पल-पल दहशत में काटते जिंदगी अगस्त्यमुनि (रुद्रप्रयाग), निज प्रतिनिधि : प्रतिवर्ष गुलदार के हमलों से जनता में दहशत बनी ही रहती है, लेकिन लगातार बढ़ते जा रहे गुलदार के हमलों और वन विभाग की उदासीनता लोगों में दहशत को और भी गहरा कर रही है। गुलदार के खौफ से यहां पल-पल दहशत में लोग जिंदगी काट रहे हैं।
पिछले एक सप्ताह से गुलदार पांच लोगों पर हमला कर चुका है। खौफजदा स्थानीय निवासी वन विभाग को लगातार घटनाओं की जानकारी दे रहे हैं, लेकिन विभाग ने इस ओर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
ऊखीमठ ब्लॉक के परकंडी क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से गुलदार का आतंक बना हुआ है। गुलदार के बढ़ते खौफ ने स्थानीय निवासियों की दिनचर्या को ही बदल दिया है। लोग समूह में निकलने को मजबूर हैं। लकड़ी लाने, जंगल की ओर जाने में भी ग्रामीण कतरा रहे हैं।
लगातार हो रहे हमलों से दहशत का माहौल व्याप्त है। एक सप्ताह के भीतर बाघ अभी तक पांच लोगों पर प्राणघातक हमला कर चुका है, जिसमें लोग किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहे हैं।
वहीं, वन विभाग अभी तक सुरक्षा के कोई उपाय नहीं कर पाया है। ग्रामीण गुलदार के आतंक से निजात दिलाने के लिए लगातार पिंजरा लगाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
अब तक हुए गुलदार के हमले
- एक जुलाई को ओरिंग निवासी चन्द्र सिंह व उसके बेटे राकेश सिंह पर हमला
- तीन जुलाई को परकंडी के समीप नेपाली भगत बहादुर पर हमला
- पांच जुलाई को कुसुमगाड़ पुल के समीप यतेन्द्र सेमवाल पर हमला
- छह जुलाई को ककोला तोक में कुमारी रेनू पर हमला
बढ़ रही है दहशत
क्षेत्र में लगातार बाघ के हमले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे लोगों को खतरा बढ़ गया है। इस संबंध में वन विभाग व जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक सुरक्षा के कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। गुलदार को पकड़ने के लिए जल्द से जल्द पिंजरा लगाया जाना चाहिए।
नरेन्द्र सिंह कंडारी व राजेन्द्र सिंह भण्डारी क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता।
बोले अधिकारी-
वन विभाग घटनाओं को देखते हुए शीघ्र उचित कार्रवाई करेगा।
अजय कुमार शर्मा
उप प्रभागीय वनाधिकारी, रुद्रप्रयाग
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