Author Topic: Today's Thought - पहाड़ के मुहावरों/कथाओं एवं लोक गीतों पर आधारित: आज का विचार  (Read 42442 times)

Jagga

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पहाड़ अगर विकास केरन्छ तो पहाड़ छोरी बेर निजांड भाई
आज पहाड़ क विकाश आयल जी निहुने की लोगुक पास
पैस बहुतै है गिन जै करंड लोग पहाड़ छोरी बेर प्रदेश जनीनी
कती दिखी पैस आज नहती पहाड़ गों कोई ले एक मैश और ना छू  भैस

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आज का विचार में गोपाल बाबु का यह गाने के दो लाइन :

    जागो रे जागो ... जागो रे
  बाँधी कमर जागो रे..
    जागो रे भारती लालो .. धरती सजाओ रे.

तुम ठाड़ उठो भै बैन रे
                तुम करो विकास रे
भारत की भूमि कें, स्वर्ग बनाओ रे
जागो रे जागो..............

Jagga

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pahadi ki yaad main jhuri go parand

tab kuni hito hum unu pahad

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आज का विचार में गोपाल बाबु गोस्वामी
का यह गीत

दिन ऊना जाना रैया
जुग जुग बीत गैया
म्यार पहाड़ माँ बहिना
उडेखिया (उदासी) रैगैया

हमो कई नै भय अपुन ज्ञान
पहाड़ नारी रे गे अज्ञान ...
स्वामी जी चिट्टी आचे
घर मा कही पडूना
लागी शरमा..
हम गुभारिया कीडा जसा गुभर मैं राया
दिन उने जाने .............

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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दयोख दुर्भाग्य धीरज न ख्वे तू
शीघ्र सोभाग्य फेरु लगलू
रात जिथ्या भी अँधेरी होली
भोर उथ्या ही उजेरू लगलू

It means don't lose your patience, very soon luck will smile on you. If there is night, the next there is morning.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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TODAY'S TOUGHT OF THE DAY IS THIS SONG OF NARENDRA SINGH NEGI
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NA KAATA... NAA KAATA
TAU DALIYO..
DALIYO NAA BHULI DALIYO NA KAATA.

You can also listen this song :

http://ishare.rediff.com/music/garhwali-others-romantic/na-kata-taun-daliyon/10049204

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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TODAY'S THOUGHT FROM HEM BAHUGUNA
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तुम मागते हो उत्तराखंड कहा से लाऊ?
सूखने लगी गंगा, पीघलने लगा हीमालय!
उत्तरकाशी है जख्मी, पीथोरागढ़ है घायल!
बागेश्वर को है बेचेनी, पौडी मे है बगावत!
कीतना है DIL मे दर्द, कीस-कीस को मैं दीखाऊ!
तुम माग रहे हो उत्तराखंड कहा से लाऊ????

मडुवा, झंगोरे की फसले भूल!
खेतो मे जीरेनीयम के फूल!
गांव की धार मे रीसोर्ट बने!
गांव के बीच मे sweeming पूल!
कैसा वीकास? क्यों घमंड?
तुम मागते हो उत्तराखण्ड??

खद्दंजो से वीकास की बातें,
प्यासे दीन अँधेरी रातें,
जातीवाद का जहर यहाँ,
ठेकेदारी का कहर यहाँ,
घुटन सी होती है आखीर कहा जाऊ?
तुम मागते हो उत्तराखण्ड कहा से लाऊ???

वन कानूनों ने छीनी छाह,
वन आवाद और बंजर गांव,
खेतो की मेडे टूट गयी,
बारानाजा संस्कृती छुट गयी,
क्या गडवाल? क्या कुमाऊ?
तुम माग रहे हो उत्तराखण्ड कहा से लाऊ??

लुप्त हुए स्वालंबी गांव,
कहा गयी आफर की छाव?
हथोडे की ठक-ठक का साज,
धोकनी की गरमी का राज,
रीगाल के डाले और सूप,
सैम्यो से बनती थी धुप,
कहा गया gramy उध्योग?
क्यों लगा पलायन का रोग?
यही था क्या " म्योर उत्तराखण्ड" भाऊ?
तुम मागते हो उत्तराखण्ड कहा से लाऊ??

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पहाड़ को सवारने के एक संकल्प इस गीत में : श्री गोपाल बाबु गोस्वामी जी ने गाया है

धन मेरी भारत में तेरी बलाई लियोन
धन म्यार पहाड़ में त्यार बलाई लियोन
जनम -२ में तेरी सेवा में रूना..
तयर सेवा लीजी में जियोंन रूना मरुन.

धन मेरी भारत में तेरी बलाई लियोन
धन म्यार पहाड़ में त्यार बलाई लियोन
जनम -२ में तेरी सेवा में रूना..
तयर सेवा लीजी में जियोंन रूना मरुन. ..

धन मेरो भारत में त्यर बलाई लियूना..

त्यर माटी चन्दन में ख्वार लागूना रूना...२
त्यर पीडा मिटून न में गीत लेखूना..
बेतिया  भाई बहिनों को धात लागूना रूना.
एक दगा शक्तियों का जगूना..
त्यर शक्ति पीठो के ज्योति जगूना रूना.

धन मेरी भारत में तेरी बलाई लियोन
धन म्यार पहाड़ में त्यार बलाई लियोन
जनम -२ में तेरी सेवा में रूना..
तयर सेवा लीजी में जियोंन रूना मरुन. .

में त्यर सेवा में रूना.. में त्यर सेवा में रूना.

 

Ajay Tripathi (Pahari Boy)

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Boss, Aaj ka koi naye vichar nahi aa rahe hai aapki taraf se

पंकज सिंह महर

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मुझको पहाड़ ही प्यारे है

प्यारे समुंद्र मैदान जिन्हें
नित रहे उन्हें वही प्यारे
मुझ को हिम से भरे हुए
अपने पहाड़ ही प्यारे है
पावों पर बहती है नदिया
करती सुतीक्षण गर्जन धवानिया
माथे के ऊपर चमक रहे
नभ के चमकीले तारे है
आते जब प्रिय मधु ऋतू के दिन
गलने लगता सब और तुहिन
उज्ज्वल आशा से भर आते
तब क्रशतन झरने सारे है
छहों में होता है कुजन
शाखाओ में मधुरिम गुंजन
आँखों में आगे वनश्री के
खुलते पट न्यारे न्यारे है
छोटे छोटे खेत और
आडू -सेबो के बागीचे
देवदार-वन जो नभ तक
अपना छवि जाल पसारे है
मुझको तो हिम से भरे हुए
अपने पहाड़ ही प्यारे है


चन्द्र कुंवर बर्त्वाल जी की कविता 

 

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