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Let Us be Effective Manager (Mangament Guru)-By Bi

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Bhishma Kukreti:

Mangament Guru -13

प्रबंध शास्त्री - 13         

                स्टीफन कोवे  : दि सेवेन हबिट्स ऑफ़ हाईल़ी इफ्यकटिव पीपल किताबौ लिख्वार 

    Stephen Covey  : Famous for Book- The Seven Habits of Highly Effective People

( Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers and

Management Practices, Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru,

Operation Managemnt Guru, Human Resourse Development Management Guru )


                                   Bhishm Kukreti

        स्टीफन कोवे    कू जनम १९३२ मा ह्व़े अर वैकी पढे हावर्ड वि.वि मा ह्व़े. अर ब्राइघम  वि.वि से स्टीफन कोवे  न डाक्टरेट की डिग्री हासिल कायी

भौत सालुं तक ब्राइघम वि.वि मा स्टीफन कोवे   संस्थानी  आचरण अर ब्यौपार प्रबंध को प्रोफ़ेसर राई . पैथर स्टीफन कोवे  न अपुण बिजिनेस '

कौनवे लीडरशिप सेंटर ' नाम से ब्यापार शुरू कार.

   स्टीफन कोवे  क '  दि सेवेन हबिट्स ऑफ़ इफ्यकटिव पीपल' किताब मनेजरू  ही ना आम अदिमुं मा बि प्रसिद्ध ह्व़े . अब तलक यीं 'दि सेवेन हबिट्स ऑफ़ इफ्यकटिव पीपल'

किताबै श्त्तर लाख से बिंडी कापी बिकी गेन

                    अति प्रभावी मनिखों सात  आदत     

 स्टीफन कौनवे न अति प्रभावी मनिखौं ख़ास ससत आदतों बारा मा इन बथै:

१- पहल करण मा सक्रिय  : प्रभावी मनिख काम करण मा पहल करदो (प्रोएक्टिव ) 

२- अंत तैं ध्यान मा धौरिक  कामौ पवाण/शुरवात याने कि प्रभावी व्यक्ति दूरदृष्टि से काम करदो 

(आप पतांजलि को योग संहिता या  नारद भक्ति सूत्र जन किताब बाँचो त पैल्या कि यूँ अंत या फल तैं पैल बथाई अर फिर कनो फल पाण पर ल्याख)

३- जु काज पैल करण वै काम तैं पैल करण: अति प्रभावी लोक  काम तैं 'अर्जंट अर महत्वपूर्ण , महत्वपूर्ण पण अर्जंट ना , अर्जंट पण महत्वपूर्ण नी च ,

अर ना त अर्जेंट ना ही महत्वपूर्ण च 'को हिसाब से बंटदन

                     

४- जीत की ही घड्याओ/सोचो अर जीत पाओ

५- कै बि विचार /काज तैं पैल अफिक बींगो/समझो अर  फिर लोकुं तैं बिंगाओ /समझाओ

६- समन्वय कारो

७-औजारु धार  तै खूब पैल्याओ/तेज कारो याने कि स्वास्थ्य धर्म, सामाजिक  धर्म,  भावानात्मक धर्म , अध्यात्मिक धर्म, अपण बान ज्ञान धर्म

अर मनोवैज्ञानिक धर्म पूरी तरह से निभाओ         

स्टीफन कोवे  की किताब 'दि सेवेन हबिट्स ऑफ़ इफ्यकटिव पीपल', आज बि युवा मैनेजरूं  क बीच एक महत्व पूर्ण किताब माने जांद . किताब

प्रेरणामंद च 

Books by Stephen Covey

1- The Seven Habits of Highly Effective People , 1989

2- Principle Centred leadership, 1992

3- First Thing First , 1996


Management Guru Series to be Continued on Part 14th



हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -14 मा बाँचो



Copyright @ Bhishm Kukreti

Bhishma Kukreti:

Mangament Guru -14

प्रबंध शास्त्री - 14         

                            फिलिप्स क्रोस्बाई  ; जीरो डिफेक्ट्स  शून्य कमियाँ ) को महानायक

                      Philip Crosby: Famous for Developing ZERO Defects Concept       



( Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru, Operation Managemnt Guru,

Human Resourse Development Management Guru )

                                            Bhishm Kukreti
       
  फिलिप क्रोस्बाई (१९२६-२००१)  को जनम पच्छमी विरजीनिया मा ह्व़े अर वैकी पढे लिखै वेस्टर्न रिजर्व वि.वि मा ह्व़े .

कोरिया कि लडै मा शामिल हूणो  परांत फिलिप क्रोस्बाई मार्टिन मेरिट्टा मा क्वालिटी मैनेजर बौणि गे.  जख क्रोस्बाई न गुणवत्ता  नियंत्रण या क्वालिटी  कंट्रोल  मा  'जीरो डिफेक्ट्स' 
 
कौंळ/संकल्पना   विकसित कौर   

 मार्टिन मेरिट्टा छोड़णो बाद फिलिप क्रोस्बाई न नामी  कंपनी आई. टी. टी. मा काम करी अर फिर अपणी सलाहकार कम्पनी ' फिलिप क्रोस्बाई अस्सोसियेट की /पौ/नींव

धार. फिलिप न करियर IV कम्पनी बि बणाइ .


                                                     जीरो डिफेक्ट क बान चौदा सीढ़ी/चौदह  पग


१- प्रबंधकुं प्रतिबद्धता : गुणवता की जुमेवारी प्रबंधाकुं होंद ना कि मजदूरूं  की 

२- गुणवत्ता सुधार टीम को होण जरुरी च

३- गुणवत्ता की नाप-तौल

४- गुणवत्ता विकास पर निवेश

५- गुणवत्ता जागृति / चेतना जागरण जरुरी च

६- सिरफ़ सही कदम

७- जीरो डिफेक्ट का बान समर्पित कमेटी

८- सुपरवाइजरों  क नियमित अर प्रतिबद्ध प्रशिक्षण जरुरी च

९- जीरो डिफेक्ट दिवस की महत्ता

१०- जीरो दिफ्फेक्त का गोल स्थापित करण

११- गलत्यूं  कारण को समूल नष्टिकरण

१२- पछ्याणक/ पहचाण दीण

१३- अलग बिभागूं   टीम लीडरूं की गुणवत्ता परिषद्

१४- पुनरावृति : प्रशिक्षण आदि प्रोग्रैम बार बार होण चएंदन

   फिलिप क्रोस्बाई न कत्ति बात गुणवता नियंत्रण पर हौरी बि बथैन जा पर कम्पनियां काम करणा छन अर उद्पदन मा गुणवत्ता मजबूत करणा छन


Books by Philip Crosby


1- Quality is Free , 1979

2- Quality without Tears

3-Hassel Free management

4- the Etternally Successful Organization: The Art Of Corporate Wellness 

 



Management Guru Series to be Continued on Part 15th

हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -15 मा बाँचो

Copyright @ Bhishm Kukreti

 

Bhishma Kukreti:


Mangament Guru -15

प्रबंध शास्त्री - 15         

                      डब्ल्युं.  एडवार्ड्स डेमिंग : पूर्ण गुणवता प्रबंधन (TQM)  को बुबा जी

 
            W. Edwards Deming: Father of Total Quality Manegement                         



( Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru, Operation Managemnt Guru,

Human Resourse Development Management Guru )

                                                                                                                                                                             

                                           Bhishm Kukreti
                 
                 गुणवत्ता क क्षेत्र मा  डब्ल्यू .डेमिंग का सिधान्तु बगैर घड़ये/सुचे इ नि सक्यांद . जापान मा गुणवत्ता का क्षेत्र मा जो बि

क्रान्ति आई वा सौब एडवार्ड डेमिंग की देन च.

   डब्ल्यू . एडवार्ड डेमिंग  (१९००-१९९३) भौतिक शाश्त्र को विद्यार्थी छौ अर डेमिंग न येल वि.वि बिटेन साँख्यकी मा डोक्टरेट पाई.

शेव्हार्ट  क अप्प्लिकासन ऑफ़ स्टेसटिसटिक तकनीक बांचणो उपरान्त डेमिंग को ध्यान उत्पादन मा साँख्यकी क  महत्व पर गे.
 
                 दुसर विश्व जुद्ध को बाद डेमिंग जापान गे अर उखाक उत्पादकुं न डेमिंग क ज्ञान तैं समज अर जापानी उत्पादकुं न डेमिंग का सिधान्तुं तैं

अपण फैक्टर्युं मा अपणाइ अर इन मा जापान  मा क्वालिटी क्रांति आई.

                           एडवार्ड डेमिंग का प्रबंधकूं बान चौदा सूत्र

१- ब्योपार/उत्पादन, मा टिकणो बान उत्पादन, गुणवत्ता , सेवा मा सतत सुधार जरुरी च

२- गुणवत्ता क नया दर्शन तैं पछ्याणो . गुणवत्ता प्रबंधन  दर्शन च

३- बहु- संख्यक निरीक्षण सिद्धांत (Mass Inspection) पर जोर ना भै !  जोर द्याओ कि उत्पाद मा पवाण बिटेन इ / शुरुवात से इ गुणवत्ता आई जाओ

४- प्राईस तगमा (Selling Price) पर ध्यान कम द्याओ बलकण मा  उत्पाद कि कीमत कम करण पर ध्यान द्याओ. अर याँखुण एकी सपलायर

क सिद्धांत अपणावो 

५- सिस्टम मा सतत सुधार लांद जाओ कि उत्पाद , उत्पादन कि लागत कम ह्वाओ अर उत्पादन गुणवत्ता अर सेवा मा मा अफिक सुधार ह्वाओ .

६- प्रसिक्षण अर पुनरप्रसिक्षण पर  जोर द्याओ

७-संस्थान मा स्वत: नेतृत्व आण द्याव

८- कार्मिकों मा डौर ख़तम कारो

९ - बीभागुं का मध्य दीवाल तैं हटाओ

१०-- नारेबाजी से काम नि चल्दो

११- मात्रा (Quantity) की जगा गुणवत्ता ( Quality) तैं अगने लाओ

१२ - कर्मियुं मा गर्व की भावना लाओ कर्मियुं क  गर्व कतई नि त्वाड़ो

१३- प्रबंधकुं अर कर्मियुं क शिक्षा, प्रशिक्षण पर रोज निवेश करदा जाओ

१४- प्रबंधक अर कर्मियुं तैं एकी उद्देश्य का वास्ता काम करण चएंद


 Books by W Edwards Deming

Out of Crisis : Quality, Productivity, and Competative Position, 1986

Management Guru Series to be Continued on Part 16th

हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -16 मा बाँचो

Copyright @ Bhishm Kukreti

Bhishma Kukreti:
Mangament Guru -16

प्रबंध शास्त्री - 16         



                         पीटर ड्रक्कर : उत्तर आधुनिक प्रबंधन कु बुबा जी
 

            Peter Drucker: The Father of Post-War management     





( Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru, Operation Managemnt Guru,

Human Resourse Development Management Guru, General management Guru  )





                              Bhishm Kukreti

       

             सरा दुनया मा अकादमीय प्रबंध शाश्त्री अर कामगति प्रबंधक सबि पीटर ड्रक्कर (१९०९-२००५) तैं बेहिचक प्रबंध गुरु (Management Guru ) माणदन .

पीटर ड्रक्कर को जलम वियाना मा ह्व़े.  पीटर कि शिक्षा पैल हैंम बर्ग विश्व विद्यालय मा ह्व़े.पैथर पीटर ड्रक्कर ण पब्लिक एंड इंटरनेशनल  लौ

मा डाक्टरेट कि पदवी पायी. पीटर जब पठनेर (विद्यार्थी ) इ थौ त एक समाचार पत्र मा सम्पादक बि राई. नाज्युन विरोध मा एक दार्शनिक लेख छपणों   

परांत पीटर ड्रक्कर  १९३३ मा इंग्लैण्ड चली गे अर फिर १९३७ मा पीटर तैं अमेरिका जाण पोड़. अमेरिका मा पीटर एक ब्रिटिश कम्पनी को निवेश सलाहाकार

 बौण  अर दगड मा फैनेंसियल टाइम्स अर भौत सा  समाचार पत्रुं को खबररशां/ संवाददाता बि राई .

  १९३९ मा पीटर कि 'द एंड ऑफ़  एकोनौमिक मैन ' किताब छाप अर वैन अपण ब्यापारिक सलाहाकार कमानी ख्वाल. फिर भौत सी खासकर जर्मनी

सम्बंधित कम्पन्यूँ ब्योपार सलाहाकार बौण

                       पीटर ड्रक्कर ब्यौपार/संस्थानु  मा प्रबंधन तैं अहमियत दीणों  बान प्रसिद्ध च . वैका कुछ विचार /कोंसेप्त भौत इ प्रसिद्ध ह्वेन जौं प्रबन्ध

शास्त्र कि दुन्या इ बदल दे :

१- प्रबंधन  मा विकेन्द्रीकरण अर सरलता

२- काम मा ग्यानी मजदूर हों चएंदन मतलब प्रशिक्षण  तैं महत्व दीण चएंद

३- मजदूरूं  का बारा मा पुराणा ख़यालात उद्योग /उद्यम का वास्ता नुकसान द्याला

४- पीटर ड्रक्कर  न आउट सोर्सिंग कि  जरुरात पर जोर दे

५- पीटर ड्रक्कर न समज अर उद्योग का वास्ता नॉन गवर्मेंट ओर्गेनाइजेसन (NGO ) की महता पर बि जोर दे

६-मजदुरूं तैं आदर दीण जरुरी च 

७- पीटर ड्रक्कर को मानण छौ बल जादातर समौ मा सरकार लोगूँ कि असली मांग का बारा मा अनभिग्य होंदी या सरकार लोकुं असली मांग पूरी करदी ही नी च

८- सरकार अर उद्यम जादातर अपणों भूतकाल कि सफलता पर ही टिक्यां  रौंदन  अर इन नि दिखदन कि पुराणी कौंळ अब खुन्दो ह्व़े गे

९-  बगैर सुच्यां समज्याँ कम करण असफलता को मुख्य कारण च

१०- कंपनी /फैक्ट्री मा कामगत्यूँ क एक समाज हुंद अर वां कुण यूनियन होणी चएंद

११- उद्यम को मुख्य अर पैलो  उद्देश्य  ग्राहकुं तैं सेवा दीण होण चएंद ना कि नफ़ा कमाण च पण नफा कम्पनी तैं ज्यूंद  रौणों बान भात जरोरी च

१२- ब्यौपार मा समन्वय कि बडी महत्ता च

१३- मनेजमेंट बाई ऑब्जेक्टिव कि महता च

१४- ब्यौपार स्नास्थानु तैं हरेक काम ठीक से करण चएंद   

                            पीटर ड्रक्कर तैं सम्मान
 
पीटर ड्रक्कर तैं २२ मानद डॉक्टरेट उपाधि मिलेन, कती सर्कारुन अर कत्ति संगठनु न समानित कार

            Books by Peter Drucker

पीटर ड्रक्कर की भौत सी किताब छापीं . कुछ खास किताब इ छन :

 

1-The End of Economic Man, 1938

2- The Future of Industrial Man, 1942

3- Concept of Corporation

4- The New Society, 1950

5- The Practice of Management, 1954

6- America's Next Twenty Years, 1957

7- Landmarks of Tomorrow, 1959

8- Managing for Results, 1964

9- The Effective Executive, 1967

10- The Age of Discontinuity, 1969

11- Managing for the Future, 1992

12- Managing in Turbulent Times, 1980Management Guru Series to be Continued on Part 17th


हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -17 मा बाँचो

Copyright @ Bhishm Kukreti

Bhishma Kukreti:
Mangament Guru -17

प्रबंध शास्त्री - 17         

                                    हेनरी फेयोल : प्रशासनिक  स्कूल को स्थापक

                     Henri Feyol:  Founding Father of Administration School

 
                Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru, Operation Managemnt Guru,

Human Resourse Development Management Guru, General management Guru )
                                           
                                          भीष्म कुकरेती     

           
                हेनरी फेयोल कु काम की समीक्षा वैको मर णो परांत ही ह्व़े सौक  जब हेनरी फेयोल (१८४१-१९२५)  की लिखीं किताब जनरल एंड इंडस्ट्रियल मनेजमेंट सन १९५० इ. मा छप.

तबी  प्रबंध विज्ञान -कला क विद्यार्थ्युं तैं पता चौल बल फ्रांस मा प्रबंध विज्ञानं मा उन्नेसवीं सदी मा बि भौत काम होणु छयो.

               हेनरी  फेयोल न ताजिंदगी एक खाण खोदण वळी कम्पनी  कमेंट्री -फ़ोर्सैम्बौल्ट- डिकाज़ेविल  मा कम करी अर मेजिंग  डाईरेक्टर क रूप मा

रिटायर ह्व़े . जब हेनरी फेयोल ण कम्पनी मा काम शुरू कौर त कम्पनी क हालत भौत ही खराब छे पण हेनरी आदि क मेनत, नई सोच से  कम्पनी की हालत सुधरी.

  हेनरी क वै समौ का कुछ नियम या सलाह य़ी छन :

 संगठन तैं चै भागूं मा बंटण

फेयोल ण कम्पनी तैं छै भागूं मा बाँट - टेक्नीकल, कोमेर्सिअल, फैनेंसियल, सेकुरिटी, अकौंटिंग अर मनेजरियल भाग

प्रबंधन का काम :

प्रबंधन को कम च - योजना बनाण अर वां  पर काम करण; काम तैं संगठित करण ; समन्वय; निर्देशन (कमांड) ;

फेयोल का प्रबंधन सिद्धांत :

१- काम तैं हिज्जों बांटो

२-  अधिकार अर कर्तब्यों की पूरी व्याख्या

३-  अनुशासन

४- निर्देश/कमांड  एकी मनिख बिटेन अर एकी दिशा मा आण चएंदन

५- दिसा निर्देशन मा साफ़ निर्देस

६-संगठन व्यक्ति से बड़ो च स्व़ार छोडि देन पण गाँव नि छोड़न जन सिद्धांत

७- कामग्त्युं तनख्वा ठीक अर न्याय्संगे होण चएंद

८- ब्यौपार या संगठन को हिसाब से केन्द्रीयकृत या विकेन्द्रीयकृत प्रशासन

९-द्वी तरां क रैबार ब्युंत / सिस्टम  ( कम्युनिकेशन  सिस्टम)

१०- अनुशासन की महता हर जगा

११- स्थायी प्रबंध स्थाई बुजिनेस लान्दो

१०- पहल तैं महत्व द्याओ याने काम गत्युं तैं पहल करणो बान वातावरण द्याओ

११- प्रबंधन तैं सब्युं क शुद्ध आचार , आचरण, विचार पर टक्क लगाण चएंद अर हरेक कामगति तैं 

अपणि पूरी योग्यता काम पर लगाण चएंद



               Book By Henri Feyol

General and Industrial Management , 1950, Revised by Gray in 1984
           
हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -18 मा बाँचो
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