मल जी,
आपको नमस्कार तथा मेरा पहाड़ में स्वागत है, में आपको मेरे विकी WikiUttarakhand का सदस्य बनने के लिए भी धन्यवाद देना चाहता हूँ. आशा है WikiUttarakhand को आपका मार्गदर्शन प्राप्त होता रहेगा. मेरा आपसे सवाल है कि क्या बिना सनसनीपूर्ण ख़बरों और बिना लटके झटकों के उत्तराखंड में भी कोई क्षेत्रीय टीवी चैनल आरंभ किया जा सकता है तथा यह की क्या वह व्यावसायिक रूप से सफल हो पायेगा?
आजकल टीवी चैनल्स पर समाचार कम और आम दर्शक को दिग्भ्रमित ज्यादा किया जा रहा है. समाचार में समाचार वाचक कम और जासूस, न्यायधीश, अधिवक्ता और विशेषज्ञ ज्यादा बनने की कोशिश करता है. सरे चैनल पर एक ही समाचार एक्सक्लूसिव दिखाया जा रहा होता है. मनोरंजन के नाम ओअर जो पेश किया जाता है उसकी में चर्चा मैं नही करना चाहता.
छोटा परदा एक शक्तिशाली मीडिया है पर उसका प्रभावपूर्ण इस्तेमाल अभी तक नही हुआ है. क्या छोटे परदे का उपयोग हम अपनी संस्कृति, परम्पराओं, साहित्य तथा दिन प्रतिदिन हो रहे विकास के कार्यों के बारे में आने वाली पीडी तथा पूरे विश्व में फैले उत्तराखंड प्रवासियों के लिए कर सकते हैं? लेकिन में अपना प्रश्न फ़िर दोहराऊंगा की क्या वह व्यावसायिक रूप से सफल हो पायेगा?