"मेहता जी धन्यवाद ...रजनीकान्त सेमवल जी को मेरापहाड़ कम्युनिटी में आमंत्रित करने के लिए ...."
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रजनीकांत सेमवाल जी इस खुबसूरत एल्बम "टिकुलिया मामा" के लिए आपको और आपकी पूरी टीम बधाई के पात्र हैं ..मुझे आपकी, सोनिया आनन्द, प्रमिला जोशी, प्रीति रणाकोटी के स्वर मधुर लगे..गीतों के भाव बहुत ही प्रभावशाली हैं। "हे रामिये.......", "दयारा झूमीलो आपू दे सजाई मा........", 'लोण भरी दोण मेरी सुनीता.....', सारे गीतों का फिल्मांकन सहज हुआ है। तकनीकी दृष्टि से भी कैसेट प्रभावी है। लांग शॉट्स व क्लोज अप को भी बेहतरीन रूप से प्रस्तुत किया गया है। ’दयारा झूमैलो.....’ में दयारा बुग्याल के अप्रितम सौंन्दर्य को वहाँ की मक्खन-मट्ठे की होली की पृष्ठभूमि में छायांकन किया है। ’फूलेंडें डाली फूलै ले जाली दायरा रासो........’ का गीत नृत्य के साथ अभिभूत कर देता है। नृत्य में झूमीलो के साथ दयारा का नैसर्गिक सौन्दर्य जैसे समाहित हो गया हो। पदसंचालन तो अद्वितीय है और बंगाड़, जौनसार व कमलसेरा की समृद्ध नृत्य परम्परा के अनुकूल है। ’लोणभरी दोण’ नृत्य में ’छपाक’ ध्वनि प्रयोग व ’रासो’ का दीर्घ उच्चारण इस नृत्य को मनोहारी बना देता है । यह एल्बम जौनसार, बंगाण, रवाई क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति कि याद दिलाता है...अमित बिश्नोई जी का संगीत निर्देशन खुबसूरत लगा ...और सुरक्षा रावत जी का निर्देशन उनके अनुभव कि परिभाषित करती है ...!
आपके अगले एल्बम का बेसब्री से इंतजार है...!!!