Author Topic: Plz come forward for social cause-सहायता के लिये कृपया आगे बढें  (Read 7321 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto,

We would share some appeals for social cause in this topic sent by our members. We would request you come forward save someone'  life. 

M S Mehta
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From - ramchamoli1980@gmail.com


((((सहायता के लिये कृपया आगे बढें))))
 
 मंगल सिंह रावत जी ग्राम ज्युटाईं पट्टी बच्चणस्युं जिला रुद्रप्रयाग से हैं ।
 जो कि बहुत ही गरीब परिवार से हैं । वे मुंबई मे एक छोटी मोटी कंपनी मे
 काम करते  हैं । उन्हें 23 साल की उमर मे ही "अप्लास्टिक अमेनिया" जैसी
 एक  गंभीर बीमारी ने घेर लिया है जो कि कैंसर का ही एक रुप है अभी इनके
 इलाज के लिये बच्चणस्युं  नवनिर्माण संस्था आगे आई है जिन्होंने सात लाख
 रुपये तक का खर्चा वहन तो कर लिया है गोविंद सिंह नेगी जी ने भी 3 लाख
 अभी तक खर्च कर लिये है पर्वतीय नाट्य मंच ने भी कुछ सहायता राशि अपने
 तरफ से दी है जीवन और मृत्यू के इस संघर्ष मे डौक्टरों के अनुसार अभी इस
 इलाज मे 25 से 30 लाख तक का खर्चा और लगेगा जिसकी भरपाई के लिये मंगल
 सिंह को सहायता की सख्त जरूरत है
 संपर्क.........09967411610
 09323295893
 09820549356
 अगर कोई डिमांड ड्राफ्ट के जरिये सहायता राशि भेजना चाहता है तो कृपया इस
 पते पर भेजें
 बच्चणस्युं नवनिर्माण संस्था (regd)
 मकर सिंह पटवाल हाउस
 रावत कंपाउंड दामुनगर
 कांदिवली ईस्ट
 मुंबई 400101
 
 सीधा अकाउंट मे सहायता जमा कराने के लिये
 bachhansyun navnirman sanstha(regd)
 state bank of india acount no. 1006863741

Mahi Mehta

  • Guest
मुझे उम्मीद है लोग इस मानवीय सहायता के लिए जरुर आगे आयंगे!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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On Thu, Jan 5, 2012 at 1:00 PM, Umesh Joshi <umesh59@gmail.com> wrote:

    Mehta jyu ki baat twimil ke jawab ne dyoy ho maharaj.
     


     
    On Tue, Jan 3, 2012 at 10:28 AM, Umesh Joshi <umesh59@gmail.com> wrote:

        Mehta ji,
         
        nayi saal k bhaut bhaut badhai ho tumin ke aur tumar pariwar ke..
         
        maine apko bataya tha ki we log kuch personal kaaran se is baat ko publically nahi laana chahte, waise wo direct kisi se mil sakte hai jo ki unhe help de sake.. waise unhe CA-Ovary hai unhe teen char dose kemo ki charni hai jisse wo kuch thik ho sakti hai, ek medicine hai jo bahut costly hai (Injection Rituximab 500mg infusion) iski teen char dose deni hai 15-15 din main.
         
        agar kuch ho sake to plz dekh lena, main unka account detail de raha hoo
         
        A/C No.:- 1872000100093157

        A/C Holder Name:- Mrs. Kanti Joshi (patient)

        Name of The Bank:-Punjab National Bank

        Branch:- Railway Bazar Haldwani
         
        abhi aap unse is no. par baat kar sakte hai
        Girish Joshi - 09286788837
         
        Thnx & Regards
         
        Umesh Joshi

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आओ बचाएं मासूम पिंकी को Chamoli | Last updated on: October 31, 2012 12:00 PM IST
  गैरसैंण। गंभीर बीमारियों से जूझ रही आठ साल की मासूम पिंकी मौत की दहलीज पर खड़ी है। मानसिक रूप से बीमार और शारीरिक रूप से बेहद कमजोर पिंकी को तुरंत सही इलाज की दरकार है। हालांकि उसकी मदद के लिए श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम आगे आया है पर पिंकी का पिता उसके इलाज पर जगह-जगह अपनी सारी जमा पूंजी लुटाकर इतना निराश हो चुका है कि अब वह उसे डाक्टर के पास तक नहीं ले जाना चाहता। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर पिता उसे जिंदगी के शेष दिन तक अपने पास ही रखने का हठ पाले हुए है।
पिंडवाली मल्ली निवासी कुंवर सिंह अपनी आठ वर्षीय पुत्री पिंकी का सीमित संसाधनों से उपचार के समस्त प्रयास कर चुका है। अब आर्थिक रूप से वह इतना टूट चुका है कि बेटी को इलाज के लिए बाहर भेजने से ही साफ इनकार कर रहा है।  पिंकी राजकीय प्राथमिक विद्यालय पिंडवाली में कक्षा एक की छात्रा है पर बीमारी और कमजोरी के कारण वह कई महीनों से स्कूल तक नहीं जा सकी है। उसका श्रीभुवनेश्वरी महिला आश्रम (एसबीएमए) प्लान ने मई में गांव में लगाए स्वास्थ्य शिविर में उपचार भी किया था लेकिन नियमित दवा खाने और परहेज के अभाव में उसे स्वास्थ्य लाभ नहीं हो सका। संस्था के बाल सुरक्षा समन्वयक चंद्रमणि उनियाल ने अध्यक्ष बाल संरक्षण देहरादून के अजय सेनिया को पिंकी के बारे में अवगत कराया। उन्होंने डीएम चमोली को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री राहत कोष से बालिका के इलाज को आर्थिक मदद के लिए आग्रह करने को कहा है। एसबीएमए ने भी अध्यक्ष बाल कल्याण समिति चमोली से पिंकी के इलाज की अपील की।

इनका कहना है--
श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम पिंकी के चिकित्सा का खर्च उठाने को तैयार है लेकिन पिता पिंकी को इलाज के लिए भेजने को तैयार नहीं है। उसके जीवन को बचाने के लिए प्रशासन को जरूरी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
- गिरीश डिमरी, परियोजना प्रबंधक एसबीएमए/प्लान गैरसैंण

प्रशासन बीमार लड़की के पिता को इलाज के लिए सहमत कराएगा। बच्ची के जीवन को बचाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। क्षेत्रीय पटवारी को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
- केएस नेगी, उप जिलाधिकारी गैरसैंण

Source - Amar Ujala
 

विनोद सिंह गढ़िया

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[justify]मूक-बधिर सौरभ और जन्मांध नेहा को उपचार हेतु आर्थिक सहायता की जरूरत

सरकार बच्चों की पढ़ाई पर सर्व शिक्षा जैसे अभियानों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन धौलादेवी ब्लाक के मनीआगर के प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले मूक-बधिर और जन्मांध भाई-बहनों के उपचार के लिए के लिए धेला तक नहीं है। गरीबी का दंश कहें या ऊपर वाले का अभिशाप सौरभ अपनी वाणी से शब्दों को अभिव्यक्ति नहीं दे सकता और नेहा आंखों से दुनियां को नहीं निहार सकती है। बच्चों के पिता मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। बच्चों का उपचार कराने की सामर्थ्य उनकी नहीं है। ऐसे में गरीब परिवार को बच्चों के इलाज के लिए समाज से मदद की जरूरत है।
मनीआगर गांव निवासी बसंत लाल के चार बच्चे शिया, सौरभ, नेहा और सचिन हैं। शिया कक्षा पांच, सौरभ कक्षा दो तथा नेहा कक्षा एक में प्राथमिक स्कूल मनीआगर में पढ़ने जाते हैं। पुत्री शिया और डेढ़ वर्षीय सचिन शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। विडंबना है कि बेटा सौरभ (10) मूक-बधिर है, जबकि बेटी नेहा ( 8) जन्मांध। स्थानीय डाक्टरों ने दोनों बच्चों को उपचार के लिए दिल्ली ले जाने की सलाह दी है परंतु परिवार की गरीबी बच्चों के उपचार में आडे़ आ रही है।
सौरभ और नेहा दोनों में पढ़ाई का जज्बा है। यह बच्चे नियमित रूप से अन्य बच्चों के साथ स्कूल आते हैं। कक्षा दो में अध्ययनरत सौरभ शिक्षकों के संकेत से तो, एक में पढ़ने वाली नेहा अन्य बच्चों द्वारा कक्षा में किए जाने वाले सस्वर पाठन से ज्ञान प्राप्त कर रही है। स्कूल की प्रधानाध्यापिका मंजू पांडे ने बताया कि दोनों बच्चे नियमित रूप से स्कूल आते हैं और उनमें सीखने की अच्छी क्षमता है लेकिन शारीरिक अक्षमता उनके अध्ययन में बाधा है।
पिता बसंत लाल ने बताया कि स्थानीय डाक्टरों की सलाह पर बच्चों को उपचार के लिए हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल दिखाया गया। वहां के डाक्टरों ने दोनों बच्चों को दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में दिखाने को कहा। महानगरों के अस्पतालों का महंगा उपचार आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बस में नहीं है। बच्चों के उपचार के लिए इस परिवार को समाज से आर्थिक सहयोग की जरूरत है। हो सकता है कि उपचार के बाद सौरभ बोलने लगे और नेहा की आंखों में रौशनी लौट आए।

इन बच्चों की आर्थिक सहायता हेतु आप मोबाइल न0  9412930816 पर संपर्क कर सकते हैं।




साभार : अमर उजाला - अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड)

[/justify]

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Can Govt help to save the life cancer patient Raju Bisht from Bhaisiya Chhana Almora?

बोन कैंसर ग्रस्त युवक को चाहिए मदद
Almora | (Amar Ujala)
अल्मोड़ा। भैंसियाछाना ब्लाक के भेटाबड़िया गांव निवासी बोन कैंसर से पीड़ित राजू बिष्ट (21) पुत्र अर्जुन सिंह की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं। कुछ लोगों ने राजू के उपचार के लिए अब तक करीब 11 हजार रुपये की आर्थिक मदद की है जो कि आपरेशन में होने वाले खर्च से काफी कम है।
राजू बिष्ट का दाएं पैर घुटने से नीचे बोन कैंसर ग्रस्त है। डाक्टरों उपचार के लिए करीब दो लाख रुपये खर्चा बताया है। राजू के पिता मेहनत मजदूरी कर किसी तरह सात सदस्यीय परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते वह स्वयं के संसाधनों से पुत्र का इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं। डाक्टरों के मुताबिक राजू का जल्द उपचार नहीं होने पर कैंसर के शरीर के ऊपरी हिस्सों में फैलने का खतरा है। राजू की मदद को कुछ लोग आगे आए हैं। पपरसली निवासी लोकेश बिष्ट, बाड़ी-बल्टा निवासी राजेंद्र बिष्ट ने पांच-पांच हजार, दुगालखोला निवासी रमेश नाथ, जागनाथ मंदिर के पुजारी हेमंत भट्ट, पपरसली निवासी एमसी जोशी ने पांच-पांच सौ रुपये की आर्थिक सहायता की है। राजू बिष्ट के पिता अर्जुन सिंह ने बेटे के उपचार को सामाजिक संगठनों तथा लोगों से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने बेटे के उपचार के लिए आर्थिक सहायता एसबीआई बाड़ेछीना खाता संख्या 32500524019 में देने का आग्रह किया है। सूरज को मदद के लिए मोबाइल नं. 8449853219 पर भी संपर्क किया जा सकता

 

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