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Lets Recall Our Childhood Memories - आइये अपना बचपन याद करें

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हेम पन्त:
कहते हैं कि समय बन्द मुट्ठी में रखी रेत की तरह है, जितनी मजबूती से आप उसे रोकते हैं, उतना ही अधिक वह छूटता जाता है.

बचपन की यादें अनमोल होती हैं. मैं तो पहाड में बिताये गये अपने बचपन को एक दिन के लिये भी खुद से दूर नहीं रख पाता हूं. आप के बचपन की भी कुछ यादें होंगी जो आजतक आपने अपने दिल के किसी कोने में सहेज कर रखी हुई हैं. तो आइये इन्हें एक दूसरे के साथ बाटें.

हेम पन्त:
बचपन में हम लोग फुटबाल, क्रिकेट जैसे सामान्य खेल तो खेलते ही थे. इसके अलावा पिड्डू, ठिणि-बाल्लि (गुल्ली-डण्डा), आइस-पाइस, धप्पी, विष-अम्रत जैसे खेलों में भी काफी रुचि लेते थे. (तब दूरदर्शन का प्रयोग "रामायण" देखने और समाचार सुनने तक ही सीमित था.)

पिड्डू में एक मुलायम गेंद (जुराब में पुराने कपडे भर कर) बनायी जाती है. एक टीम १२-१४ पत्थरों को गेंद से गिरा कर दुबारा उन्हेफ एक के ऊपर एक रखने की कोशिश करती है. इस बीच उन्हें दूसरी टीम द्वारा किये जा रहे बाल के प्रहार से बचना होता है. फसल कट्ने के बाद सीढीदार खेतों में इस खेल को खेलने का अलग ही मजा है.

हेम पन्त:
धान कटने के दिनों में गांव के सभी घरों के आंगन में हजारों-लाखों की संख्या में धनपुतली (उडने वाले पंखदार कीट) निकलते हैं. हम सभी बच्चे उन्हें देख कर सामुहिक रूप से चिल्लाते थे-

धनपुतली दान दे
सुप्पा भरी धान दे...

हेम पन्त:
पहाडों में मौसम अचानक बदल जाता है... बारिश होते-२ कभी-कभी धूप आ जाती है.. कभी ऐसा भी होता है कि धूप खिली हो पर बारिश की बूंदें पडने लगें. इसे घमपानि (घाम+पानी) कहा जाता है...

ऐसे मौसम के लिये बच्चों का एक सामुहिक गीत है-

घमपानि-घमपानि स्यालो को ब्या..
कुकुर-बिरालु बरयाति ग्या..
मैथे कूनान दच्छिना ल्या...


 

Risky Pathak:
Sabse Pehle Hem daa +1Karma to you.

Me esa hi kuch topic start karne wala tha... Par aapne wo shubh kaam pehle kar dia...
Thanks...

Now here i can share My memories at pahad.

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