Author Topic: Today's Thought - पहाड़ के मुहावरों/कथाओं एवं लोक गीतों पर आधारित: आज का विचार  (Read 43233 times)

Mukesh Joshi

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मेरा औण से हर्ष - हो कै त ह्वे ल्यो...
ना हो मेरा जाना को दुःख- कै ना हो.. दुःख कै ना हो...

mere aane se agar kisi ko khusi hoti ho, to hoye...
mere jane ka dukh kisi ko na ho.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Exellent Joshi Ji..

This song has very good line.


मेरा औण से हर्ष - हो कै त ह्वे ल्यो...
ना हो मेरा जाना को दुःख- कै ना हो.. दुःख कै ना हो...

mere aane se agar kisi ko khusi hoti ho, to ho
mere jane ka dukh kisi ko na ho.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गोस्वामी जी यह गाना पलायन रोकने पर आधारित

पी जाओ मेरो पहाड़ को ठंडो पानी
ठंडो पानी

बीरो की जनम भूमि
देवो की हिमाला
देखो re देखो रे फूल बुरशी फूली रैछो

ठंडो पानी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अपणि-बोली-भाषा का बगैर न त अपणि उन्नति हवै कद और न ही समाज की।
जु समाज अपणि-बोली भाषा-अर-रिती-रिवाज से शर्म करदू ऊ वैकू पतन कू सबसे बडू कारण छ।

पंकज सिंह महर

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शेर दा "अनपढ़" के वचन-

गुणों में सौ गुण भरिया, म्यारा पहाड़्क नान्तिनो, ये दुनी में गुणै चानी, म्यारा पहाड़्क नान्तिनो...!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आज का विचार :

देखिये इस गाने के लाइन : पहाड़ के लिए एक सपथ

धन मेरो पहाड़ मे तेरी बलाई लियोन
जनम जनम मेरी तेरी सेवा में रूना


तेरी माटी चंदन में
माथि लगुना रूना

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आज का विचार

"पंछी उडी जानी, घोल उस रूछ
यो माया को जाल, द्वी दिनों का होन्छ"

दुनिया में यह मायाजाल कुछ की दिनों का है

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आज विचार यह लोक्क्ति पर

पहाड़ चेला, देश क जति (भैसा)
जीवन एक सा छो 

मतलब :

पहाड़ के नवजवान जिसे रोजगार की तलाश में पहाड़ से बहार जाना होता है और उसकी जिन्दगी मे जो कष्ट आते है और शहरों मे भैसा जैसे किसी cart को दिन भर pull करना होता है, उसके बराबर है !

बहुत हद तक बात सही है ! लेकिन अभी कुछ बदलाव है !

Lalit Mohan Pandey

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मेहता जी हमारे यहाँ इसे थोड़ा दूसरी तरह से कहते है, हलाकि meaning same है.
"पहाड़ जन जन्मो चेलो, भाबर जन जन्मो बल्द" (मतलब पहाड़ मै जो लड़का पैदा होता है उसकी लाइफ मै बहुत कठिनाई और भाबर (planes) मै जो बैल की लाइफ मै)

आज विचार यह लोक्क्ति पर

पहाड़ चेला, देश क जति (भैसा)
जीवन एक सा छो 

मतलब :

पहाड़ के नवजवान जिसे रोजगार की तलाश में पहाड़ से बहार जाना होता है और उसकी जिन्दगी मे जो कष्ट आते है और शहरों मे भैसा जैसे किसी cart को दिन भर pull करना होता है, उसके बराबर है !

बहुत हद तक बात सही है ! लेकिन अभी कुछ बदलाव है !


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आज का विचार

गोपाल बाबु गोस्वामी गाने के ये लाइन जो कि भाईचारा और आपसी सदभाव पर है:

    कौन छे हरिजन, कौन छे ठाकुर, क्या छे या जनजाति
  यो जाति पाती ले करी हाली मेरो भारत बर्वार्दी
 
  आपुन स्वार्थ लीजी, मैसे ले यो जात बनाई
  ईश्वर घर बे कोई जात नी बनी आयी !

 

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