रजनीकांत भाई आपका हम सभी मेरापहड़ में स्वागत करते है और आशा करते है आज की इस बर्तालाप से हमें आप से उत्तराखंड के गीत संगीत.. की काफी कुछ नयी जानकारिया मिलेगी.. आपकी और सोनिया आनंद जी की आवाज़ बहुत ही सुन्दर है ... पुरे एल्बम में बहुत बढ़िया संगीत और आवाज़ सुनाने को मिला और पुरे पहाड़ और खास कर जौनसार की सुन्दर झलकियों ने मन को. मोह दिया..
प्रशन १ : मेरी जानकारी के हिसाब से आपकी सुरुआत हिंदी गानों से हुए.. अचानक आप उत्तराखंड की तरफ कैसे लौटे..
प्रशन २: लूण भरी दूंण फुन्दू बहुत ही सुन्दर गाना है और इसे फिल्माया भी बहुत सुन्दर ढंग से है.. पर इसका मतलब में कुछ समझ नहीं पाया क्या आप हमें इसका मतलब बताएँगे.. ?
प्रशन ३. उत्तराखंड के संगीत का क्या भविष्य है ... क्यों की अभी तक जितने भी उत्तराखंड के संगीत कार हो या फिर गीत कार या फिर गायक ओ पूरी तरह से इस क्षेत्र में नहीं है ... क्यों की यदि कोए है भी तो पूर्ण रूप से कामयाब नहीं है..सिवास नेगी जी के .. उनकी भी सरकार नौकरी थी इसलिए.. .... इस बारे मे आप क्या सोचते है..?
1- meri shuruaat hindi song se hui thi, 2007 ke cricket world cup ke song "jeet janyenge" ko hamare group ne gaya tha, jisme madhur bhandarkar, rajpal yadav, deepak tizori , amrita arora , sankar shahni ji ke sath vedio shoot hua tha. uttarakhandi folk music mere pitaji late sri digambar prasad semval ji se mujhe virasat mai mili, jab 2006 mai unki death hui to uske baad unki ek dairy mujhe mili, jisme unhone uttarakhndi folk par kam kiya tha, unhi ko tribute dene aur uttarakhandi folk ke liye kuch karne ki unki iccha ko tribute dene liye mai is feild mai aaya.
2- yah gana rawai aur naitwad ilake ka ek folk gana hai, LUN bhari Dun ek phrase hai, jisko jod ke rup mai use karte hai, iska matlab hai bore mai bhara ek matra ka namak hota hai. yah gana us area ki ek folk love story par based hai.
3- bhavisya to bahut accha hai, jo sangeet ke sadna aur seva karna cahte hai, unke liye bright future hai.