दा,
याद आती है?.... गाड़ में नहाना, माच्छा मारन, टेलीफोन के तार में पत्थर मारना, स्कूल न जाकर घुच्ची खेलना, अंटी खेलना, ठिण-दाबुली (गुल्ली-डंडा) खेलना, लुक्चुप्पी, पकड़चुप्पी, काफल, हिसालू, किरमोड़ा, खुमानी, पुलम, चोर के ककड़ी खाना, ...........जब ये दिन याद आते हैं तो आंसू भी आते होंगे... उन आंसूओं को कैसे रोकते हैं?