Author Topic: Please Pray for Recovery of Kalpana Chauhan- कल्पना चौहान जी के लिए दुआ करें  (Read 37293 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Kalpna chauhan first show after accident -26 Mar 2011 from 5:530 pm
« Reply #90 on: March 24, 2011, 06:30:02 AM »
 
Dosto.
 
I am sure you will join the show to encourage Kapla Ji.
 
The show will held in Noida Stadium on 25 Mar 2011 i..e Satuday from 5:30 onwards.
 
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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एनबीटी न्यूज ॥ नोएडा

मशहूर लोकगीत गायिका कल्पना चौहान हादसे के 9 महीने बाद एक बार फिर संगीत की दुनिया में कदम रख रही हैं। नोएडा स्टेडियम में शनिवार को होने जा रहे उत्तराखंड कल्चर पर आधारित एनसीआर के बड़े लोक और युगल गीत कार्यक्रम में दर्शक फिर से उसी कल्पना की आवाज सुनेंगे। जिन्होंने गढ़वाली लोकगीत को देश की संस्कृति में एक खास पहचान दिलाई है। गढ़वाली ही नहीं कुमाऊनी , हरियाणवीं , राजस्थानी और गुजराती कल्चर की फोक सिंगर के रूप में कल्पना ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। ठीक 9 महीने पहले घटी घटना उस दौरान अखबारों की सुर्खियों में छाई रही। अब एक बार फिर कल्पना अपने चाहने वालों के बीच उसी आवाज का आगाज करने को तैयार हैं। तब और अब में फर्क इतना है कि कल्पना अपने ऐसे पैरों के सहारे चल रही है जो सड़क हादसे में बुरी तरह प्रभावित हुए थे। इनके दोनों पैर अब कृत्रिम हैं। वह रिप्लेसमेंट में लगे पैरों के सहारे ही मंच पर आएंगी।

गौरतलब है कि 25 जून 2010 को लोकगीत के एक कार्यक्रम से लौटते वक्त दिल्ली स्थित मूलचंद्र फ्लाईओवर के पास फोक सिंगर कल्पना चौहान की गाड़ी में एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी थी। जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गईं। करीब 3 महीने तक एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती रहीं। इस हादसे से कल्पना की जान तो किसी तरह बच गई , लेकिन स्टेज पर ठुमके लगाकर लोगों के दिलों पर राज करने वाली कल्पना की दोनों टांगे डैमेज हो गईं। उस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की मदद से उन्हें जर्मनी में इलाज के लिए भेजा गया। जहां उनकी दोनों टांगे रिप्लेस की गईं। इस घटना से उनके चाहने वालों को ठेस पहुंची और धक्का लगा कि शायद ही कल्पना अब अपनी आवाज से लोक गीत की दुनिया को और महका पाएंगी , लेकिन किस्मत ने करवट बदली और एक बार उसी स्टेज पर परफॉर्म करने के लिए वह तैयार हैं। इस बार ठुमके लगाने के लिए पैर तो साथ नहीं दे पाएंगे , लेकिन साहस और उत्साह पहले से भी ज्यादा है। कल्पना कहती हैं कि लोगों की दुआओं और स्नेह ने एक बार फिर मुझे स्टेज पर परफॉर्म करने का मौका दिया है। पहले जहां एनसीआर से लेकर मुंबई और देश के अलग - अलग कोनों में आए दिन प्रोग्रामों में व्यस्त रहती थी। हादसे के बाद यह मेरी पहली परफॉर्मेंस है। करीब 15 हजार दर्शकों की भीड़ में पूरी कोशिश है कि पहले की तरह माहौल बना सकूं। इसके लिए हमने काफी तैयारी भी की है। दिल्ली के स्निग्धा कल्चरल सेंटर की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मेरे अलावा इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के अन्य गायक भी शामिल होंगे , जिनमें हीरा सिंह राणा , घनानंद घन्ना , रोहित चौहान , चंद्र सिंह राठी। पूरा कार्यक्रम विभिन्न लोकगीत व युगल गीत पर आधारित है। कल्पना मूलरूप से पौढ़ी गढ़वाल की रहने वाली हैं। ससुराल अलमोड़ा में है। शादी के बाद 1990 से नोएडा के सेक्टर -55 में रह रही हैं। कुछ महीने पहले इंदिरापुरम में शिफ्ट हुई हैं। 20 साल से एनसीआर में न जाने कितने कार्यक्रमों में बतौर फोक सिंगर समां बांधा है।

अचीवमेंट

- उत्तराखंड के लोकगीतों पर आधारित सबसे पहली विडियो एलबम बनाने वाली गायिका ' मेरू बुढ्या कु ब्यौ '

- करीब 5 हजार से ज्यादा लोकगीत लिख और गा चुकी हैं।

- गढ़वाली , कुमाऊनी , हरियाणवीं , राजस्थानी , गुजराती में तमाम लोकप्रिय ऑडियो - विडियो एलबम बाजार में उपलब्ध

- कई हरियाणवीं फिल्मों में गा चुकी हैं।

- 25 साल पहले मुंबई से शुरू हुआ सफर देश के कोने - कोने में जारी रहा

- उत्तराखंड से चौंदकौर रत्न , अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा दिल्ली से गढ़ कोकिला रत्न , दिल्ली से पर्वत गौरव सम्मान और अन्य कई सम्मान कल्पना को मिल चुके हैं।

 
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7779795.cms


 

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