ek shrota hone ke nate hamara kya yogdaan ho sakata hai
रजनीकांत भाई थोडा सा अपना संसिप्त परिचय भी हमें दे क्योंकि ये बहुत जरुर हो जाता है की हमें कुछ आपके बारे में कुछ जानकारी हो .. आप कहा से है .. क्या करते है... हिंदी गायन के बाद अचानक पहाड़ी गानों की तरफ कैसे रुख किया.. आप सिर्फ गाने गाते है या फिर... कुछ और .. भी करते है...
Quote from: गढ़वाली परदेशी सत्यदेव सिंह नेगी on July 23, 2010, 03:09:58 PMसेमवाल जी नमस्ते बहुत ख़ुशी होती है आप जैसे लोगों का हमारी बिरादरी में पैदा होना . आपके लिए बहुत सारी शुभकामनायें . आप मेरे जैसे परदेशी उत्तराखंडियों को क्या सन्देश देना चाहेंगे कि ताकि हम अपनी मिटटी के लिए कुछ कर सकेंjaha bhi rahe, apni mitti ki yad apne man mai basa ke rakhe aur hamesha yah yad rakhe ki hamara kam hamare ilake ki pahchan hai. kisi bhi rup mai apni matrabhumi ka karz cukana hai, bas
सेमवाल जी नमस्ते बहुत ख़ुशी होती है आप जैसे लोगों का हमारी बिरादरी में पैदा होना . आपके लिए बहुत सारी शुभकामनायें . आप मेरे जैसे परदेशी उत्तराखंडियों को क्या सन्देश देना चाहेंगे कि ताकि हम अपनी मिटटी के लिए कुछ कर सकें
यदि गानों के बोल ऐसे रखे जायें जो पूरे उत्तराखण्ड के लोग समझ सकें, तो इससे आपके गाने उत्तराखण्ड के अधिकांश लोग पसन्द करने लगेंगे और इस तरह आपके गाने एक बड़े बाजार तक पहुंच बना पायेंगे. आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
सेमवाल जी आप पहाड़ी संगीत को बचाने के लिए क्या योगदान दे रहे हैं ?