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Tribute to Great Poet and Our Beloved Girda आखिर गिरदा चले गये.. श्रद्धांजली

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धनेश कोठारी:
Girda ka awsan pahad ke sahitiyik aur sanskritik samaj ke liye badi kshati hai. ab hamare beech garda ke karntikari sabda hi jinda rahenge. joki bar bar hamen 'asahmati' par prahar karne ko prerit karenge. Ishwar unki aatma ko jannat de.

पंकज सिंह महर:
गिर्दा के स्नेहिल वात्सल्य से अब हम कभी भी आच्छादिन नहीं हो पायेंगे, फोन पर गिर्दा से बात होती थी पर रुबरु होने का मौका विगत १४ अगस्त को ही मिला। जितनी आत्मीयता से गिर्दा मिलते थे, बोलते थे.....अब वह सुनने को नहीं मिलेगा। उनका जाना उत्तराखण्ड के सरोकारों से सरोकार रखने वालों के लिये अपूरणीय क्षति है, वह ऐसा स्थान रिक्त कर गये, जिसे भर पाना नामुमकिन है।
 
जाना तो सबको होता है एक दिन,
पर यूं ही चले जाओगे गिर्दा,
सोचा भी न था,
यूं ही मुंह मोड़ के चले गए,
इतनी निष्ठुरता क्यों गिर्दा ?
पर दिल में, जज्बातों में हमेशा,
याद तुम्हारी संजोये रखेंगे हम गिर्दा|

अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि|

दीपक पनेरू:
 भगवान गिर्दा की आत्मा को शांति प्रदान करे, तथा उनके परिवार को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे, ये एक अतुलनीय क्षति है जिसे शताब्दियों तक नहीं भरा जा सकता, हालाकि मैं गिर्दा से कभी मिल नहीं पाया लेकिन उनके बारे मैं जितना सुना, और पढ़ा है उससे ज्ञात होता है कि हमने एक अनमोल हीरा खो दिया है....

Vinod Jethuri:
उत्तराखन्ड के महान कवि गिर्दा के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ, हम उनके आत्मा की शान्ति के लिये भगवान से प्राथना करते है.."उत्तराखन्ड काव्य" जैसे महान पुस्तको की रचना करने वाले और अपनी उत्तराखन्डी सस्क्रति को देश विदेश मे कविताओ के माध्यम से फ़ैलाने वाले गिर्जा जी का नाम उत्तराखन्ड काव्य ईतिहास मे सदा ही आदर के साथ लिया जायेगा और सदा ही अमर रहेगा..

विनोद सिंह गढ़िया:
उत्तराखंड के साहित्य को अपना अमूल्य योगदान देकर आज गिर्दा हमारे बीच नहीं रहे |

                    "भगवान आपकी आत्मा को शान्ति दे |"

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