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Live Chat with Emerging Folk Singer Rajnikant Semwal- 23 July 2010 – 3pm

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
और यह रजनीकांत सेमवाल जी .. इस एल्बम सा सबसे हिट गाने में से एक! मुझे यह गाने बहुत ही पसंद है क्योंकि  इस गाने में जिस तरह से उत्तराखंड वाध्य यंत्रो के प्रयोग किया गया है वह लाजवाब है! मेरे हिसाब से मैंने पहले कोई येसा गाना सुना है जिसमे पूरी तरह से ढोल दमाऊ का प्रयोग किया गया! जितना सुंदर गाने का संगीत उतनी ही सुंदर आवाज और फिल्मांकन!
गाना इस प्रकार है थोडा सा "
मेरी सुनीता रेशमी बांद
हाय तेरो रूमाला
रात पियादे कौरादी  की माला
मेरी सुनीता पाको जाल बांद केवे.. मेरी सुनीता .. aayee जाल konda वे मेवेaaha हा हा हा. आया.....एन्जॉय थे विडियो ...

Tikuliya mama

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

सभी सदस्यों से अनुरोध है, आप अपने प्रशन एव सुझाव यहाँ पर पहले पोस्ट कर सकते है!

रजनीकांत सेमवाल जी ने अपने पहले ही एल्बम से लोगो को काफी प्रभावित किया है! उनका दूसरी एल्बम पर काम जोरो पर है! एक चीज मैंने उनके एल्बम पर देखी चाहे उन्होंने समय लिया हो पर क्वालिटी का काम किया है!

Manish Mehta:
"मेहता जी धन्यवाद ...रजनीकान्त सेमवल जी को मेरापहाड़ कम्युनिटी में आमंत्रित करने के लिए ...."
               

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रजनीकांत सेमवाल जी इस खुबसूरत एल्बम "टिकुलिया मामा" के लिए आपको और आपकी पूरी टीम बधाई के पात्र हैं ..मुझे आपकी, सोनिया आनन्द, प्रमिला जोशी, प्रीति रणाकोटी के स्वर मधुर लगे..गीतों के भाव बहुत ही प्रभावशाली हैं।  "हे रामिये.......",  "दयारा झूमीलो आपू दे सजाई मा........", 'लोण भरी दोण मेरी सुनीता.....',  सारे गीतों का फिल्मांकन सहज हुआ है। तकनीकी दृष्टि से भी कैसेट प्रभावी है। लांग शॉट्स व क्लोज अप को भी बेहतरीन रूप से प्रस्तुत किया गया है। ’दयारा झूमैलो.....’ में दयारा बुग्याल के अप्रितम सौंन्दर्य को वहाँ की मक्खन-मट्ठे की होली की पृष्ठभूमि में छायांकन किया है। ’फूलेंडें डाली फूलै ले जाली दायरा रासो........’ का गीत नृत्य के साथ अभिभूत कर देता है। नृत्य में झूमीलो के साथ दयारा का नैसर्गिक सौन्दर्य जैसे समाहित हो गया हो। पदसंचालन तो अद्वितीय है और बंगाड़, जौनसार व कमलसेरा की समृद्ध नृत्य परम्परा के अनुकूल है। ’लोणभरी दोण’ नृत्य में ’छपाक’ ध्वनि प्रयोग व ’रासो’ का दीर्घ उच्चारण इस नृत्य को मनोहारी बना देता है । यह एल्बम  जौनसार, बंगाण, रवाई क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति कि याद दिलाता है...अमित बिश्नोई जी का संगीत निर्देशन खुबसूरत लगा ...और सुरक्षा रावत जी का निर्देशन उनके अनुभव कि परिभाषित करती है ...!

आपके अगले एल्बम का बेसब्री से इंतजार है...!!!


 
 

हेम पन्त:
रजनीकान्त सेमवाल जी उत्तराखण्ड के तेजी से उभरते हुए गायक हैं... उनकी एलबम "टिकुलिया मामा" पारम्परिक संगीत और नये प्रयोगों का बेजोड़ संगम है. "मेरा पहाड" फोरम पर आकर सेमवाल जी अपने प्रशंसकों के सवालों का जवाब देंगे और उत्तराखण्डियों की पसन्द जानकर तदनुसार अपने आने वाले गानों में प्रयोग करेंगे..

हेम पन्त:

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