सेमवाल जी नमस्कार,
"टिकुलिया मामा" आपकी अल्ल्बम आई है......आपको शुभकामनायें........सुना है आप उत्तराखंडी संगीत को ऊँचाइयाँ प्रदान करने को प्रयासरत है....और उभरते हुए गायक हैं....उत्तराखंडी संगीत पर क्या अनोखा प्रोयोग करना चाहते हैं आप. क्या भविष्य देखते हैं पहाड़ी संगीत का. नरेंदर सिंह नेगी की तरह आप गढ़वाली गीत गाकर पहाड़ को क्या सन्देश देंगे ?
jyara ji namste,
abhi to hamne uttarakhandi music mai ek experiment kiya hai, isme abhi bahut kuch kiya jana baki hai, jo ise international look dega.
pahad to khud sabko sandesh deta hai, jhuko mat, attractive lago aur dur se sabko dikho, uncai par, aise hi uttarakhadi folk bhi hai, jiski ham sadhna kar rahe hai.