१. अभी तक जो खबर है, उसके अनुसार, फिल्म की रिलीज़, मुंबई- दिल्ली- पुणे- नासिक, अहमदाबाद और शायद काल्चुत्ता और बंगलोरे मैं होगी. मैंने अपनी तरफ से देहरादून नैनीताल की रिलीज़ का बहुत प्रयत्न किया, पर असफल रही. पर नैनीताल मैं २९ को फिल्म फेस्टिवल को शुक्रिया की वोह इसे दिखा रहे हैं. मैं खुद चाहती हूँ की पहाड़ आ कर फिल्म का प्रदर्शन जगह जगह करूँ. यह मैं करूंगी२ . जी, पूरी फिल्म उत्तराखंड मैं शूट हुई, बागेश्वर- चौकोरी- कराला-काली धुन्ग्दी - मुन्सियारी मैं शूट हुई३. विशेषता तो दर्शक बता सकते हैं, निर्माता नहीं. पर हम सबने कड़ी महनत की है, और मेरी भी कोशिश रही है की एक सरल सुन्दर तरीके से पहाड़ी इलाकोंकी ख़ास सभ्यता दर्शाते हुए ऐसी कहानी बताओं जिस से हर कोई जुड़ सके. आपसे अनुरोध है की पिक्चर देखने के लिए सपरिवार, याने आमा बूबी संग आईएगा Quote from: dramanainital on October 25, 2010, 03:02:03 PM hello bela,this is harshu from nainital.best of wishes for your film "daayen yaa baayen". I hope this film catches all the all that you expect it too.will go watch the film in Nainital film festival.Quote from: apnauttarakhand on October 25, 2010, 03:04:02 PMबेला जी, मेरे कुछ और प्रशन है :१) यह फिल्म भारत कौन -२ से शहरो में प्रदर्शित होगी?२) दायें और बाएं की शूटिंग कहाँ कहाँ हुयी है उत्तराखंड में ?३) सबसे महवपूर्ण प्रशन है - दर्शक ख़ासकर पहाड़ी लोगो को क्यों इस फिल्म को देखना चाहिए! कोई विशेषता ?
hello bela,this is harshu from nainital.best of wishes for your film "daayen yaa baayen". I hope this film catches all the all that you expect it too.will go watch the film in Nainital film festival.
बेला जी, मेरे कुछ और प्रशन है :१) यह फिल्म भारत कौन -२ से शहरो में प्रदर्शित होगी?२) दायें और बाएं की शूटिंग कहाँ कहाँ हुयी है उत्तराखंड में ?३) सबसे महवपूर्ण प्रशन है - दर्शक ख़ासकर पहाड़ी लोगो को क्यों इस फिल्म को देखना चाहिए! कोई विशेषता ?
बेला जी, कुच्छ टाइम पहले मैंने हमारी फिल्म के इन्टरनेट पेज पर यह लिखा था- अभी उसे यहाँ पर उस ही रूप मैं लिख दे रही हूँ-Would like to dedicate this film which is set in Uttarakhand to Girda and to the school children who died in the landslide near Bageshwar.Girda - because he exemplfied the spirit of an artist, the desire to touch everyone around with his work and the desire to be the voice for people who were not heard. He very humbly accepted a role in this film and brought life to it.To the school children - the spirit to grow and the desire to be somebody is not an easy ambition to have in these parts.मेरा एक प्रशन है उत्तराखंड का प्रसिद्ध जन कवि स्वर्गीय गिरीश तिवारी "गिर्दा" जिनका की हाल ही में अगस्त के निधन हुवा है! मेरी गिर्दा से इस फिल्म के बारे में बात हुयी थी और उन्होंने इस फिल्म की बहुत सराहना की थी, गिर्दा को भी इस फिल्म का बेसब्री से इन्तेजार था दुर्भाग्य से आज गिर्दा हमारे बीच में नहीं है! क्या आप इस फिल्म को गिर्दा को एक श्रधांजलि के रूप समर्पित करते है! इस फिल्म के शूटिंग के दौरान गिर्दा से साथ आपका अनुभव कैसा रहा! शायद गिर्दा इससे पहले भी हिंदी फिल्म वसीयत में काम कर चुके थे?kucch
बेला जी एक प्रश्न आपसे पूछना चाहता हूं उचित समझें तो उत्तर दीजियेगा। पहाड की दशा और दिशा के बारे में आपका क्या कहना है?