Mera Pahad > Introduction of MeraPahad Community - मेरा पहाड़ के सदस्यों का परिचय
Survey- My Village Development Point of View - मेरा गाँव विकास की दृष्टि से
पी . एस . भाकुनी:
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मेरा गाँव- खीराकोट
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जनपद मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूरी पर अल्मोड़ा - कौसानी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 37 में सोमेश्वेर-कौसानी के मध्य कोसी नदी के किनारे समुन्द्र सतह से 4740 फिट (लगभग 1400 मीटर ) की ऊँचाई पर बसा गाँव खीराकोट का आरम्भिक नाम श्री पुरन सिंह भाकुनी जी ( प्रिंसिपल ) द्वारा लिखित पुस्तक " मेरा गाँव, मेरे वंशज" के अनुसार क्षीरकोट अर्थात पानी वाला कोट (किला) रहा होगा, कालान्तर में शाब्दिक अपभ्रन्ष के फल स्वरूप क्षीरकोट को खिरकोट अथवा खीराकोट नाम से जाना गया, जन श्रुतियों के आधार पर भी कहा जाता है की 750 ई.1678 ई. तक कत्युरी काल में क्षीरकोट एक प्रमुख किला हुआ करता था, गाँव के पश्चिम मे कोसी नदी एवं उत्तर में मैनोई ( कदाचित कौशल्या एवं मंदोदरी ) नदियों के अतिरिक्त कई जल श्रोतों की बहुतायत ही "क्षीरकोट "(खीराकोट) शब्द की उत्त्पति हुई होगी ।
आवासीय,कृषि एवं वन क्षेत्र को मिलाकर लगभग 15 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह गाँव आज भी "धन्ये ग्रामे नदी तटे: " की कहावत को चरितार्थ करता है।
अनुमान के मुताबिक 1500+ की आबादी में साक्षरता दर 85 से 90 प्रतिशत होगी।
व्यसायिक तौर पर शासन -प्रशासन अथवा प्राईवेट सेक्टरों में उच्च पदस्थ प्रतिभाओं के अतिरिक्त स्व. श्री हयात सिंह पुत्र श्री गुमान सिंह, स्व श्री हिम्मत सिंह पुत्र श्री त्रिलोक सिंह, स्व. श्री बची सिंह भाकुनी पुत्र श्री दान सिंह भाकुनी, स्व. जवाहर सिंह भाकुनी पुत्र श्री शेर सिंह भाकुनी के अतिरिक्त श्रीमती बैजन्ती भाकुनी पत्नी स्व. श्री हयात सिंह भाकुनी जी गाँव के नही अपितु क्षेत्र के भी अग्रणी स्वंत्रता सेनानी रहे हैं।
साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में स्व. श्री चतुर सिंह भाकुनी (प्रिंसिपल ), स्व. श्री पुरन सिंह भाकुनी (प्रिंसिपल- भूगोल आदि विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित एवं पाठ्य पुस्तक के रूप में मान्य ) एवं स्व श्री दीवान सिंह भाकुनी जी ( कुमाउनी भाषा में अनेकों पुस्तकों के रचयिता ) के साथ-साथ राजनीती में श्री भूपाल सिंह भाकुनी, स्व, श्री कैप्टन नैन सिंह भाकुनी, एवं श्री हरीश भाकुनी, एवं जसवंत भाकुनी की सक्रीय भूमिका रही है अथवा सक्रीय हैं।
बहरहाल आजादी के 65 वर्षों के जब हम आकलन करते हैं तो पाते हैं की गाँव खीराकोट किस पायदान पर आकर ठहरता है ?
गाँव - खीराकोट
पत्रालय- चनौदा - ½ किलोमीटर
तहसील-सोमेश्वर - तीन किलोमीटर,
जनपद- अल्मोड़ा - 45 किलोमीटर
शैक्षिणक संस्थान - प्राथमिक विद्यालय - ½ किलोमीटर
प्राथमिक स्वास्थ केंद्र- ½ किलोमीटर
एक किलोमीटर के दायरे में - प्राथमिक विद्यालय ( सरकारी एवं गैर सरकारी) राजकीय बालिका हाई स्कूल, राजकीय इंटर कालेज एवं प्रस्तावित आई .टी.आई.
स्नातकोतर महाविद्यालय - तीन किलोमीटर,
टेलीफोन सेवाएँ -
लैण्ड लाईन - फिलहाल यह सेवा जैसी भी है ग्रामप्रधान तक ही सिमित है,
मोबाईल - यह सेवा सर्वसुलभ है,
विद्युत - गाँव का सम्पूर्ण विद्युतीकरण 40- 45 वर्ष पूर्व हो चूका था,
इन सबके बावजूद भी आज युवाओं में बढती बेरोजगारी के अतिरिक्त स्वास्थ सम्बन्धी मूल भुत सुविधाओं का अभाव देखा जा सकता है, लिहाजा इस क्षेत्र के 3 किलोमीटर के दायरे में बहुद्देश्यीय स्वास्थ सुविधाओं से युक्त एक अस्पताल की सख्त आवश्यकता है, जिससे गाँव खीराकोट ही नहीं अपितु आस-पास के अन्य गाँव भी लाभान्वित हो सकेंगे।
आभार सहित-
p_singh67@yahoo.com
www.facebook.com/psinghbhakun
http://pbhakuni.blogspot.in/
MANOJ BANGARI RAWAT:
१- गांव का नाम : मटेला (मल्ला)
२- विकास खण्ड (ब्लाक) का नाम : बीरोंखाल
३- तहसील का नाम तथा जिले का नाम : थैलीसैण पौड़ी गढ़वाल
४- गांव में शिक्षा के साधन (कितने प्राइमरी स्कूल, हाईस्कूल है या इण्टर कालेज है) : है (बैजरो)
५- गांव तक सड़क है? यदि नहीं तो आपका गांव सड़क से कितनी दूर है? : नहीं है
६- टेलीफोन की सुविधा है? : नहीं
७- मोबाइल सुविधा है? : है
८- बिजली है? : है
९- पानी है? : है, हाइड्रोम लगा है पर चलता नहीं है
१०-अस्पताल है? : है
११- विधान सभा क्षेत्र का नाम : बीोंखल
१२- आपके गांव से अस्पताल, बैंक, पोस्ट आफिस तथा बाजार कितनी दूरी पर हैं? : ५०० मीटर
१३- आप अपने गांव में किस बुनियादी सुविधा का अभाव पाते हैं? : सड़क का
मनोज कुमार रावत
ग्राम मटेला (मल्ला)
पोस्ट : बैजरो
जिला : पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड ) २४६२७५
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