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Bhishma Kukreti:
Preparation for IAS Exam, UPSC exams
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आंकड़ों को कैसे याद करना चाहिए

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( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई  की मुहिम  –हर उत्तराखंडी  IAS बन सकता है )

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IAS/IRS/IFS/IPS  कैसे बन सकते हैं श्रृंखला  -48

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गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती

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  UPSC की परीक्षा में आंकड़े याद करना भी आवश्यक होते हैं।  किंतु यदि गलत आंकड़े /अंक /नंबर लिख दिया तो परीक्षा में लाभ के ेजगह हानि ही अधिक होती है।  अतः आंकड़े वही दो जो आपको बिलकुल सही तरह से याद हों या जिस आंकड़े पर सही होने का पूरा विश्वास  हो।
     आंकड़े अधितर एक दूसरे के साथ गडमड हो जाते हैं अतः आंकड़े याद करते वक्त व बाद में भी आंकड़ों के प्रति संवेदन होना आवश्यक है।
  आंकड़े याद करने के लिए सबसे पहला नियम है जिन आंकड़ों की आपको आवश्यकता ही नहीं या जो आंकड़े प्रासांगिक नहीं हैं उन्हें याद ही नहीं करो।  अप्रसांगिक आंकड़ों को न  याद करना ही लाभकारी है।
     आंकड़े  को  दूसरे आंकड़े से संबद्ध करने से आंकड़े याद करने में सहायक होते हैं जैसे उस क्षेत्र की लम्बाई 1974  किलोमीटर है और चौड़ाई 1458 किलोमीटर।  तो उत्तम है कि याद किया जाय कि क्षेत्र की लम्बाई लगभग 2 हजार किलोमीटर है और चौड़ाई लम्बाई से 5 सौ किलोमीटर कम है।
    एक आंकड़े को अंतरसंबद्ध करना ही हितकर है।
  फिर आंकड़े भी तभी याद रहते हैं जब उन्हें बार बार उपयोग किया जाय और लिखा जाय।  आंकड़ों को बार बार लिखा जाना भी श्रेयकर है। 



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शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -  49में.....
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कृपया इस लेख व "

हर उत्तराखंडी IAS बन सकता है"
आशय को  7  लोगों तक पँहुचाइये प्लीज !
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IAS Exams, IAS Exam preparation, UPSC exams, How I can be IAS , Rules of IAS exams, Characteristics of IAS exam, How will I success IAS exam, S UPSC Exam Hard ?Family background and IAS/UPSC Exams, Planning IAS Exams, Long term Planning, Starting Age for IAS/UPSC exam preparation, 
Sitting on other exams ,
Should IAS Aspirant take other employment while preparing for exams?, Balancing with College  Study ,
Taking benefits from sitting on UPSC exams, Self Coaching IAS/UPSC Exams,  Syllabus  IAS/  UPSC Exams

Bhishma Kukreti:

Preparation for IAS Exam, UPSC exams
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परीक्षाओं में समाचार पत्रों का महत्व

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( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई  की मुहिम  –हर उत्तराखंडी  IAS बन सकता है )

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IAS/IRS/IFS/IPS  कैसे बन सकते हैं श्रृंखला  - 49

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गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती

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 UPSC की परीक्षाओं में सामन्य ज्ञान व इंटरव्यू के 25  क्या 50 प्रतिशत से ऊपर प्रश्न उत्तर वास्तव  में समाचार पत्रों से मिल जाते हैं।
समाचार पत्र आपको पर्टियोगीगामी बनाता है।
समाचार पत्रों से आपको ददुनिया में सामाजिक , राजनैतिक, आर्थिक, कृषि , खेल , तकनीकी परिवर्तन व तकनीक प्रबंधन जैसे कई विषयों पर ताजा  ज्ञान मिलता रहता है और जो परीक्षाओं व इंटरव्यू में भी पूछे जाते हैं।
सामन्य ज्ञान व विशिष्ठ ज्ञान के कई उत्तर जो खिन नहीं मिल पते वे समाचार पत्रों में मिल जाते हैं
जहां जनरल नॉलेज की पुस्तकें नीरस होती हैं वहीं समाचार पत्रों में सरसता होती है।

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शेष IAS/IPS/IFS/IRS कैसे बन सकते हैं श्रृंखला -  में.....
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Preparation for IAS Exam, UPSC exams
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 समाचार पत्रों की संख्या

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( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई  की मुहिम  –हर उत्तराखंडी  IAS बन सकता है )

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IAS/IRS/IFS/IPS  कैसे बन सकते हैं श्रृंखला 50-

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गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती

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  समाचार पत्रों के सम्पादकीय व अन्य आवश्यक घटनाओं हेतु समाचार पत्र पढ़े जाते हैं।  किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के परीक्षार्थी किन किन और कितने समाचार पत्र पढ़े जायं पर कनफ्यूज रहते हैं।  समाचार पत्र परीक्षार्थी को आज के ज्ञान व अन्य ज्ञान हेतु वश्य्क है किन्तु परीक्षार्थी को समझना चाहिए कि समाचार पढ़ने में समय कम ही लगाना चहिये। 
   सभी विज्ञ सलाहकारों की रराय  है कि निम्न स्तरीय समाचार पत्र ही पढ़े जाने चाहिए और तीन से अधिक समाचार पत्र कतई नहीं पढ़ने चाहिए -
1 -राष्ट्रीय समाचार पत्र
2 - प्रादेशिक समाचार पत्र
3 - फिनेंसियल समाचार पत्र
समाचार पत्र वही पढ़ने चाहिए जिस भाषा  माध्यम में आप परीक्षा दे रहे हों।
अंग्रेजी समाचार पत्र तभी पढ़ना चाहिए कि जब आपको अंग्रेजी समझ में आती हो। 


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समाचार पत्रों में क्या क्या पढ़ना चाहिए

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( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई  की मुहिम  –हर उत्तराखंडी  IAS बन सकता है-51 )

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IAS/IRS/IFS/IPS  कैसे बन सकते हैं श्रृंखला  -51

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गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती

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   बहुत से या कहें अधिसंख्य   UPSC परीक्षार्थी समाचार पत्रों को परीक्षाओं की दृष्टि  से पूरा पढ़ते हैं कि पता नहीं परीक्षा में क्या प्रश्न आ जा।  किन्तु भूल जाते हैं कि प्रत्येक समाचार पत्र अपने आप में महासागर है और महासागर को पीने की चेष्टा करना याने कुछ भी याद न रखना है। 
  UPSC परीक्षा में महत्वपूर्ण जनरल नॉलेज के प्रश्न पूछे जाते हैं जिनका रोजमर्रा जिंदगी या प्रशासन में महत्व होता है।  अत : परीक्षार्थी को UPSC परीक्षा की दृष्टि से निम्न पृष्ठों को ही ध्यानपूर्वक ,स्मरणार्थ पढ़ना चाहिए -
मुखपृष्ठ - मुखपृष्ठ में मुख्य सूचना/समाचार /न्यूज होते हैं अत: इन समाचारों को स्मरणार्थ पढ़ना आवश्यक है
सम्पादकीय - सम्पादकीय पृष्ठ में संपादक मंडल के अतिरिक्त कई ज्ञानियों, विशेषज्ञों  के विभिन्न विषयों पर प्रादेशिक से लेकर अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानवर्धक लेख होते हैं जो कई विषयों को संबद्ध  करने में सक्षम होते हैं।  सम्पादकीय लेख ज्ञान वर्धन हेतु ही नहीं विश्लेषण शक्ति वर्धन हेतु भी महत्वपूर्ण होते हैं। एक लेख में कई अन्य संबन्धीय विषयों का तर्कसंगत मिश्रण होता है।
खेल समाचार -खेल समाचार भी जनरल नॉलेज ज्ञान हेतु आवश्यक है
अन्य समाचार - जैसे पुरुष्कार , नई खोज , विज्ञानं पर्यावरण संबधी , नए करतबों के बारे में समाचार पत्र में पढ़ने तर्कसंगत हैं। 



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समाचार पत्रों को सजग व सचेत होकर पढ़ना

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( गढवाल भ्रातृ मंडल (स्थापना -1928 ) , मुंबई  की मुहिम  –हर उत्तराखंडी  IAS बन सकता है )

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IAS/IRS/IFS/IPS  कैसे बन सकते हैं श्रृंखला  -52

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गढ़वाल भ्रातृ मण्डल हेतु प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती

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 जब परीक्षार्थी IAS परीक्षा उद्देश्य हेतु समाचार पत्र पढ़ते हहों  तो उन्हें समाचार पत्र सजग , सचेत व गंभीर होकर पढ़ना चाहिए।
  वास्तव में परीक्षार्थी को समाचार पत्र समाचार हेतु नहीं पढ़ना चाहिए अपितु अध्ययन हेतु पढ़ना चाहिए और विशेष जैसे सम्पादकीय  को समझने के उद्देश्य से ही पढ़ना चाहिए।
समाचार पत्र अध्ययन हेतु एक नॉट बुक अवश्य बनानी चाहिए और उसमे रोज नोट्स लिखना चाहिए
समाचार पत्रों के विशेष लेखों की कटिंग कर अलग फ़ाइल बनानी ही चाहिए
यदि कोई समाचार में संदर्भ आता है उस संदर्भ के बारे में तुरंत जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए
 स्थान संबंधी समाचार के बाद स्थान की जानकारी आवश्यक है
    प्रत्येक विषय के नॉट व कटिंग आवश्यक नहीं होती अपितु विशेष व महत्वपूर्ण विषयों के नोट्स बनाना चाहिए व कटिंग रखनी चाहिए -
  १- सरकारी नीति व योजनाएं
२-मूलभूत आर्थिक नीति संबंधी
३-संविधान से संबंधित
४-महत्वपूर्ण आयोगों की सूचनाएं
५-प्रशासन संबंधु मुख्य समाचार
६- वैज्ञानिक खोजें
७- आपदाएं व प्रबंधन
८- पर्यावरण संबंधी
  समाचार पढ़ने के बाद उन विषयों पर 15 -20 मिनट तक पुनर्विचार करना आवश्यक होता है


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