गैंट  : गैंट चार्ट कु पुरोधा

                                Henry Laurence Gantt : Famous for Gantt Chart                   

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                                               भीष्म कुकरेती

               हनेरी गैंट (१८६१-१९१९) प्रबंध शास्त्र मा गैंट चार्ट क बान सद्यानी याद करे जांद. आज प्रोहेक्त मनेजमेंट मा

गैंट चार्ट हौरी बि अगने विकसित ह्व़े गे पण गैंट को अबि बि औचित्य च. हेनरी प्रबंध मा मानवीय सम्बन्धुं क मुखर

समर्थक अर धड़वे दवे पैरवीकार  बि छौ.   हेनरी न पैथराँ  ब्यौपार मा सामाजिक करत्व्युं अर सामाजिक  जुमेदारी 

क पैरवी बि कार .

              हेनरी गैंट को जानम एक सौकार  किसाण मौ/  परिवार मा मेरिलैंड मा ह्व़े. गृह जुद्ध क वजे से वैन बाळपन मा

कठणे  बि अनुभव करीन.  जोहन्स होपकिन वि.वि मा ग्रेजुएट हूणो १८८४ मा वु ड्राफ्ट्समैन अर फिर इंजीनियर  ह्व़े .

  हेनरी गैंट न तीन चार स्टील क्म्पन्युन मा काम कार .हेनरी गैंट न स्टील क्म्पन्युन मा आधुनुक मनेजमेंट पितामह टेलर क दगड बि काम

कार सही माने मा टेलर कु च्याला बि छौ

         हेनरी को मानण छौ बल साइंटिफिक अप्प्लीकेसन से उत्पादन मा बढोतरी ह्व़े जाली .

          हेनरी गैंट न  अपण  फैक्टरी मा कामगत्यूँ  क बान कार्य गोल अर बोनुस शुरू कार. फिर हेनरी न काम कु समौ  क हिसाब

से बोनुस की शुरुवात कार.  हेनरी न इंडस्ट्रियल एज्युकेसन की वकालत बि कार

  गैंट चार्ट की शुरुवात  पैलि  मज्दुरून काम निरिक्षण का वास्ता दिन भरू र्कोर्ड भरण से ह्व़े . जु मजदूर अपण काम पूरो करी दींदु छौ

वै दिन चार्ट मा वैको समणि काल़ो निसाण लगद छौ  जै दिन मजदूर को  काम पुरो नि होंद छौ  चार्ट मा वैक समणि लाल निसाण लगदो छौ

  फिर चार्ट मा मशीन वेज काम, घंटो हिसाब से काम , कीमत नियन्त्रण आदि बात आंदा गेन . फिर योजित काम , समौ , काम मात्रा  क बान बार चार्ट बि

विकसित कार .

       आज बि प्रजेक्ट मा गैंट चार को हिसाब से काम कि छाण निराळ  (ऐनालिसिस आदि) .

                       Books by Henri Laurence Gaintt

1-Work, Wages, and Profits, 1910

2-Industrial Leadership , 1916

3-Organizing for Works

  हेनरी गैंट न उद्योगुं मा ,  प्रोजेक्ट मनेजमेंट मा प्रोफ़सनलिजम , काम तैं समौ, मशीन आदि क हिसाब से बंटण , उत्पादन मा कीमत नियन्त्रण

आदि कि पौ (नीन्व) धार अर आधुनिक प्रबंधन विज्ञान तैं टेलर को दगड अगने बढाई . हेनरी ण ब्यौपार क सामाजिक जुम्मेवारी क

बि ब्याख्या कार .




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Re: Let Us be Effective Manager (Mangament Guru)-By Bi
« Reply #17 on: December 29, 2011, 03:16:23 AM »

Mangament Guru -20

प्रबंध शास्त्री - 20         

                  सुमंत्रा घोषाल अर क्रिस्टोफर बार्टलेट : अंतररास्ट्रीय  व्यौपारऔ खुजनेर अर रणनीति कार   

                Sumantra Ghoshal and Christopher Bartlett: Famous for Managing Across Borders                         

(Notes on Management Theories from Old Age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru, Operation Managemnt Guru,

Human Resourse Development Management Guru, General management Guru )

 

                                                  Bhishm Kukreti

                   सुमंत्रा घोषाल अर क्रिस्टोफ़र बार्टलेट दुयूं दगड़ी अंतररास्ट्रीय व्यापारिक संस्थानु क काम कजुं पर खोज करी अर  अंतररास्ट्रीय ब्यौपार

करणो बान क्य ठीक च क्य खराब च पर अपणा सिद्धांत देन .

                  सुमंत्रा घोषाल (१९४६-२००४) कु जनम भारत मा ह्व़े अर भौतिक बिज्ञान कि प्दहाई परांत घोषाल न इंडियन आयल मा काम कार.

 फिर घोषाल न द्वी विश्व  विद्यालयुं एम्.आई.टी. अर हार्वर्ड  बिटेन डॉक्टरेट की पदवी लेई . अर घोषाल अध्यापक बि  राई त कत्ति बिजिनेस  संस्थानु मा सलाहकार बि छौ.

                    घोषाल न दस किताब छापिन अर सहतर  से बिंडी लेख छापिन 

               क्रिस्टोफ़र बार्टलेट पैल अल्कोआ ऑस्ट्रेलिया मा मार्केटिंग मनेजर राई, फिर मैकनसी मा जनरल मनेजर राई फिर हार्वर्ड वि.वि मा प्रोफेसर  ह्व़े.

 क्रिस्टोफ़र की दस किताब छापी गेन 

              जब सन १९८९ मा घोसल अर क्रिस्टोफर  के किताब ' मनेजिंग आक्रोस बोर्डर' छप त दुयूं तैं अंतररास्ट्रीय मनेजमेंट संसार मा बडी बड़ें मील .

  घोषाल अर क्रिस्टोफ़र न  कथगा इ खोजूं पर समौ समौ पर अपणा कथगा इ सिद्धांत देन पण घोषाल अर क्रिस्टोफ़र क मल्टीनेशनल  कम्पन्यूँ  क तीन भागूं मा

बंटण वाळ सिधान्तुं क जादा चर्चा हूंद

१-  मल्टीनेशनल मोडल : विकेंद्रीयकृत फेडिरेसन,    जख स्थानीय समस्याओं समाधान स्थानीय हिसाब से करे जांद , स्थानीय शाखा

अपणी रणनीति बि बणे सकदी च. सबी शाखाओं तैं एकीकरणो बान हेड ऑफिस बिटेन भिज्यां बड़ा अधिकारी शाखाओं मा काम करदन .
 
युनि लीवर, फिलिप्स , इन मालती नेशनल  संस्थानु उदाहरण छन .

२- ग्लोबल मॉडल : जादा उत्पादन क अर्थशास्त्र से फैदा उठाण वल़ा संस्थान जु नया बाजार मा जाण मा जादा फैदा दिखदन जन कि

फोर्ड या मात्सुसिता (पैनासोनिक  ). इन कम्पनी केन्द्रीयकृत प्रशासन मा विश्वास  करदन

३- इंटरनेशनल मॉडल ; इन कम्पनी नई तकनीक , उळझिं तकनीक , नयो ज्ञान तैं कम एडवांस जगाओं मा बिचण मा फैदा समजदन .
 
जन कि आई, बी .एम्., एरिक्सन आदि. रणनीति मा य़ी कम्पनी आधा ग्लोबल मॉडल जन छन अर अधा मुलती नेशनल जन होन्दन.

       सुशांत अर क्रिस्टोफ़र का कार्यकुशलता अर आर्थिक विकास, थ्री पीज (उद्देस्य/गोल, प्रोसेस-कार्यविधि अर पीपल/मानव शक्ति)
 
पर बी अपना अभिनव विचार काफी प्रसिद्ध ह्वेन  ,  घोषाल अर क्रिस्त्प्फेर ण हौरी बी सिद्धांत प्रबंध विज्ञान संसार तैं देन

       सुमंत्रा घोषाल तैं इकोनोमिस्ट न  'यूरो-गुरु' क पदवी दे .
 
       इनी क्रिस्टोफ़र तैं बी कथगा इ संस्थानु न सम्मानित कार

 

                Books by Sumantra Ghoshal and Christopher Bartlett
 
 

1- Managing Across Borders

2- The Individualized Corporation

   आधुनिक प्रबंध मा सुमंत्रा अर क्रिस्टोफ़र तैं सद्यानी याद करे जाल .



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Re: Let Us be Effective Manager (Mangament Guru)-By Bi
« Reply #18 on: December 29, 2011, 08:54:07 AM »

Mangament Guru -20

प्रबंध शास्त्री - 20

                                  फ्रैंक गिलब्रेथ अर लिलियन गिलब्रेथ : गति अध्यन का उन्नायक

                  Frank and Lilian Gilbreth : Poineers of  Motion Study Concept


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                              फ्रैंक गिलब्रेथ (१८६८-१९२४) अर लिलियन गिलब्रेथ को जोगदान प्रबंधन विज्ञान  तैं अगनै बढ़ाण मा बड़ो जोगदान च .
 
फ्रैंक  गिलब्रेथ मा ण दो छौ कि उत्पादन अर हौरी जगा बि प्रबंधकुं कर्तव्य च बल प्रबंद्हल कामकाज्युं सामर्थ्य को

पूरो पूरो इस्तेमाल कारन. अर मनिखौ सामर्थ्य तैं भैर ल़ाणो बान सिक्षा, प्रसिक्षण , कार्य शैली, कार्य वातावरण

पर ध्यान दी ण जरुरी च. फ्रैंक पैल ब्रिकलेयर छौ अर फिर वैन अपणी इन्जिनीरिंग सलाहकार कम्पनी खोली.

फ्रैंक कु ब्यौ लिलियन क दगड १९०४ मा ह्व़े. दुयुंक बारा लौड़-लौड़ी ह्वेन. लिलियन ड़्यार औ काम बि सम्बाळदि  छे अर  फ्रैंक को दगड मा
 
 बि काम करदी छे. लिलियन न फ्रैंक को मरणो परांत  काम तैं पूरो कार

     

                     फ्रैंक आधुनिक प्रबंध विज्ञान क बुबा ऍफ़.एम्. टेलर कु समकक्षी  छौ अर टेलर को मान/आदर  करदो छौ.लिलियन तैं

'फर्स्ट लेडी ऑफ़ मनेजमेंट ' बुले जांद. लिलियन तैं १९९५ मा अमेरिका मा ' नेशनल वीमेन 'स  हाल ऑफ़ फेम' मा शामिल करे गे


                  फ्रैंक अर लिलियन गिलब्रेथ को कुछ ख़ास सिद्धांत   

 
 १- सरल तरीका : काम करणों तरीका मा सरलता हूण जरूरी च .

 फ्रें ण होस्पिटलुं मां औप्रेसन  क बक्त नर्सुं द्वारा डाक्टर तैं  औजार   दीणे अर हौरी सहायत दीणे कौंळ   बताई जन से

औप्रेसन क समय काम ह्वाऊ. अफु इ ड्यारम कार्य दक्षता अर समय कम करणो बान प्रयोग करदो रौंद थौ.


२- थरब्लिग्स : हाथुं गति पर फ्रैंक -लिलियन  न कथगा इ प्रयोग करीन अर अंत मा १७ तरं क गति बतैन .



३-   माइक्रोक्रोमोमीटर: कामगारूं गति अध्ययन क फोटो ल़ीणो बाद गिलब्रेथ द्वी झणो न पाई कि सेकंड का १/२००

हिज्जा तैं इ रिकोर्ड करे सक्यांद


४- प्रोसेस अर फ्लो चार्ट : फ्रैंक अर लिलियन न गेंट चार्ट को विकास करी एवम  प्रोसेस अर फ्लो चार्ट इजाद कौर


५- औपेरसन मा मनोविज्ञान :  लिलियन अर फ्रैंक न सिद्ध करी कि मजदुरूं क कार्य शैली मा बदलाव ल़ाणो बान

उद्देश्य पूरक  काम अर मजदुरूं खुणि  लाभदाई

योजना हूण जरुरी च

  ठीक च आज फ्रैंक अर लिलियन क काम कि महता जाणण कठण च पण उन्नीसवीं   सदी मा फ्रैंक गिलब्रेथ

अर लिलियन क काम बड़ो ही नयो अर विचारोत्तेजक छया .


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Re: Let Us be Effective Manager (Mangament Guru)-By Bi
« Reply #19 on: December 31, 2011, 03:59:43 AM »

Mangament Guru -22

प्रबंध शास्त्री - 22         

                               डेनियल गोलमैन : भावनात्मक बुद्धि/मेधा  (इमोसनल इंटेलीजेंस  ) को  धड़वे

                              Daniel Goleman : Famous for Emotional Intellegence                          


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                                        Bhishm Kukreti
       

          डेनिअल गोलमैन (१९४६-)  से पैलि बुधि नापणो एकी पैमाना छौ अर वै तैं 'इंटेलिजेंस कोटियंट  (IQ ) बुले जांद छौ. 

डेनियल न IQ  सिद्धांत  तैं ललकार अर ब्वाल बल इमोसनल इंटेलिजेंस  'इंटेलिजेंस कोटियंट से जादा महत्वपूर्ण च.

 डेनियल गोलमैन न अपण सिद्शंत इमोसनल इंटेलिजेंस को खूब प्रचार प्रसार कौर . डेनियल कु विचार च बल

 मनिख म भावनात्मक मेधा या बुद्धि एक योग्यता होंद जो अफुं  तैं प्रेरित करणो बान अर अपण भितर अर भैरक सम्बन्ध प्रबंध करणो बान, 

अपण अर दूसरों भावना पछ्याणद .

      डेनियल को जनम १९४६ मा ह्व़े अर वैन मनोविज्ञान मा पीएच डी. कि डिग्री हार्वर्ड बिटेन लेई . १९९५ मा  डेनियल गोलमैन की

बेस्ट स्यलिंग किताब ' इमोशनल इंटेलिजेंस : व्हाई इट कें मैटर मोर दैन  IQ ' छप अर वैको नाम मनोविज्ञान अर प्रबंध विज्ञानं संसार मा चमकी गे.

 फिर १९९८ मा डेनियल की किताब ' वर्किंग विद इमोशनल इंटेलिजेंस ' छप त डेनियल प्रबंध विज्ञान मा एक बडी हस्ति ह्व़े गे. डेनियल गोलमैन

क मानवीय व्यवहार सम्बन्धी लेख न्यू योर्क टाइम्स  मा लगातार छपेणा रौंदन. डेनियल क सिधान्तुं मा पतांजलि क योग सूत्र, भारतौ तन्त्र विज्ञान,

बौद्ध तन्त्र, कृष्ण मुरती सीख आदि मिलदु  ,

डेनियल न सिद्ध करणे कोशिश करी बल इमोसनल इंटेलिजेंस प्रतियोगिता जितणो एक अश्त्र च

                         इमोसनल इंटेलिजेंस का द्वी पहलू


 १- अफु तैं  पछ्याणण, अपर उद्देश्य/उद्देस्युं  तैं जणण, अपुण इरादों तैं पछ्याणण, आदि

२- दूसरों तैं अर ऊंकी भावनाओं तै पछ्याणण   

                         इमोसनल इंटेलिजेंस का पांच क्षेत्र

१- अपण भावनाओं जानकारी

२- अपण भावनाओं तैं काबू करण

३-अफु तैं अफिक प्रेरित करण

४-दुसरौं भावनाओं पछ्याणक  करण अर ऊन भावनाओं जानकारी हासिल करण

५- आपसी सम्बंधुं क भली भांति सैंकी रखण या सम्बन्ध प्रबंधन को मतबल च  दूसरों भावनाओं को प्रबंधन  करण

                प्रतियोग्यता मा  इमोसनल इंटेलिजेंस को प्रयोग   



१- अफु तैं जाणण   

२- अफु तैं सँभाळण याने स्व प्रबंधन

३- समज मा प्रतियोगिता करण

४- सामाजिक बुद्धि या युक्ति : दूसरों मदद करण, दुसरो क विकास करण, दूसरों पर प्रभाव या छाप छोड़ण, बदलाव प्रबंधन की बुद्धि,  आपस मा सहकारिता स्थापित करण ,

                                         आपस मा गाढ़ो  सम्बन्ध स्थापित करण , समूह मा भयात क सिद्धांत लागु करण 

                       पर्वाणु / लीडरूं  गुण अर किसम



डेनियल न इमोसनल इंटे लिजेंस क हिसाब से पर्वाणु  किसम इन बथाईन   

१- डांडामार या जबरदस्ती करण वाळ  परवाण   

२- जोरदार या रोबदार पर्वाण     

३- सम्बन्ध कारि पर्वाण 

४- प्रजातन्त्री पर्वाण   

५- दौड़प्रेमी पर्वाण   

६- सिखाण वाळ  पर्वाण

 डेनियल गोलमैन क सिधान्तु विरोधी बि कम नि छन

                        Key Books by Deniel Goleman

 

1- Emmotional Inteligence, 1995

2- Working with emtional Inteleigence 

 

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