दिन में बंदर रात में सुअरों की मौज
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अगस्त्यमुनि ब्लॉक के अंतर्गत आधा दर्जन से अधिक गांवों में जंगली जानवरों के आतंक के आगे काश्तकार बेबस नजर आ रहे हैं। कड़ी मेहनत के बाद उगाई गई फसलों व सब्जियों को जंगली जानवर पूरी तरह बर्बाद कर रहे हैं। वहीं, कई बार शिकायत के बावजूद भी वन महकमा अभी तक चुप्पी साधे हुए है।
मौसम की मार के साथ ही अगस्त्यमुनि क्षेत्र के काश्तकारों को जंगली जानवरों के आतंक का भी भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। विगत तीन सप्ताह से क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में जंगली सुअर व बंदरों का जबर्दस्त आतंक है। जहां दिन भर खेतों में बंदरों के झुंड नुकसान कर रहे हैं, वहीं रात को सुअर बची हुई फसलों व सब्जियों का चट कर जा रहे हैं।
क्षेत्र के अंतर्गत नारी, खतेणा, सतेरा, स्यूंड, दरम्वाड़ी, कमेड़ा में जंगली जानवरों का सबसे अधिक आतंक बना हुआ है। जानवर जहां गेहूं फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं, वहीं आलू, मटर, गाजर, मूली व हरी सब्जियों को चट कर जा रहे हैं।
हालांकि जानवरों के आतंक से बचाव के लिए क्षेत्रीय लोगों द्वारा प्रत्येक गांव में एक-एक व्यक्ति देखरेख के लिए रखा गया है, परंतु इसके बावजूद भी जानवर खेतों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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