Preparation for IAS Exam, UPSC exams
-
१- मुम्बई में उत्तराखंडियों में IAS अन्य प्रतियोगी परीक्षा में न बैठना एक सामाजिक कमी है इसे गढ़वाल भ्रातृ मण्डल जैसी सामजिक संस्था द्वारा दूर करना चाहिए
२- पुरानी व मूर्धन्य सामाजिक संस्था होने के नाते गढ़वाल भ्रातृ मण्डल को नेतृत्व प्रदान करना ही चाहिए
३- उत्तराखंडी युवा नौकरी पसन्द करते हैं तो सबसे अच्छी नौकरी के लिए युवाओं को प्रयत्न करना ही श्रेयकर है
उद्देश्य
मुम्बई में उत्तराखण्डियों के मध्य युवाओं को IAS , IPS , IFS , IRS जैसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठने हेतु प्रेरित करना व उनके लिए परीक्षा में बैठने हेतु साधन जुटाना
कृपया अपनी राय दीजिये , आपकी राय की प्रतीक्षा में !
Best Reasons for becoming IAS, IPS, IFS, IRS
Toughest Exam
Power
Money
Parents Dream
मुख्य कार्य
१- उत्तराखण्डी माता -पिताओं को प्रेरित करना
२- युवाओं में IAS , IPS , IFS , IRS जैसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठने हेतु प्रेरणा देना
कार्यशैली
१- संस्था के सभी सदस्यों तक उद्देश्य पंहुचाना
२- कम से कम बीस संस्थाओं से लिखित व व्यक्तिगत तौर पर सम्पर्क साधकर सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस दिशा में कार्यरत करना
कार्यरीति
१- गढ़वाल भ्रातृ मण्डल के सभी क्रियाशील कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाना व उन्हें उद्देश्य समझाना
२- सभी सामाजिक संस्थाओं के कार्यकरणी के सदस्यों की बैठक बुलाकर उन्हें उद्देश्य में शामिल होने का न्योता देना
३- मुम्बई में १० -१५ जगहों में माता पिताओं की बैठक बुलाना
४- मुम्बई में १० -१५ जगहों में युवाओं की बैठक बुलाना
५- IAS परीक्षा पास करने हेतु बुलेटिन छापकर बांटना
६-विशेषज्ञों द्वारा युवाओं गाइड करवाना
(संस्था के अध्यक्ष श्री भगत सिंह बिष्ट व महामंत्री श्री रमण मोहन कुकरेती से बातचीत के आधार पर )
आपके सुझाव आमन्त्रित हैं
AS बनने के लिए योग्यता नही योग्य बनने की क्षमता महत्वपूर्ण है
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल , मुंबई (रजिस्टर्ड ) की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -2
-
-
IAS बनने के लिए अभ्यार्थी की योग्यता से अधिक महत्वपूर्ण IAS बनने के लिए योग्यता अख्तियार करना अधिक आवश्यक है।
IAS बनने के लिए तन , मन , बौद्धिक और अहम् सभी अंगों की सहायता से सांगोपांग तैयारी आवश्यक है।
IAS बनने के लिए आधारभूत योग्यता में नियमित रूप से निखार लाना आवश्यक होता है।
IAS बनने के लिए प्रश्नों के सटीक उत्तर लिखना अति आवश्यक है और सटीक उत्तर लिखने हेतु आदत बनाना आवश्यक है। सटीक उत्तर की आदत हेतु हर पहलुओं में नियमित व वैज्ञानिक ढंग से तयारी आवश्यक है।
IAS परीक्षा में बैठने वालों में सफलता का प्रतिशत केवल ०० . 2 प्रतिशत से कम होता है और कारण है की सफल अभ्यार्थी नियमित रूप से , वैज्ञानिक ढंग से तैयारी करते हैं।
IAS बनने के लिए परीक्ष पत्र हल करने हेतु नियमित अभ्यास अति आवश्यक है।
IAS के लिए ध्यान केन्द्रीयकरण आवश्यक होता है।
IAS बनने के लिए तयारी ही आवश्यक नही होती है बल्कि नियमित तैयारी आवश्यक है।
IAS बनने के लिए परीक्षा पत्र देने हेतु तैयारी के लिए अपने को अनुकूल करना पड़ता है और सलाहकारों की सलाह को गम्भीरतापूर्वक लेना आवश्यक है।
दृढ मानसिकता।/दृढ संकल्प से ही IAS बना जा सकता है
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल , मुंबई (रजिस्टर्ड ) की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -3
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
जी हाँ IAS बनने के लिए महत्वाकांक्षा , सपने , दिवास्वप्न पहली सीढ़ी है
किन्तु IAS बनने की महत्वाकांक्षा या स्वप्न पूरा करने के लिए दृढ संकल्प या ठोस मानसिकता अत्यंत व पहली शर्त है।
मानसिक दृढ़ता के बगैर IAS परीक्षाओं की तैयारी नही हो सकती है
शुरू शुरू में एक हफ्ते तक अपनी महत्वाकांक्षा "मुझे IAS बनना है ' को हर 48 मिनट बाद दोहराएं।
यदि IAS आकांक्षी मजबूत मानसिकता का नही है तो अभ्यार्थी तैयारी के लिए कई बहाने ढूंढने लगता है और क्रमबद्ध तैयारी व पूर्ण तैयारी नही कर सकता है।
यदि IAS आकांक्षी मानसिक रूप से मजबूत नही है तो वह क्रमबद्ध व आवश्यक तैयारियों में गफलत कर सकता है।
मानसिक दृढ़ता से IAS महत्वाकांक्षी अपने आप सकारात्मक विचारक बनने लगता है तैयारियों के लिए सही रास्ते पर चलने लगता है।
IAS आकांक्षी के मजबूत मानसिकता होने से आकांक्षी के दिमाग में हर समय IAS बनने की तम्मना बनी रहती है
मानसिक रूप से कमजोर IAS आकांक्षी तैयारी से ऊबने /बोर होने लगता है किन्तु दृढ मानसिकता होते IAS आकांक्षी तैयारियों से ना तो ऊबता है और ना ही तैयारी वक्त सोता है
दृढ मानसिकता के चलते आकांक्षी की स्मरण शक्ति में स्वतः वृद्धि होती चली जाती है।
दृढ मानसिकता समयबद्धता की कदर करती है।
दृढ मानसिकता सक्रियता जगाती है।
दृढ़ मानसिकता नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करती है। व सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
IAS अधिकारी बनने हेतु कुछ आधारभूत आवश्यकताएं
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -4
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
IAS अधिकारी बनने के लिए महत्वपूर्ण तैयारियां करनी पड़ती हैं और इसके ले कुछ मूलभूत आवश्यकताएं होती है
आंतरिक आवश्यकता याने दृढ़ आकांक्षा
-
IAS बनने की तीन प्रकार की आकांक्षाएं होती हैं - फैशनेबल आकांक्षा याने दुनिया को देखकर इच्छा पालना , किसी के बोलने से आकांक्षा पालना और तीसरी तरह की महत्वाकांक्षा जो आंतरिक इच्छा होती है इस प्रकार की महत्वाकांक्षा में उद्देश्य में मानसिकता में जीवन मरण का प्रश्न जैसा बन जाता है।
IAS अधिकारी बनने की इच्छा दृढ़ संकल्प में तब्दील हकार आंतरिक आवश्यकता बहन जानी चाहिए। IAS बनने की इच्छा जब तक जीवन -मरण की इच्छा ना बन जाए तब तक इसे आंतरिक आवश्यकता नही कह सकते हैं। हर IAS आकांक्षार्थी को इच्छा को मानसिक आवश्यकता बनाना आवश्यक है
-
पढ़ने में रूचि
IAS व तत्संबंधी विषयों को पढ़ने में विशेष रूचि आवश्यक है। टाल बराई के नाम पर पढ़ने से IAS नही बना जा सकता है। चार पांच घण्टी की पढाई को रूचि के साथ किया जाना आवश्यक है। पढ़ाई याने जोगध्यान के साथ पढ़ने को पढ़ाई में रूचि कहते हैं।
-
क्रमबद्ध पढ़ाई
सभी विषयों की पढाई क्रमबद्ध तरीके से की जानी चाहिए और सभी विषयों में पारंगतता हासिल करना भी आवश्यक है।
परीक्षा आने के रट्टा लगाने वाली शैली IAS की तैयारी में नही चलती है।
निरन्तर व क्रमबद्ध पढ़ाई ही IAS परीक्षा पास करने की मुख्य कुंजी है।
-
मानसिक क्षमता
IAS की तैयारी में मानसिक क्षमता ही कारगर सिद्ध होती है याने
अ -जो पढा वः याद रहे और उस पढाई को दूसरों को समझाने की क्षमता
ब -जो भी पढा उस पर अपने विचार देने की क्षमता
स -याद रखने की क्षमता
द - समझाने की भाषा की क्षमता
-
अन्य सहयोग
IAS की तैयारी में बाह्य सहयोग भी उतना आवश्यक है जितना आंतरिक दृढ़ इच्छा शक्ति -
क -परिवार , रिस्तेदारों का सभी तरह का समर्थन व सहयोग
ख - यदि नौकरी है तो बॉस व सहयोगियों का समर्थन व सहयोग
ग -अध्यापकों , सफल प्रत्याशियों का समर्थन व समय समय पर समर्थन , प्रोत्साहन व सहयोग (सलाह अनुभव बाँटने आदि में )
घ -सभी तरह के मित्रों समर्थन , प्रोत्साहन व सहयोग जैसे डिस्कसन आदि में
इस तरह के सहयोग आपके तनाव दूर करने में भी सहयोगी सिद्ध होते हैं।
IAS परीक्षाएं प्रतियोगी परीक्षाएं हैं
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -5
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
आम परीक्षा के चरित्र और प्रतियोगी परीक्षा के चरित्र में जमीन आसमान का अंतर होता है। दोनों परीक्षाओं में चारित्रिक अंतर के अतिरिक्त अन्य अंतर भी होते हैं।
प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा जैसे ० IAS परीक्षाओं व बैंक ऑफिसर परीक्षाओं के स्वरूप व चरित्र में विशेष अंतर होता है और दोनों सामान्य परीक्षाओं जैसे BA , MA , MSc की परीक्षाओं से भिन्न होती हैं।
प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए अभ्यार्थी को पद परीक्षा के चरित्र व स्वरूप अनुसार बदलना आवश्यक है।
सामान्य डिग्री की परीक्षाओं में पास होने की मुख्य शर्त होती है और बोर्ड या विश्वविद्यालय के लिए कितने परीक्षार्थी पास करने है की कोई शर्त नही होती हैं किन्तु IAS परीक्षा के रिजल्ट में कितने पद (पदों की संख्या ) चाहिए महत्वपूर्ण है। याने यदि सरकार को 200 IAS चाहिए तो केवल 200 परीक्षार्थियों को ही IAS परीक्षा में पास किया जाएगा ना कि 201 परीक्षार्थी।
इसीलिए प्रतियोगी परीक्षाओं में हर परीक्षार्थी दूसरे परीक्षार्थी से प्रतियोगिता करता है।
-
चुनावी चरित्र
आम परीक्षाओं में परीक्षार्थी का चुनाव नही किया जाता किन्तु प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams ) में परीक्षार्थियों में से चुनाव किया जाता है कि कौन अब्बल है। यही विशेष चरित्र आम परीक्षा व IAS परीक्षा को अलग क्र डालता है।
हर प्रतियोगी परीक्षा का सेलेक्सन पद्धति अलग अलग होती है अत: यह आवश्यक हो की परीक्षार्थी हर प्रतियोगी परीक्षा के चरित्र को समझे।
-
मिले जुले विषय
सामान्य परीक्षाएं या राज्य स्तर की परीक्षाओं और IAS स्तर की परीक्षाओं में मुख्य अंतर एकल विषयी परीक्षा व बहुआयामी परीक्षा का अंतर है जिसे IAS आकांक्षी को समझना आवश्यक है और इसमें पढ़ने व समझने की पद्धति में बदलाव आवश्यक हो जता है।
-
अखिल भारतीय स्वरूप
आम परीक्षा या विश्वविद्यालयी परीक्षा में स्थानीयता महत्वपूर्ण होता है किन्तु IAS परीक्षा का स्वरूप पूर्णतया अखिल भारतीय होता है जिसे समझना आवश्यक है।
-
प्रश्नों के उत्तर में अंतर
सामान्य परीक्षाओं में प्रश्न व उत्तर सपाट किस्म के होते हैं किन्तु IAS के प्रश्न कुछ विशेष तरह से पूछे जाते हैं जिन्हें समझना आवश्यक होता है .
-
IAS अभ्यार्थियों को IAS परीक्षा प्रश्नों के चरित्र को समझना आवश्यक है और इसके लिए पुराने प्रश्न पत्र का ज्ञान आवश्यक है और परीक्षार्थी को IAS परीक्षा चरित्र अनुसार आपने को ढालकर तयारी करनी आवश्यक है
-
Objectives of UPSC Exams
UPSC परीक्षाओं के उद्देश्य
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -6
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
IAS बनने के लिए अभ्यार्थी को UPSC परीक्षाएं पास करनी होती हैं और UPSC परीक्षाओं के प्रश्नों का विशेष चरित्र होता है। UPSC परीक्षाओं का उद्देश्य होता है कि सरकार अभ्यार्थी को निम्न गुणों वाले अधिकारी मिल सकें यानेUPSC परीक्षायेन अभ्यार्थी में निम्न गुणों की पूछताछ करतीं हैं -
-
स्पष्ट विचार या मस्तिष्क की स्पष्टता
UPSC परीक्षाओं के प्रश्न व उनके वैकल्पिक उत्तर इतने जटिल होते हैं कि यदि परीक्षार्थी का स्पष्ट विचार या ठोस सोच या मस्तिष्क की स्पस्टता न हो तो परीक्षार्थी सही उत्तर नही दे सकता। UPSC परीक्षाओं का पहला उद्देश्य है कि स्पस्ट मस्तिष्क वाले व्यक्तियों को खोज जाय ।
-
गतिशील व सक्रिय मस्तिष्क
प्रशासक को बड़े बड़े व शीघ्र निर्णय लेने पड़ते हैं इसके लिए यह आवश्यक है कि IAS ऐसा व्यक्ति हो जिसमे सही व शीघ्र सोचने का गुण हो। UPSC परीक्षाओं के प्रश्न गतिशील मस्तिष्क की भी खोज करते हैं।
-
साफ़ (धूमिलरहित ) स्मृति
IAS आदि अधिकारियों को निर्णय लेते वक्त स्मृति पर निर्भर करना होता है और इसलिए IAS अधिकारियों की साफ़ साफ़ स्मृति होना आवश्यक है। UPSC परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों के प्रश्न साफ़ स्मृति के परीक्षार्थियों को साफ पहचान जाते हैं।
-
एकाग्र ध्यान का गुण
IAS अधिकारी में एक विशेष गुण आवश्यक है और वह गुण है ध्यान एकाग्रता का। UPSC परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों के उत्तर परीक्षार्थी के ध्यान एकाग्रता के गुणों को पहचान जाते हैं
-
निर्णय लेने के क्षमता
IAS या अन्य उच्च अधिकारियों को हर समय निर्णय लेने पड़ते हैं। UPSC परीक्षाओं के प्रश्न पत्र परीक्षार्थियों में निर्णय लेने की क्षमताओं को पहचानते हैं
-
सजग व सतर्क व्यक्तित्व
IAS को सजग व सतर्क होना आवश्यक है और UPSC परीक्षाओं का उद्देश्य सजग व सक्रिय व्यक्ति को शोध करना ही है
-
मौलिक सोच
IAS अधिकारी की सोच में मौलिकता होना जरूरी है और UPSC परीक्षाएं मौलिक सोच वाले व्यक्तियों की खोज करती हैं
-
विश्लेषण करने में प्रवीण
IAS अधिकारियों में विश्लेषण करने की क्षमता होनी जरूरी है और UPSC परीक्षाओं से सरकार विश्लेषण करने के क्षमता वालों को खोज लेती है
-
कम्युनिकेशन स्किल
IAS में सूचनाओं के आदान प्रदान व समझाने की अकूत क्षमता होनी चाहिए। सीके लिए व्यक्ति में भाषा पर पकड़ होनी चाहिए और UPSC परीक्षाओं के प्रश्न पत्र परीक्षार्थी की भाषा पर पकड़ की जाँच भी करते हैं
-
Master of All याने भण्डार
IAS को सभी तरह के ज्ञान आवश्यक हैं इसीलिए UPSC परीक्षाओं के प्रश्न पत्र सामान्य परीक्षाओं से अलग होते हैं।
-
सत्य निष्ठा
IAS अभ्यार्थी की सत्य निष्ठ गुणों की जाँच लिखित व साक्षात्कार द्वारा की जाती है
-
साक्षात्कार
साक्षात्कार द्वारा अभ्यार्थी /परीक्षार्थी के कई गुण /अवगुणों का पता लगाया जाता है। व्यक्तित्व की पहचान साक्षात्कार से होती है।
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला - 7 में.....
-
-
कृपया इस लेख व " हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है" आशय को कम से कम 7 लोगों तक पँहुचाइये प्लीज !
-
I
--
IAS परीक्षा में परीक्षार्थी असफल क्यों होते हैं ?
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -7
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
यदि आप सरकारी सांख्यकी को पढेंगे तो पाएंगे कि साढ़े चार लाख परीक्षार्थियों के UPSC /IAS परीक्षा फार्म भरने या 2 से 2. 5 लाख परीक्षार्थियों के परीक्षाओं में बैठने के बाद केवल 1000 के करीब परीक्षार्थी ही सफल होते हैं।
Year/Details 2007-08 2008-09 2009-10 2010-11
Prelims Applied 333680 325433 409110 497187*
Prelims Appeared 161469 167035 193091 NA
Mains Applied 9158 11669 11894 11984
Mains Appeared 8886 11330 11516 NA
Interviewed 1883 2136 2281 NA
Selected 638 791 875 920
(एक ब्लॉग से )
इसका कारण यह नही कि IAS अदि परीक्षाएं कठिन होती हैं अपितु निम्न कारण मुख्य कारण हैं -
१- 40 -50 % फ़ार्म भरने के बाद परीक्षा में बैठते ही नही हैं
२-आधे से अधिक परीक्षार्थी कोई तैयारी नही करते हैं और केवल परीक्षा में बैठने की गरज से बैठ जाते हैं।
३- अनुसूचित /जनजाति के लिए अटेम्प्ट की कोई सीमा नही होती है तो परीक्षार्थी अटेम्प्ट करते जाते हैं
४-पिछड़े वर्ग के लिए अटेम्प्ट अवसर 7 हैं तो बिना तयारी के परीक्षा में बैठने वाले बहुत होते हैं
५- कुछ परीक्षार्थियों की ठीक से नही हो पाती है फिर भी परीक्षा में बैठ जाते हैं
६-कुछ बिना तयारी के केवल अनुभव प्राप्त करने के लिए परीक्षाओं में बैठ जाते हैं
इस कारण समाज में गलतफहमी फैली है कि IAS /UPSC परीक्षा कठिन है।
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला - में..... 8
-
-
कृपया इस लेख व " हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है" आशय को कम से कम 7 लोगों तक पँहुचाइये प्लीज !
-
क्या IAS पाठ्यक्रम अत्याधिक कठिन हैं ?
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -8
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
कठिनता के कई आयाम होते हैं। कई कोण होते हैं। IAS (UPSC ) परीक्षाओं बारे भ्रान्ति है कि IAS (UPSC ) परीक्षाएं अति कठिन होती हैं। लेकिन यह भ्रान्ति है भारतीय सरकार सामान्य नागरिक को IAS /IRS/IFS /IFS बनाती है ना कि महामानवों को।
वास्तव में 95 प्रतिशत परीक्षार्थी क्रमगत , निरन्तर व गतिशील पढाई नही करते हैं असफल होते हैं भ्रान्ति फैला दी जाती है कि IAS (UPSC ) परीक्षाएं पास करना महामानवों कार्य है।
१- IAS (UPSC ) परीक्षा हेतु न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएसन है और परीक्षार्थी को छूट है कि वह च्वाइस के चुने।
२- IAS (UPSC ) परीक्षा स्तर ग्रेजुएट से कुछ अधिक व पोस्ट ग्रेजुएट से कुछ कम ही होता है याने IAS (UPSC ) परीक्षा स्तर कोई दूसरे ब्रह्मांड नही अपितु विश्वविद्यालय शिक्षा निकट ही होता है
३- IAS/ RS/IFS /IFS उच्च पद हैं तो कुछ परीक्षर्थी के स्तर में असाधारण स्तर होना लाजमी है
४- पाठ्यक्रम कठिन तभी लगता है जब परीक्षार्थी ग्रेजुएसन से अलग ही विषय चुना जाय।
५- पाठ्यक्रम कठिन तभी लगता है जब परीक्षार्थी परीक्षा में या IAS बनने में अधिक में अधिक रूचि न ले।
६- रट्टा मारने की पुरानी आदत कारण पाठ्यक्रम कठिन लगता है
७- यदि IAS (UPSC ) परीक्षा की तुलना राज्य स्तर से की जाय तो IAS (UPSC ) परीक्षा कठिन लगती है
८- IAS (UPSC ) परीक्षा को सम्पूर्णता हिसाब से देखकर अपितु परीक्षा नम्बर एक व परीक्षा दृष्टि से देखने से IAS (UPSC ) परीक्षा पाठ्यक्रम कठिन लगता है।
क्रमगत , निरन्तर व दिल से /जनून से यदि पढ़ाई की जाय तो IAS (UPSC ) परीक्षा पाठ्यक्रम सरल लगने लगता है.
IAS (UPSC ) परीक्षा वास्तव में प्रतियोगी परीक्षा अतः IAS (UPSC ) परीक्षा में पास तभी हो सकते हैं आप दूसरों से आगे हों।
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला - में..... 9
-
-
-- AS परीक्षा के लिए कितना परिश्रम चाहिए ?
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -9
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
अधिसंख्य परीक्षार्थी , व अभिभावक व सामान्य लोग IAS परीक्षाओं को अति कठिन नाम दे देते हैं और परीक्षार्थी के मन में जटिलता पैदा कर देते हैं।
चूँकि IAS Exams प्रतियोगी व अखिल भारतीय स्तर की परीक्षाएं हैं अतः IAS परीक्षाएं अन्य परीक्षाओं से विशेष बन जाती हैं।
यह सही है कि IAS /UPSC परीक्षाओं हेतु तैयारी के लिए मेहनत /परिश्रम /Hard Work की अति आवश्यकता है।
पण्डित व स्वयंकई IAS अधिकारियों का कहना है कि यदि निरन्तर , क्रमबद्ध व जनून के साथ पढाई की जाय तो शुरू के एक साल तक प्रतिदिन 5 -6 घण्टे अध्ययन के लये काफी हैं।
याद रहे की एक ही विषय पर केवल एक सही लेखक की पुस्तक पढ़ना तर्कसंगत है ना कि एक विषय के लिए ५ -६ लेखकों की किताबें पढ़कर मस्तिष्क को कन्फ्यूज करना।
एक विषय के लिए सभी लेखकों की किताबें व सामान्य ज्ञान बढाने के लिए 5 -6 अखबार रोज पढ़ना वास्तव में मस्तिष्क को बोझ देना है। कम , ठोस (ध्यान केंद्रित कर ) व याद रखने वाली पढाई से IAS बना जा सकता है ना कि 15 घण्टों में कन्फ्यूजिंग पढ़ाई से।
एक विषय में दो से अधिक लेखकों की किताबें वास्तव में अवैज्ञानिक , प्रतिउत्पादक (Counter Productive ) ही सिद्ध होती हैं।
IAS /UPSC परीक्षा हेतु कम पढिये किन्तु जो पढा जाय वह अच्छी तरह पढ़ा जाय सिद्धांत काम आता है
परिश्रम भी निरन्तर और क्रमबद्ध तरीके (वैज्ञानिक तरीके ) से ही होना चाहिए।
IAS परीक्षा की तैयारी के साथ साथ शारीरिक अभ्यास (Exercise ) योग , मनोरंजन भी उतना ही आवश्यक है जितना कि परिश्रम।
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला - में.....10
-
IAS (UPSC ) में अंग्रेजी ज्ञान का महत्व
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -10
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
IAS (UPSC ) परीक्षाओं में बैठने वाले परीक्षार्थियों को सबसे अधिक भय परीक्षाओं के अंग्रेजी माध्यम में देने से लगा रहता है।
किन्तु यह गलत धारणा है कि अंग्रेजी विज्ञ ही IAS (UPSC ) परीक्षा पास कर सकते हैं।
IAS (UPSC ) की परीक्षाएं सभी संविधान में लग्न भारतीय भाषाओं के माध्यम से दी जा सकती हैं और वे परीक्षार्थी भी सफल IAS आदि सिद्ध हुए हैं जिन्होंने हिंदी या अन्य भाषाओं से IAS (UPSC ) परीक्षाएं पास की हैं।
IAS (UPSC ) परीक्षा में एक पेपर अंग्रेजी का होता है जिसे पास करना आवश्यक है और इतनी अंग्रेजी जानना आवश्यक है।
सभी पण्डित व प्रशासनिक अधिकार भी राय देते हैं कि जिनकी अंग्रेजी कमजोर हो उन्हें हिंदी या अन्य भाषा माध्यम से IAS (UPSC ) परीक्षा में बैठना चाहिए।
IAS (UPSC ) परीक्षाओं में अंग्रेजी या अन्य भाषाओं में कोई भेद भाव नही बरता जाता है।
अंग्रेजी का भय केवल मनोवैज्ञानिक भय है और कुछ नही।
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -11 में.....
-
क्या विश्वविद्यालयी फर्स्ट क्लास ही IAS बन सकते हैं ?
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -11
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
समाज में कुछ गलतफहमी , भ्रांती , कन्फ्यूजन फैला हुआ है कि IAS/IPS/IFS/IRS (UPSC ) परीक्षा में विश्वविद्यालय में फर्स्ट क्लास पास छात्र ही सफल होते हैं। यदि प्रशासन को विश्वविद्यालय से फर्स्ट क्लास पास छात्रों को IAS/IPS/IFS/IRS सेवा में लेना होता तो फिर UPSC /लोक सेवा परीक्षा ही नही होतीं।
IAS/IPS/IFS/IRS (UPSC ) परीक्षा का उद्देश्य प्रशासनिक योग्यता वाले अभ्यार्थियों को चुनना है ना कि विश्वविद्यालय के फर्स्ट क्लास छात्रों को।
महान अकबर एक कुशल प्रशासक थे और वह बिलकुल अनपढ़ थे।
अतः IAS/IPS/IFS/IRS (UPSC ) परीक्षा में बैठते समय इस बात की चिंता नही करनी चाहिए कि आपने ग्रेजुयेसन या पोस्ट ग्रेजुयेसन किस डिवीजन से पास किया है।
आपको तो IAS/IPS/IFS/IRS (UPSC ) परीक्षा की सफलतापूर्वक तैयारी करनी है ना कि विश्वविद्यालय में डिवीजन की ।
यह आवश्यक नही कि आप फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हों और आपने IAS/IPS/IFS/IRS (UPSC ) परीक्षा की क्रमगत व निरन्तर रूप से तैयारी नही की तो आप सफल होंगे।
IAS/IPS/IFS/IRS (UPSC ) परीक्षा की तैयारी IAS/IPS/IFS/IRS (UPSC ) परीक्षा के अनुरूप ही की जानी चाहिए।
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -12 में.....
क्या पारिवारिक पृष्ठभूमि IAS बनने में कठिनाई उत्पन करती है ?
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -12
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
जिस तरह IAS बनने हेतुअंग्रेजी ज्ञान के बारे में भ्रांतियां फैली हैं उसी तरह पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में भी आकांक्षियों के मन में सन्देह पैदा करता है। पारिवारिक या पृष्ठभूमि के बारे में अनावश्यक सन्देह पैदा कर दिया गया है।
IAS /UPSC परीक्षा में सफलता हेतु पारिवारिक पृष्ठभूमि नही किन्तु IAS /UPSC परीक्षा के लिए सही तरीके की तैयारी की आवश्यकता होती है। उत्तराखण्ड ने कई IAS /IRS /अथवा सेना अधिकारी दिए हैं और अधिसंख्य में पारिवारिक पृष्ठभूमि का कोई हाथ नही रहा है अपितु अभ्यार्थी की अपनी सही तैयारी रही है। ग्रामीण पृष्ठ भूमि का भी IAS /UPSC परीक्षा में सफल /असफल होने हेतु कोई संबन्ध नही है।
हाँ परिवार , रिस्तेदारों व समाज से परीक्षा हेतु संसाधन , निरन्तर प्रोत्साहन , व अन्य सहायता आवश्यक हैं।
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -13 में.....
IAS (UPSC ) परीक्षा में कोचिंग क्लास का महत्व
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -13
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
जब से भारत सरकार ने IAS (UPSC ) परीक्षा में परीक्षा माध्यम हिंदी या स्थानीय भाषा को स्थान दिया है IAS (UPSC ) परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ी है और कोचिंग क्लासों की संख्या भी बढ़ी है।
कोचिंग क्लास से IAS (UPSC ) परीक्षा में सहायता लेने वाले परीक्षार्थी निम्न प्रकार के हैं -
१- जिन्होंने तय कर लिया है कि IAS (UPSC ) परीक्षा में कोचिंग क्लास बेकार है।
२- जिन्होंने तय कर लिया है कि IAS (UPSC ) परीक्षा में कोचिंग क्लासकी सहायत आवश्यक है।
३-जो तय ही नही कर पाते कि IAS (UPSC ) परीक्षा में कोचिंग क्लास आवश्यक हैं या नही दुविधाग्रस्त परीक्षार्थी
४-जो कोचिंग क्लास ज्वाइन करना चाहते हैं किन्तु किन्ही कारण वस जैसे ग्रामीण स्थल में निवास के कारण कोचीन क्लास से पढ़ाई नही कर पाते
५- जो चाहते हुए भी अर्थाभाव के कारण IAS (UPSC ) परीक्षा में कोचिंग क्लास से सहायता नही ले पाते हैं
६- जो ऑन लाइन कोचीन क्लास को बेहतर विकल्प मानते हैं
-
शेष क्या IAS/IPS/IFS/IRS परीक्षा हेतु कोचिंग क्लास आवश्यक है ? पढिये IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -14 में.....
-
-
AS /UPSC परीक्षाएं हेतु कोचिंग क्लास चुनाव
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -14
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
यदि आपने IAS /UPSC परीक्षाएं हेतु कलोचिंग क्लास की सहायता लेने का निर्णय ले लिया हो तो अच्छे कोचिंग क्लास चुनाव हेतु निम्न बातों का ध्यान आवश्यक हैं -
-
१- पुराने छात्रों से सलाह व उनकी राय पूछना /पिछ्ला रिकार्ड कैसा है ?
२-नए कोचिंग क्लास के फैकल्टीज के बारे में जानकारी लेना आवश्यक होता है।
३-कोचिंग क्लास के इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाजनक व परीक्षा सहायक होना चाहिए
४-क्या कोचीन क्लास का मालिक स्वयं पढाता है ? क्या कोचिंग क्लास का मालिक IAS /IPS/IFS/IRS रह चुके हैं ? जैसे प्रश्नों का उत्तर ढूँढना आवश्यक है
५-कोचिंग क्लास के ब्रैंड या विज्ञापन की सच्चाई जाननी आवश्यक है
६- कुछ क्लास प्रवेशार्थी की अग्रिम परीक्षा भी लेते हैं
७-अध्यापकों के बारे में जानकारी आवश्यक है
८- फीस की तुलनात्मक जांच आवश्यक है
९- कोचिंग क्लास IAS /UPSC परीक्षा पास करने की गारेंटी नही अपितु केवल एक सहायता है और इसे सहायता के रूप में ही लिया जाना चाहिए
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला - 15 में.....
-
-
कृपया इस लेख व " हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है" आशय को कम से कम 7 लोगों तक पँहुचाइये प्लीज !
IAS/UPSC परीक्षा की सफलता हेतु योजनाबद्ध रूप से कार्य सम्पादन
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -15
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
बोर्ड की परीक्षाओं हेतु भी योजनाबद्ध तरीके से कार्य सम्पादन याने तैयारी आवश्यक होती है और IAS/UPSC परीक्षा हेतु भी योजनाबद्ध तरीके से तैयारी आवश्यक है।
-
IAS/UPSC परीक्षा तीन चरण
-
IAS/UPSC परीक्षा तैयारी हेतु परीक्षाओं चरणों के बारे में जानना आवश्यक है
IAS/UPSC की प्रारम्भिक परीक्षा
IAS/UPSC परीक्षा का मुख्य परीक्षा
IAS/UPSC परीक्षा का साक्षात्कार
IAS/UPSC के सभी तीनो परीक्षाओं को पास करना आवश्यक है और प्रतियोगिता होने के लिए यथेष्ठ अंक भी लाना आवश्यक है
-
कितने अटेम्प्ट में IAS/UPSC परीक्षा पास की जा सकती हैं ?
-
१- सामान्य वर्ग हेतु 6 अटेम्प्ट हैं
२-पिछड़े वर्ग के लिए 9 अटेम्प्ट हैं
३- अनुसूचित और जनजाति के लिए कोई अटेम्प्ट सीमा नही है किन्तु आयु सीमा निर्धारित है
IAS/UPSC परीक्षा में आयु सीमा
-
१- सामान्य वर्ग हेतु आयु सीमा 21 -30 वर्ष है
२- पिछड़ा वर्ग हेतु आयु सीमा 21 - 35 ((3 वर्ष Exemption) वर्ष है
३- अनुसूचित व जनजाति वर्ग हेतु आयु सीमा - 37 वर्ष है
४- दिव्यांग वर्ग हेतु आयु सीमा 40 वर्ष है
५-जम्मू कश्मीर -सामान्य 37 . OBC -40 , SC , ST 42 , दिव्यांग -50
६-दिव्यांग Ex Service men सामान्य 37 . OBC -38 , SC , ST 40
-
IAS/UPSC परीक्षा की सफलता हेतु योजना हेतु श्रंखला -16 में.....
सवीं कक्षा पास करने के बाद ही IAS /UPSC परीक्षा तैयारी सही है
IAS /UPSC परीक्षा के लिए लबी योजना आवश्यक है
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है )
-
IAS/IRS/IFS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -16
-
गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
-
IAS /UPSC परीक्षायें बिना योजनाबद्ध तरीके से पास नही की जा सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि IAS /UPSC परीक्षा की तैयारी वास्तव में मैराथन दौड़ जैसी हैं। IAS /UPSC परीक्षायें जल्दबाजी में पास नही की जाती हैं अपितु लम्बी योजना से ही पास की जाती हैं।
वास्तव में IAS /UPSC परीक्षा की तैयारी दसवीं कक्षा पास करने के बाद ही करना लाभप्रद है।
दसवीं कक्षा पास करने के बाद IASआकांक्षी बहुत से विषयों जैसे सामान्य ज्ञान व अन्य विषयों में धीरे धीरे ज्ञान प्राप्त करता जाता है।
परीक्षा का अपना एक विशेष मनोविज्ञानं भी होता है और इसके लिए एक वर्ष काफी नही होता है बल्कि एक दो साल लग ही जाते हैं।
ऑप्शनल विषय जो कि पढाई की कश्क्षाओं में ना पढ़ाई जायँ तो उस विषय में भी धीरे धीरे पारंगत हासिल करने हेतु लम्बी योजना ही काम आती है।
-
शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -17 में.....
-
AS/UPSC परीक्षा तैयारी किस उम्र में शुरू करनी चाहिए ?
-
( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई की पहल –हर उत्तराखंडी I