यह एक दुःखद परिदृश्य है कि उत्तराखण्ड में फिल्म जगत को प्रमोट करने के लिये ८ साल बाद भी कोई नीति सरकार ने नहीं बनाई। पूर्ववर्ती राज्य उ०प्र० में एक "फिल्म बन्धु" नाम से सरकारी संस्था हुआ करती थी, जो सरकार और फिल्म इंड्रस्ट्री के बीच में संवाद-सेतु का काम करती थी.....उ०प्र० में शूटिंग आदि के लिये यह संस्था प्रयास करती थी और फिल्मकारों को उत्तराखण्ड में आने के लिये प्रोत्साहित भी करती थी। लेकिन हर चीज, हर शासनादेश के लिये उ०प्र० का मुंह देखने वाली उत्तराखण्ड सरकार को यह नहीं दिखाई दिया।
गौर साहब मेरा तो आपसे और फिल्म जगत से जुड़े लोगों से अनुरोध है कि आप लोग इसी सरकारी संस्था की तर्ज पर एक समानान्तर संस्था उत्तराखण्ड में शुरु कर दें और आम जनता आप लोगों के साथ है। क्योंकि हमारे पास ऎसे-ऎसे शूटिंग लोकेशन हैं, जो स्विटजरलैंड में भी नहीं हैं....हमें अपनी फिल्म इंड्रस्ट्री स्थापित करने के साथ-साथ हिन्दी और अन्य भाषाई फिल्मों को उत्तराखण्ड में शूटिंग करने के लिये बुलाना चाहिये।