Author Topic: Lets Recall Our Childhood Memories - आइये अपना बचपन याद करें  (Read 51283 times)

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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अपना बचपन याद करते करते एक बात याद आ गई वो ये कि एक बार मै बीडी की ठुड्डी पिते हुवे रंगे हाथो पकडा गया। और उसके बाद जो मेरी पिटाई हुई वो मुझे भली भाती याद है लेकिन आपको बताउगा नही क्योकी आप मुझ पर बहुत हसोगे।

Ravinder Rawat

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teek yahi kissa mere sath bhi hua tha.. chani me me aur mera cousin bidi pee rahe the aur taiji ne hame dekh liya.... fir aap samajh gaye honge ki kya hua hoga....bakyada rassi se bandh kar pitai hui aur der tak kahda rakha gaya....
अपना बचपन याद करते करते एक बात याद आ गई वो ये कि एक बार मै बीडी की ठुड्डी पिते हुवे रंगे हाथो पकडा गया। और उसके बाद जो मेरी पिटाई हुई वो मुझे भली भाती याद है लेकिन आपको बताउगा नही क्योकी आप मुझ पर बहुत हसोगे।

सुधीर चतुर्वेदी

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बचपन मे हम लोग अखबार को फाड़के उसकी पतंग बनाते थे और जहा भी सिक वाला झाड़ू होगा उसकी सिक निकाल के पतंग मे लगा देते थे क्योकि उस समय फूल वाले झाड़ू चलते थे और गावो मे किशी जंगली झाड़ी का भी झाड़ू बनता था इसलिये सिक वाले झाड़ू कम मिलते थे | काफी कम लोग सिक वाला झाड़ू रखते थे बस हम  लोग धयान रखते थे की किसके यहाँ सिक वाला झाड़ू है | 

हेम पन्त

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सुधीर भाई जिस जंगली घास की आप बात कर रहे हो उसे ’बाब्यो’ कहते हैं. पहाड़ में पहले बाब्यो के झाड़ू ही चलते थे.

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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bachpan ki yadon ko kabhi dil se na bhulana.
hota hai bachpan sabka,jaan se bhi dulara.

हेम पन्त

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सुबह पेपर पढने पर पता चला कि आज (31 मई 2010) को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) है.

आजकल पहाड़ों में छोटी उमर से ही बच्चे तम्बाकू, गुटका, शराब और धूम्रपान करने लगते हैं यह आने वाली पीढी के लिये एक चिन्ताजनक सन्देश है. गुटका से सम्बन्धित बचपन की एक छोटा सी घटना याद आ रही है.

हम लोग शायद 14-15 साल के रहे होंगे तब हमारे दोस्तों में 2-3 लोगों को गुटका (तब राहत और प्रिंस गुटका प्रसिद्ध था) खाना शुरू कर दिया था. मैने कहीं पेपर में पढा था कि गुटका लोहे को भी गला देता है. हम लोगों ने गुटका यह का घातक असर टेस्ट करने का प्लान बनाया. गरमी की छुट्टियों में सब लोग नौले नहाने जाते थे तो हमने एक गिलास पानी में गुटका डालकर उसमें एक कील डुबा दी. और यह गिलास एक जगह छुपा कर रख दिया. अगले दिन हमने देखा कि गुटके ने पूरी कील गला दी. पानी के अन्दर लोहे की उस कील का कोई निशान नहीं मिला. खैर मेरे दोस्तों में इस प्रयोग का कोई खास असर नहीं पड़ा वो तब भी गुटका खाते थे अब भी खा ही रहे हैं.

हुक्का बू

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सुबह पेपर पढने पर पता चला कि आज (31 मई 2010) को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) है.

आजकल पहाड़ों में छोटी उमर से ही बच्चे तम्बाकू, गुटका, शराब और धूम्रपान करने लगते हैं यह आने वाली पीढी के लिये एक चिन्ताजनक सन्देश है. गुटका से सम्बन्धित बचपन की एक छोटा सी घटना याद आ रही है.

हम लोग शायद 14-15 साल के रहे होंगे तब हमारे दोस्तों में 2-3 लोगों को गुटका (तब राहत और प्रिंस गुटका प्रसिद्ध था) खाना शुरू कर दिया था. मैने कहीं पेपर में पढा था कि गुटका लोहे को भी गला देता है. हम लोगों ने गुटका यह का घातक असर टेस्ट करने का प्लान बनाया. गरमी की छुट्टियों में सब लोग नौले नहाने जाते थे तो हमने एक गिलास पानी में गुटका डालकर उसमें एक कील डुबा दी. और यह गिलास एक जगह छुपा कर रख दिया. अगले दिन हमने देखा कि गुटके ने पूरी कील गला दी. पानी के अन्दर लोहे की उस कील का कोई निशान नहीं मिला. खैर मेरे दोस्तों में इस प्रयोग का कोई खास असर नहीं पड़ा वो तब भी गुटका खाते थे अब भी खा ही रहे हैं.
इस घटना से हमें क्या सीख मिलती है रे नान्तिनों.....

कि गुटखा नहीं खाना चाहिये। तो उठाओ हाथ आज से कौन-कौन गुटखा छोड़ रहा है?

आजि के अखबार में पढ़ रहा था कि गुटखे की पीक हावड़ा ब्रिज के लोहे के खम्भों को गला रही है और पैदल चलने वाले हिस्से में खम्भे ज्यादा गल गये हैं। नान्तिनों जो लुवा को गला दे रहा ठैरा उ हमारे अन्युड़-पत्यूड़ का कि हाल करेगा।

जो आज से गुटखा न खाने का संकल्प लेगा, उसे मैं १ कर्मा दूंगा और जो नहीं छोड़ेगा या छोड़ने की कोशिश नहीं करेगा, उसके "गुटखा" में से मैं "ट" हटा दूंगा भल हांऽऽऽऽऽऽऽऽ।

Rajen

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जो आज से गुटखा न खाने का संकल्प लेगा, उसे मैं १ कर्मा दूंगा और जो नहीं छोड़ेगा या छोड़ने की कोशिश नहीं करेगा, उसके "गुटखा" में से मैं "ट" हटा दूंगा भल हांऽऽऽऽऽऽऽऽ।

जै हो बूबू की।   8) ;D :D 8)

shailesh

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   हेम दा उस हिसाब से तो गुटखा पेट के लिए दवाई का काम भी कर सकता है , जिन लोगों को पथरी है उनकी पथरी गला सकता है और पेट के कीड़े भी ........पर वैसे कील पानी मे डालने की वजह से जंग लगकर गली होगी .....इस एक्सपेरिमेंट को एक बार अलुमिनियम या स्टील के  किसी चीज के साथ दोहराओ !.. ;) ;) ;) ;) ;)

सुबह पेपर पढने पर पता चला कि आज (31 मई 2010) को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) है.

आजकल पहाड़ों में छोटी उमर से ही बच्चे तम्बाकू, गुटका, शराब और धूम्रपान करने लगते हैं यह आने वाली पीढी के लिये एक चिन्ताजनक सन्देश है. गुटका से सम्बन्धित बचपन की एक छोटा सी घटना याद आ रही है.

हम लोग शायद 14-15 साल के रहे होंगे तब हमारे दोस्तों में 2-3 लोगों को गुटका (तब राहत और प्रिंस गुटका प्रसिद्ध था) खाना शुरू कर दिया था. मैने कहीं पेपर में पढा था कि गुटका लोहे को भी गला देता है. हम लोगों ने गुटका यह का घातक असर टेस्ट करने का प्लान बनाया. गरमी की छुट्टियों में सब लोग नौले नहाने जाते थे तो हमने एक गिलास पानी में गुटका डालकर उसमें एक कील डुबा दी. और यह गिलास एक जगह छुपा कर रख दिया. अगले दिन हमने देखा कि गुटके ने पूरी कील गला दी. पानी के अन्दर लोहे की उस कील का कोई निशान नहीं मिला. खैर मेरे दोस्तों में इस प्रयोग का कोई खास असर नहीं पड़ा वो तब भी गुटका खाते थे अब भी खा ही रहे हैं.

Lalit Mohan Pandey

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बूबू नमस्कार, उनके लिए भी कुछ इनाम रखो हो जो खाते ही नहीं है.
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और उन साथियों को कहना चाहूँगा जो छोड़ने की कोशिश कर रहे है.. ये इतना मुस्किल भी नहीं है.. मेरे पिताजी सालू से सुरती खाते थे.
इस बार मै उन्हें कुम्भ नहाने ले गया, और कहा "बाबु आज याइ बगा दिय त सुरतीस, इजा तुमथे छाडी दिय सुरती, छाडी दिय सुरती.. कूनी रूछी, आज छोड़ी दिय"
और सालू से पड़ी हुए आदत.. एक संकल्प के साथ छूट गयी. बस २-४ दिन इलायची खानी पड़ी.     
सुबह पेपर पढने पर पता चला कि आज (31 मई 2010) को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) है.

आजकल पहाड़ों में छोटी उमर से ही बच्चे तम्बाकू, गुटका, शराब और धूम्रपान करने लगते हैं यह आने वाली पीढी के लिये एक चिन्ताजनक सन्देश है. गुटका से सम्बन्धित बचपन की एक छोटा सी घटना याद आ रही है.

हम लोग शायद 14-15 साल के रहे होंगे तब हमारे दोस्तों में 2-3 लोगों को गुटका (तब राहत और प्रिंस गुटका प्रसिद्ध था) खाना शुरू कर दिया था. मैने कहीं पेपर में पढा था कि गुटका लोहे को भी गला देता है. हम लोगों ने गुटका यह का घातक असर टेस्ट करने का प्लान बनाया. गरमी की छुट्टियों में सब लोग नौले नहाने जाते थे तो हमने एक गिलास पानी में गुटका डालकर उसमें एक कील डुबा दी. और यह गिलास एक जगह छुपा कर रख दिया. अगले दिन हमने देखा कि गुटके ने पूरी कील गला दी. पानी के अन्दर लोहे की उस कील का कोई निशान नहीं मिला. खैर मेरे दोस्तों में इस प्रयोग का कोई खास असर नहीं पड़ा वो तब भी गुटका खाते थे अब भी खा ही रहे हैं.
इस घटना से हमें क्या सीख मिलती है रे नान्तिनों.....

कि गुटखा नहीं खाना चाहिये। तो उठाओ हाथ आज से कौन-कौन गुटखा छोड़ रहा है?

आजि के अखबार में पढ़ रहा था कि गुटखे की पीक हावड़ा ब्रिज के लोहे के खम्भों को गला रही है और पैदल चलने वाले हिस्से में खम्भे ज्यादा गल गये हैं। नान्तिनों जो लुवा को गला दे रहा ठैरा उ हमारे अन्युड़-पत्यूड़ का कि हाल करेगा।

जो आज से गुटखा न खाने का संकल्प लेगा, उसे मैं १ कर्मा दूंगा और जो नहीं छोड़ेगा या छोड़ने की कोशिश नहीं करेगा, उसके "गुटखा" में से मैं "ट" हटा दूंगा भल हांऽऽऽऽऽऽऽऽ।


 

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